आलोचकों का किया मुंह बंद, मनपसंद चीजों का किया त्याग, अब पेरिस में Nikhat Zareen बरसाएंगी पंच, भरी हुंकार

इसी महीने की 26 तारीख से पेरिस में ओलंपिक खेलों की शुरुआत हो रही है। हमेशा की तरह भारत को इस बार भी मुक्केबाजी में पदक की उम्मीद है। मुक्केबाजी मे भारत की सबसे बड़ी उम्मीद निकहत जरीन हैं। निकहत ने पेरिस के लिए काफी मेहनत की है। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक-2020 के बाद से ही इन खेलों की तैयारी शुरू कर दी थी।

By AgencyEdited By: Abhishek Upadhyay Publish:Tue, 02 Jul 2024 09:45 PM (IST) Updated:Tue, 02 Jul 2024 09:45 PM (IST)
आलोचकों का किया मुंह बंद, मनपसंद चीजों का किया त्याग, अब पेरिस में Nikhat Zareen बरसाएंगी पंच, भरी हुंकार
निकहत जरीन से पेरिस ओलंपिक में पदक की उम्मीद है (PC- Nikhat Zareen X Account)

HighLights

  • टोक्यो के बाद ही पेरिस की तैयारी शुरू कर दी थी : निकहत
  • भारतीय मुक्केबाज ने कहा, पदक जीतने के लिए रिंग में अपना शत प्रतिशत दूंगी
  • निकहत से है पेरिस में पदक की उम्मीद

 आईएएनएस, नई दिल्ली: निकहत जरीन उन भारतीय खिलाड़ियों में शामिल हैं, जो पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत की ओर से पदक के प्रबल दावेदार हैं। भारत की ओर से कुल छह मुक्केबाजों ने पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है, इनमें चार महिला और दो पुरुष हैं। जर्मनी में प्रशिक्षण ले रही निकहत ने कहा कि उनका पूरा ध्यान पेरिस पर केंद्रित है और उन्हें विश्वास है कि यह उनके लिए अपनी चमक दिखाने का क्षण है।

जरीन ने कहा, जब टोक्यो ओलंपिक में भारत का अभियान समाप्त हुआ, तो उस दिन मैंने अपना ध्यान पेरिस ओलंपिक की तैयारी में लगाने का फैसला किया। मुझे लगता है कि हर किसी का अपना एक पल होता है, और यह मेरा पल है। जिसने भी कहा था कि मैं पेरिस नहीं पहुंच पाऊंगी, उन्हें मैंने गलत साबित किया। मैं अपने आस-पास की सभी नकारात्मकता और सकारात्मकता को सकारात्मक रूप से लूंगी और पेरिस में रिंग के अंदर एक अलग फाइटर के रूप में बेहतर होने की कोशिश करूंगी।

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कई चीजों का किया त्याग

निकहत ने कहा कि मैंने विश्व चैंपियन बनने के लिए कई चीजों का त्याग किया है, लेकिन ओलंपिक चैंपियन बनना अलग बात है। जब भी मैं प्रतियोगिताओं की तैयारी कर रही होती हूं, मैं इंटरनेट मीडिया से दूर रहती हूं। परिवार या दोस्तों के साथ ज्यादा बात नहीं करती हूं। इस बार भी मैं इन सब से दूर रहूंगी और जितना संभव हो सके सकारात्मक रहने की कोशिश करूंगी और पेरिस के लिए कोई कसर नहीं छोड़ने के लिए कड़ी मेहनत करूंगी।"

क्या है मकसद?

उन्होंने कहा, "मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देने के मकसद से उतरूंगी हूं ताकि रिंग के अंदर चाहे कुछ भी हो, परिणाम कुछ भी हो, मुझे इस बात का अफसोस नहीं होना चाहिए कि अगर मैंने 10 प्रतिशत और दिया होता तो मैं मुकाबला जीत सकती थी। मैं वह पछतावा नहीं चाहती, इसलिए मैं हमेशा अपना 100 प्रतिशत देने की मानसिकता के साथ उतरती हूं।

ओलंपिक में मुक्केबाजी टीम: निकहत जरीन (50 किग्रा), प्रीति पवार (54 किग्रा), लवलीना (75 किग्रा), जैस्मीन (60 किग्रा), अमित पंघाल (51 किग्रा) और निशांत देव (71 किग्रा)

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