Odisha के रूंगटा माइंस कारखाने हादसे पर खड़े हुए सवाल! मजूदरों ने मचाया हंगामा; घटना के बाद उठने लगी ये मांग

सोमवार को ओडिशा की रूंगटा माइंस स्टील कारखाना में हादसा हो गया था। यहां यांत्रिक ढांचा गिरने के कारण दो मजदूरों की मौत हो गई थी और 6 से से 7 मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद श्रमिकों ने विरोध-प्रदर्शन किया और मौत का आंकड़ा छुपाने का आरोप लगाया। इस हादसे पर मजिस्ट्रेट ने भी किसी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

By Sheshnath Rai Edited By: Shoyeb Ahmed Publish:Tue, 25 Jun 2024 04:12 PM (IST) Updated:Tue, 25 Jun 2024 04:12 PM (IST)
Odisha के रूंगटा माइंस कारखाने हादसे पर खड़े हुए सवाल! मजूदरों ने मचाया हंगामा; घटना के बाद उठने लगी ये मांग
Odisha के रूंगटा माइंस कारखाने हादसे पर खड़े हुए सवाल

HighLights

  • 6 से 7 मजदूर बुरी तरह से हुए घायल, दो मजदूरों की हो गई थी मौत
  • मजदूरों ने लगाया मौत का आंकड़ा छुपाने का आरोप

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। भोजपुरी में एक कहावत है चोरी, ऊपर से सीनाजोरी।यह कहावत रूंगटा माइंस स्टील कारखाना पर पूरी तरह से सटिक बैठ रही है। सोमवार को कारखाना में हादसा हुआ, हादसे में दो बंगीय मजदूरों की मौत हो गई है, 6 से से 7 मजदूर बुरी तरह से घायल हो गए।

हालांकि घटना के बाद से ना ही रूंगटा माइंस के अधिकारी या फिर ना ही प्रशासनिक अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। घायलों की स्वास्थ्य अवस्था कैसी है, हादसा कैसे हुआ, आगे इस तरह के हादसे ना हो इसके लिए क्या कदम उठाए जाएंगे, कुछ भी नहीं कहा जा रहा है।

मजदूरों का क्या है कहना?

हद तो तब हो गई जब मजिस्ट्रेट ने कहा कि मुझे घटना पर टिप्पणी करने का अधिकार ही नहीं है। इस तरह के बरताव देखने के बाद मजदूरों का बस यही कहना है कि मजदूरों की जान की कोई कीमत नहीं है।

मजदूरों का कहना है कि हमें लग रहा मौत का आंकड़ा छिपाने के लिए रूंगटा माइंस की तरफ से यह सब किया जा रहा है।

गौरतलब है कि सोमवार को ढेंकानाल जिले के हिंदोल डिवीजन के अंतर्गत रूंगटा माइंस कारखाना में एक यांत्रिक संरचना गिरने से कम से कम दो श्रमिकों की मौत हो गई, जबकि 6 से 7 श्रमिक गंभीर रूप से घायल हो गए।

श्रमिकों ने किया विरोध प्रदर्शन

इस घटना के खिलाफ श्रमिकों ने विरोध प्रदर्शन किया है।घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया गया कि दोनों मृतकों की पहचान पश्चिम बंगाल के रहने वाले बिसु माझी और विवेकानंद साहू के रूप में हुई है, जो खदान में निर्माण कार्य में लगे हुए थे।

इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से अन्य श्रमिकों के बीच शोक की लहर दौड़ गयी।गुस्साए श्रमिकों ने सुरक्षा प्रक्रियाओं और उपकरणों की कमी का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया, जिससे श्रमिकों की जान जोखिम में पड़ गई।

गंभीर असुरक्षित परिस्थितियों में काम करना मजबूरी

श्रमिकों ने कहा है कि उनको गंभीर असुरक्षित परिस्थितियों में काम करने के लिए मजबूर किया जाता है। वे मानव जीवन को महत्व नहीं देते हैं।

इसलिए हम फैक्ट्री मैनेजर की गिरफ्तारी की मांग करते हैं। कहा गया है कि वे किसी भी नियम और कानून का पालन नहीं करते हैं। यहां कुछ भी होने का कोई रिकॉर्ड नहीं है।

मौत का आंकड़ा छुपाने के आरोप

एक प्रदर्शनकारी ने मीडिया में दिये गये बयान में आरोप लगाया है कि संदेह है कि इस हादसे में और भी मजदूरों की मौत हुई है, लेकिन वे सही संख्या नहीं बता रहे हैं। इसलिए हम मामले की गहन जांच की मांग करते हैं।

मैकेनिकल विभाग ने घटिया काम किया

एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम सभी बंगाल से हैं। हम यहां काम कर रहे थे, लेकिन मैकेनिकल विभाग ने घटिया काम किया, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ। काम में लगे इंजीनियरों को बुनियादी जानकारी होनी चाहिए, लेकिन वे भी घटिया काम में शामिल हैं।

मुझे टिप्पणी नहीं करने का निर्देश - मजिस्ट्रेट

सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस और संबंधित अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटना की जांच शुरू की। हैरानी की बात यह है कि मीडिया को दिये गये बयान में स्थानीय मजिस्ट्रेट ने कुछ भी कहने से इनकार किया।

उन्होंने कहा है कि उन्हें इस संबंध में कोई भी टिप्पणी नहीं करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि हमारे उच्च अधिकारियों ने हमें कोई टिप्पणी नहीं करने के लिए कहा है।

यांत्रिक संरचना पर उठे सवाल

इस हादसे के बाद रुंगटा माइंस के यांत्रिक संरचना को लेकर सवाल उठने लगे हैं। लोगों ने सवाल उठाया है कि क्या इस संरचना की तरह अन्य संरचनाओं का हाल यही है? सुरक्षा मापदंडों को लेकर भी सवाल खड़े रहे हैं।

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