सियासी बाजी में कांग्रेस का 'विक्टिम', तो भाजपा का 'ओबीसी' कार्ड; राहुल गांधी पर कार्रवाई से नफा-नुकसान पर नजर

Rahul Gandhi Disqualified भाजपा ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के चार वर्ष पुराने बयान को संपूर्ण पिछड़ा वर्ग के अपमान से जोड़कर ओबीसी कार्ड की धार से बड़े वोटबैंक को कांग्रेस से और दूर करने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है।

By Jagran NewsEdited By:
Updated: Fri, 24 Mar 2023 09:15 PM (IST)
सियासी बाजी में कांग्रेस का 'विक्टिम', तो भाजपा का 'ओबीसी' कार्ड; राहुल गांधी पर कार्रवाई से नफा-नुकसान पर नजर
सियासी बाजी में कांग्रेस का 'विक्टिम', तो भाजपा का 'ओबीसी' कार्ड; राहुल गांधी पर कार्रवाई से नफा-नुकसान पर नजर

नई दिल्ली, जितेंद्र शर्मा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सदस्यता मानहानि मामले में गई है, लेकिन राजनीति में हर मुद्दे या मौके को भुनाने की गुंजाइश मानी जाती है। देश की राजनीति के इस बड़े घटनाक्रम के बाद जिस तरह से भाजपा और कांग्रेस नेताओं का रुख सामने आया है, उससे संकेत मिल रहे हैं कि दोनों दल इसके नफा-नुकसान को भांपते हुए अपने-अपने मोर्चे पर डट गए हैं।

'विक्टिम कार्ड ने पलटी थी चुनावी बाजी'

कांग्रेस को उम्मीद है कि सत्तर के दशक में इंदिरा गांधी की सदस्यता जाने पर जिस तरह उसके 'विक्टिम कार्ड' ने अगले ही चुनाव में राजनीतिक बाजी पलट दी थी, वैसी ही लहर राहुल के सहारे 2024 में खड़ी की जा सकती है।

वहीं, भाजपा ने राहुल के चार वर्ष पुराने बयान को संपूर्ण पिछड़ा वर्ग के अपमान से जोड़कर 'ओबीसी कार्ड' की धार से बड़े वोटबैंक को कांग्रेस से और दूर करने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। दरअसल, जैसे ही राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने की अधिसूचना जारी हुई, वैसे ही राजनीतिक गलियारों में इस निर्णय पर प्रतिक्रियाएं शुरू हो गईं।

यह बाद की बात है कि राहुल गांधी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी के रूप में कांग्रेस अन्य विपक्षी दलों को कितना सहमत करा पाती है, लेकिन कांग्रेस जरूर आशान्वित लग रही है कि इस कार्रवाई का लाभ उसे जरूर मिलेगा। इसके लिए पार्टी नेता अतीत के झरोखे से 70 के दशक के पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से जुड़े घटनाक्रम को भी देख रही है।

इंडियन यूथ कांग्रेस ने ट्वीट भी कर दिया- 'इतिहास खुद को दोहराएगा, न्याय होगा। 1977-78 में जनता पार्टी सरकार ने इंदिरा गांधी की लोकसभा सदस्यता छीन ली। इससे देशभर में जो सहानुभूति की लहर देखने को मिली, जनता पार्टी की सरकार घबरा गई। संसद में ये आवाज उठने लगी कि इंदिरा गांधी के साथ गलत किया गया है। लिहाजा, एक ही महीने बाद लोकसभा में फिर एक प्रस्ताव लाया गया, जिसे पास करके उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई। अब 2023 में आज फिर उनके पोते राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता भाजपा ने गलत तरीकों से छीन ली है। इतिहास खुद को दोहरा रहा है।' यदि कांग्रेस इस मुद्दे को भुनाने की रणनीति पर चल पड़ी है तो इसकी काट में तुरंत ही भाजपा ने भी कमर कस ली।

'राहुल का अहंकार बड़ा और समझ छोटी'

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट किया कि राहुल गांधी का अहंकार बहुत बड़ा और समझ बहुत छोटी है। अपने राजनीतिक लाभ के लिए उन्होंने पूरे ओबीसी समाज का अपमान किया। उन्हें चोर कहा। राहुल को ओबीसी समाज के प्रति उनके आपत्तिजनक बयान के लिए सजा सुनाई है, परंतु राहुल व कांग्रेस पार्टी अभी भी अपने अहंकार के चलते लगातार अपने बयान पर अड़े व निरंतर ओबीसी समाज की भावनाओं को आहत कर रहे हैं। पूरा ओबीसी समाज प्रजातांत्रिक ढंग से राहुल से इस अपमान का बदला लेगा। सिर्फ नड्डा ही नहीं, अहम रणनीति के तहत भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा भी तुरंत मैदान में आ गया।

मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. के. लक्ष्मण ने कहा है कि राहुल गांधी ने जो टिप्पणी की है, उसे लेकर हम 'गांव-गांव चलो, घर-घर चलो' अभियान के तहत कांग्रेस का पर्दाफाश करने के लिए एक करोड़ परिवारों के पास जाएंगे।

'मोदी मंत्रिमंडल में पिछड़ा वर्ग से 27 मंत्री'

इसके साथ ही मोर्चा की ओर से ट्वीट कर याद दिलाया गया कि पीएम मोदी के नेतृत्व में वर्तमान मंत्रि परिषद में 27 मंत्री पिछड़ा वर्ग से हैं। यह आजादी के बाद ओबीसी मंत्रियों की सर्वाधिक संख्या है। इसके लिए भाजपा ने 'कांग्रेस हेट्स ओबीसी' हैशटैग भी चला दिया है।

ओबीसी सांसदों के साथ रणनीति पर मंथन कांग्रेस के प्रयासों के साथ ही भाजपा के रणनीतिकार भी अपने सियासी अस्त्र-शस्त्र सजाने में जुट गए।

सूत्रों ने बताया कि संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी ने शुक्रवार शाम को ही पिछड़ा वर्ग से आने वाले पार्टी के प्रमुख सांसदों के साथ बैठक की। उन्हें बता दिया गया है कि इस मुद्दे को पिछड़ा वर्ग के बीच किस तरह से धार देकर कांग्रेस के सहानुभूति वाले हथियार को कुंद करना है।