लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और विधान परिषद में क्या है अंतर ? कैसे चुने जाते हैं MP, MLA और MLC?
देश के लोकतंत्र का संसद (Parliament) एक महत्वपूर्ण अंग है। केंद्र स्तर पर संविधान द्वारा स्थापित विधायिका को संसद कहा जाता है। यह भारत का सर्वोच्च विधायी अथॉरिटी है। भारतीय संसद भवन को 1912-1913 में ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियन और सर हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन किया गया था।
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नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। भारत एक लोकतांत्रिक देश है और इसे विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के रुप में जाना जाता है। भारत 1947 में अपनी आजादी के बाद एक लोकतांत्रिक राष्ट्र बन गया था। उसके बाद भारत के नागरिकों को कई अधिकार मिले, जिसमें उन्हें वोट देकर अपने नेताओं का चुनाव करने का अधिकार मिला।
भारत में केंद्र और राज्य सरकार का चुनाव करने के लिए हर 5 साल में संसदीय और राज्य विधानसभा चुनाव आयोजित किए जाते हैं। यह प्रक्रिया बहुत अहम और कड़ी निगरानी में पूरी होती है।
क्या होती है भारतीय संसद?
देश के लोकतंत्र का संसद (Parliament) एक महत्वपूर्ण अंग है। केंद्र स्तर पर संविधान द्वारा स्थापित विधायिका को संसद कहा जाता है। यह भारत का सर्वोच्च विधायी अथॉरिटी है। भारत की संसद में राष्ट्रपति के साथ दो अन्य सदन होते हैं, जो लोक सभा (हाउस ऑफ पीपल) और राज्य सभा (कांसिल ऑफ स्टेट्स) में विभाजित हैं।
भारतीय संसद भवन को 1912-1913 में ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियन और सर हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन किया गया था। वर्ष 1921 में इसका निर्माण शुरू किया गया था और यह 1927 में बनकर तैयार हुआ था। संसद भवन के निर्माण कार्य में कुल 83 लाख रुपये की लागत आई थी।
भारतीय संविधान (The Constitution of India) के पांचवें भाग के अनुच्छेद (Article) 79 से 122 में संसद के गठन, इसकी संरचना, अवधि, अधिकारियों, प्रक्रिया, विशेषाधिकार सहित अन्य अधिकारों के बारे में बताया गया है।
देश का कोई भी विधेयक (bill) संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित होने के बाद ही एक अधिनियम (Act) बनता है।
भारत के राष्ट्रपति के पास विधायिका के प्रमुख के रूप में संसद के सदन को बुलाने और लोकसभा को भंग करने की पूरी शक्ति है।
लोकसभा
लोकसभा को हाउस ऑफ पीपल (लोअर हाउस) भी कहा जाता है। लोकसभा का उम्मीदवार देश की जनता द्वारा चुना जाता है। लोकसभा में कुल 552 सीट होती है। वर्तमान में केवल 545 सदस्य हैं क्योंकि केवल 13 सदस्य केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करते हैं। लोकसभा सदस्य बनने के लिए 25 वर्ष से अधिक आयु होना चाहिए। इसके साथ ही व्यक्ति का भारतीय नागरिक होना जरूरी है। लोकसभा सदस्यों का कार्यकाल पांच साल के लिए होता हैं। लेकिन प्रधानमंत्री की सलाह पर उसे राष्ट्रपति पहले भी भंग कर सकता है। लोकसभा को असामान्य स्थिति या अन्य बड़े कारणों के चलते भंग भी किया जा सकता है। लोकसभा का काम कानून बनाना, कानून में संशोधन करना , मंत्रिपरिषद के कामों पर अपना नियंत्रण रखना और जनता पर कर लगाने और खर्च करने का निर्णय लेना होता है।राज्यसभा
राज्यसभा को काउंसिल ऑफ स्टेट्स (अपर हाउस) भी कहा जाता है। राज्यसभा के उम्मीदवार MLA (Member Of Lagislative Assembly) द्वारा चुने जाते हैं और इसका चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से किया जाता है। राज्यसभा में कुल 250 सीट होती हैं, जिसमें 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नामित किए जाते हैं। राज्यसभा के चुनाव में सभी विधानसभाओं के विधायक हिस्सा लेते हैं। हालांकि इसमें विधान परिषद के सदस्य वोट नहीं कर सकते। राज्यसभा एक स्थाई सदन है और इसे भंग नहीं किया जा सकता है। राज्यसभा के सदस्यों का कार्यकाल 6 साल का होता है, इसमें हर दो साल पर एक तिहाई सदस्य रिटायर हो जाते हैं, जिस वजह से हर दो साल पर चुनाव होता है।विधानसभा
विधानसभा हर एक राज्य में होता है। उदहारण के तौर पर यूपी, बिहार, महाराष्ट्र और गुजरात। विधानसभा के सदस्यों को MLA कहते हैं। हर राज्य की विधान सभा का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है। लेकिन किसी भी असाधारण स्थिति या विपरीत परिस्थिती में उस राज्य के राज्यपाल राष्ट्रपति को विधासभा भंग करने की सलाह दे सकते हैं। संविधान द्वारा विधित राज्य सूची के विषय पर विधानसभा को कानून बनाने का अधिकार होता है। इसके अलावा, विधानसभा विधान परिषद के साथ मिलकर संविधान में संशोधन भी कर सकती है।विधान परिषद
विधान परिषद देश के सिर्फ 6 राज्यों में है, जिसमें बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश शामिल है। विधानपरिषद के सदस्यों को MLC कहते हैं। विधानपरिषद के सदस्यों का कार्यकाल 6 साल का होता है। MLC बनने के लिए कम से कम 30 वर्ष आयु होनी चाहिए। इसके साथ ही व्यक्ति का भारत का नागरिक होना आवश्यक है। MLC चुने जाने के समय व्यक्ति संसद का सदस्य नहीं होना चाहिए। राज्यसभा की तरह विधान परिषद भी स्थाई है, इसे भंग नहीं किया जा सकता है।कैसे चुने जाते हैं MP
लोकसभा सांसद को अंग्रेजी में MP (मेंबर ऑफ पार्लियामेंट) या संसद का सदस्य कहा जाता है। सांसद वही व्यक्ति बनता है, जिसे हमारे देश की जनता के द्वारा निर्वाचित किया जाता है। बता दें कि हर 5 साल में लोकसभा का इलेक्शन होता है। प्रत्येक सांसद अपने अपने क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं और संसद में यह अपने इलाके में उपलब्ध समस्याओं के बारे में बताते हैं। जो आवेदक जहां से इलेक्शन जीते हुए होते हैं वहां का प्रतिनिधित्व करते हैं।