महानगर निगम के खिलाफ आर्थिक नाकाबंदी
जागरण संवाददाता, राउरकेला : आदिवासी मूल वासी बचाओ मंच की ओर से राउरकेला महानगर निगम के खिलाफ आदिवासि
जागरण संवाददाता, राउरकेला : आदिवासी मूल वासी बचाओ मंच की ओर से राउरकेला महानगर निगम के खिलाफ आदिवासियों ने आंदोलन को उग्र करते हुए मंगलवार की सुबह से आर्थिक नाकेबंदी शुरू की। आदिवासियों की बेमियादी आंदोलन से हावड़ा-मुंबई रेल मार्ग ठप हो गया। प्रशासन की ओर से निषेधाज्ञा के बावजूद जोल्डा सी ब्लाक में एनएच-143 पर आवागमन ठप रखा। वेदव्यास समेत कई स्थानों पर पुलिस व ग्रामीणों के बीच झड़प हुई। सड़क को जाम करने के लिए उतरी दो सौ से अधिक महिलाओं को पुलिस ने हिरासत में लिया।
आदिवासी अधिसूचित सुंदरगढ़ जिले में पेसा कानून लागू करने, राउरकेला को महानगर निगम बनाये जाने व इसमें जगदा व झारतरंग पंचायत को शामिल किये जाने के खिलाफ आदिवासियों द्वारा जारी आंदोलन मंगलवार को उग्र रूप ले लिया। आदिवासियों के अल्टीमेटम से पुलिस व प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए राउरकेला से लेकर राजगांगपुर तथा लाठीकटा तक सोमवार की रात से ही निषेधाज्ञा लागू कर दी गई थी। इसके क्रियान्वयन के लिए पुलिस प्रशासन सुबह से मुस्तैद रहा, बावजूद इसके जोल्डा में सड़क पर उतरकर एनएच को जाम करने में आदिवासी महिलायें सफल रहीं। वेदव्यास के गली मोहल्लों में पुलिस की तैनाती से आदिवासी सड़क पर नहीं आ पाये जिससे इनके बीच झड़प हुई। रेलवे को निशाना बनाते हुए चांदीपोस, टीसीआइ के निकट साई मंदिर के सामने तथा बंडामुंडा के कुकड़ा फाटक पर हजारों की तादात में सशस्त्र आदिवासी महिला पुरुष रेल पटरी पर आ गये। पूरे दिन रेल लाइन पर आदिवासियों के जमे रहने से हावड़ा मुंबई रेल मार्ग पर परिचालन सेवा पूरी तरह से ठप रही। बरसुआं व अन्य खदान क्षेत्रों से लौह अयस्क व कोयला का परिवहन ठप रहा। मंगलवार की देर रात तक स्थिति जस की तस रहने से रेल सेवा बहाल नहीं हो पाई और यात्री परेशान रहे। बड़ी संख्या में आदिवासियों के उग्र रूप से जमे होने के कारण आरपीएफ व रेल पुलिस लाचार दिखी। इस दौरान अधिकतर जनजातीय कद्दावर नेता भूमिगत रहकर ही आंदोलन का नेतृत्व लेते रहे। देर शाम इनके बीच पहुंचकर आंदोलनकारियों की हौसला आफजाई की।