Odisha Politics: नवीन पटनायक के करीबी VK Pandian ने लिया राजनीति से संन्यास, BJD कार्यकर्ताओं से मांगी माफी

5T के चेयरमैन और BJD नेता वीके पांडियन ने आज यानी रविवार को राजनीति से सन्यास ले लिया है। उन्होंने कहा कि मैं खुद को सक्रिय राजनीति से अलग करने का फैसला करता हूं। अगर इस यात्रा में मैंने किसी को ठेस पहुंचाई है तो इसका मुझे खेद है। अगर मेरे खिलाफ इस अभियान की वजह से BJD की हार हुई है और इसका भी मुझे खेद है।

By Sheshnath Rai Edited By: Shoyeb Ahmed Publish:Sun, 09 Jun 2024 03:54 PM (IST) Updated:Sun, 09 Jun 2024 04:52 PM (IST)
Odisha Politics: नवीन पटनायक के करीबी VK Pandian ने लिया राजनीति से संन्यास, BJD कार्यकर्ताओं से मांगी माफी
BJD नेता VK Pandian ने लिया राजनीति से संन्यास (File Photo)

HighLights

  • चुनावों से पहले वीके पांडियन ने घोषणा की थी और पार्टी की चुनावी हार के बाद वे बीजद के निशाने पर थे
  • पांडियन ने कहा था कि नवीन पटनायक छठी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने में विफल रहे तो वह सक्रिय राजनीति छोड़ देंगे

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। वीके पांडियन ने एक वीडियो संदेश के जरिए सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की है। इसके साथ ही उन्होंने बीजू जनता दल के कार्यकर्ताओं से माफी भी मांगी है।

हाल ही में संपन्न 2024 के चुनावों में बीजू जनता दल (बीजद) की करारी हार के बाद उठे तूफान के बीच, नौकरशाह से राजनेता बने वीके पांडियन ने रविवार को सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की।

पांडियन ने वीडियो जारी कर की घोषणा

अपने वीडियो बयान में पांडियन ने कहा कि राजनीति में शामिल होने का मेरा उद्देश्य नवीन बाबू की सहायता करना था और अब सचेत रूप से मैंने सक्रिय राजनीति से हटने का फैसला किया है।

अगर मैंने इस यात्रा में किसी को चोट पहुंचाई है तो मुझे खेद है। मुझे खेद है कि मेरे खिलाफ इस अभियान की बीजद की हार के साथ खेलने का कोई हिस्सा है। मैं पूरे बीजू परिवार से माफी मांगता हूं।

#WATCH | 5T Chairman & BJD leader VK Pandian says, "...Now consciously I decide to withdraw myself from active politics. I am sorry if I have hurt anyone on this journey. I am sorry if this campaign narrative against me has had a part to play in BJD's loss..."

(Source: BJD) pic.twitter.com/Hf1stid8Gn— ANI (@ANI) June 9, 2024

चुनाव से पहले दिया था बयान

गौरतलब है कि यह घटनाक्रम बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक के उस बयान के बाद हुआ है जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि वीके पांडियन उनके उत्तराधिकारी नहीं हैं।

2024 के चुनावों से पहले, वीके पांडियन ने घोषणा की थी कि अगर नवीन पटनायक छठी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने में विफल रहे तो वह सक्रिय राजनीति छोड़ देंगे।

चुनावी हार के बाद से निशाने पर थे पांडियन

ऐसा कहा जाता है कि पार्टी की चुनावी हार के बाद पांडियन बीजद के भीतर निशाने पर थे। हाल ही में युवा बीजद नेताओं ने भुवनेश्वर में शंख भवन में बुलाई गई बैठक के दौरान पांडियन और कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ खुले तौर पर नारेबाजी की थी।

वरिष्ठ पत्रकार प्रसन्न मोहंती ने कहा है कि 'यह ओडिशा की राजनीति और बीजद के भीतर चल रहे एक बड़े नाटक का अंत है। आखिरकार वीके पांडियन ने राजनीति से संन्यास का ऐलान कर दिया है। वह छह महीने के भीतर ही बीजद में सबसे ताकतवर बन गए थे। पांडियन के पास बीजद छोड़ने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था।

'80 से 90 फिसदी लोग पांडियन के खिलाफ हैं'

हालांकि बीजद अध्यक्ष ने पांडियन को क्लीन चिट देने की कोशिश की, लेकिन ऐसा लगा कि वह लिखित स्क्रिप्ट पढ़ रहे हैं। पांडियन ने महसूस किया है कि ओडिशा अब उनके लिए सुरक्षित नहीं है। मोहंती ने कहा कि ओडिशा में करीब 80 से 90 प्रतिशत लोग पांडियन के खिलाफ हैं।

वे अतीत में विभिन्न कारणों से अपनी आवाज व्यक्त नहीं कर सके। अब जब पार्टी को सत्ता से बाहर कर दिया गया है, तो वरिष्ठ नेता अब आगे आ रहे हैं और पांडियन के खिलाफ अपना गुस्सा निकाल रहे हैं। मोहंती ने कहा कि ऐसा लगता है कि पांडियन पर दबाव था, हालांकि बीजद अध्यक्ष ने उन्हें क्लीन चिट देने की कोशिश की।

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