Odisha में सरकार के साथ बसों का नाम और रंग भी बदला, पिछले साल नवीन पटनायक ने हरि झंड़ी दिखाकर शुरू की थी लक्ष्मी सेवा

ओडिशा के आदिवासी बहुल मालकानगिरी जिले से पिछले साल पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने लक्ष्मी बस योजना शुरू की थी लेकिन अब बसों के रंग और नाम को बदल दिया गया है। इसको लेकर काफी दिनों से अटकलें जारी थीं इसका नाम लक्ष्मी बस की जगह अब मुख्यमंत्री बस सेवा कर दिया गया है। हालांकि अभी तक सरकार ने इसको लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है।

By Sheshnath Rai Edited By: Shoyeb Ahmed Publish:Tue, 02 Jul 2024 10:55 PM (IST) Updated:Tue, 02 Jul 2024 10:55 PM (IST)
Odisha में सरकार के साथ बसों का नाम और रंग भी बदला, पिछले साल नवीन पटनायक ने हरि झंड़ी दिखाकर शुरू की थी लक्ष्मी सेवा
भगवा रंग में रंगी हरे रंग वाली लक्ष्मी बस

HighLights

  • लक्ष्मी की जगह मुख्यमंत्री बस सेवा हुआ नाम
  • हरे रंग से भगवा रंग में बदला गया बसों का कलर
  • रंग किसके आदेश पर बदला गया है, इसकी नहीं आई जानकारी

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। काफी अटकलों के बाद आखिरकार लक्ष्मी बस का रंग एवं नाम दोनों बदल दिया गया है। इन बसों को जहां हरे से बदलकर भगवा रंग में रंग दिया गया है, तो वहीं इसका नाम लक्ष्मी बस की जगह मुख्यमंत्री बस सेवा कर दिया गया है।

ढेंकानाल में लक्ष्मी बस का कुछ ऐसा ही नवकलेवर देखने को मिला है। हालांकि, अभी तक सरकार की तरफ से इस संदर्भ में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। आज ढेंकानाल बस स्टैंड पर खड़ी लक्ष्मी बसों का रंग बदला दिखा। बस का नाम भी बदल दिया गया है।

नहीं पता किसके आदेश पर बदला रंग

हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि रंग किसके आदेश पर बदला गया है। गौरतलब है कि ओडिशा में सरकार बदलने के बाद पहले बसों पर लगे शंख पोस्टर हटा दिए गए थे और अब रंग और नाम बदल दिए गए हैं। हालांकि, आरटीओ इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है।

उनका कहना है कि लक्ष्मी बस के रंग में बदलाव के बारे में हमारे पास कोई खबर नहीं है और न ही हमारे कर्मचारी इस काम को कर रहे हैं। हालांकि यह पता नहीं चल पाया है कि यह काम किसके द्वारा किया जा रहा है, इसके लिए पैसों का आदान-प्रदान कहां से किया जा रहा है।

बीजेपी सरकार आने के बाद चल रही थी बस का नाम बदलने की बात

यहां उल्लेखनीय है कि बीजेपी की सरकार आने के बाद लक्ष्मी बस का नाम बदलने की बात चल रही थी। वाणिज्य एवं परिवहन मंत्री विभूति भूषण जेना की टिप्पणी ने चर्चा में घी डालने का काम किया। मंत्री ने कहा था कि नाम बदल सकता है। नाम में क्या रखा है। सेवा उपलब्ध होनी चाहिए।

लक्ष्मी बस योजना पिछले साल करोड़ों रुपये की लागत से शुरू की गई थी। लेकिन रखरखाव की कमी और परिचालन में खामियों के कारण, लक्ष्मी बसें विभिन्न स्थानों पर खराब पड़ी हैं। लोगों में असंतोष बढ़ रहा है क्योंकि विभिन्न लक्ष्मी बस योजनाओं के तहत कई बसें खरीदी गई हैं और सेवा में शामिल नहीं हैं।

बनी हुई थी असमंजस की स्थिती

इसलिए जहां इस योजना और सेवा को जारी रखने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है, वहीं परिवहन मंत्री ने हरी झंडी दे दी है कि लक्ष्मी बस सेवा नए नाम और रूप में आगे बढ़ेगी। आदिवासी बहुल मालकानगिरी जिले से पिछले साल 12 अक्टूबर को लक्ष्मी बस योजना शुरू की गई थी।

पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने खुद मालकानगिरी पहुंचकर योजना का उद्घाटन किया था। पटनायक ने पहले दिन 36 बसों को हरी झंडी दिखाई। इसके बाद बस पूरे राज्य में चलाई गयीं।

पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा था कि लक्ष्मी योजना सभी को विकास से जोड़ेगी। घर में खुशहाली लाएगी, गांवों में खुशहाली लाएगी।पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि अर्थव्यवस्था बढ़ेगी।

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