Narendra Singh Tomar: 3 बार के विधायक, 3 बार के सांसद; कौन हैं मध्य प्रदेश विधानसभा के होने वाले स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर

भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को मध्य प्रदेश विधानसभा का अध्यक्ष बनाने का फैसला किया है। तोमर दिमनी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर आए हैं। उन्होंने अपने सबसे निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा के प्रत्याशी को 24461 वोटों के अंतर से मात दी है। तोमर को 79137 वोट मिले हैं। तोमर केंद्र की मोदी सरकार में कृषि मंत्रालय समेत कई अन्य मंत्रालयों की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।

By Sonu GuptaEdited By:
Updated: Tue, 12 Dec 2023 12:38 AM (IST)
Narendra Singh Tomar: 3 बार के विधायक, 3 बार के सांसद; कौन हैं मध्य प्रदेश विधानसभा के होने वाले स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर
भाजपा ने नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा का स्पीकर बनाने का किया फैसला। फाइल फोटो।

HighLights

  1. भाजपा ने नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा का स्पीकर बनाने का किया फैसला।
  2. दिमनी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर आए हैं तोमर

डिजिटल डेस्क, भोपाल। Narendra Singh Tomar Profile: मध्य प्रदेश में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और विधानसभा के अध्यक्ष को लेकर लगाए जा रहे कयासों का बाजार सोमवार को आखिरकार थम गया। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने राज्य में तीनों के नाम का एलान कर दिया। पार्टी ने राज्य में मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है। जगदीश देवड़ा (Jagdish Deora) और राजेंद्र शुक्ला (Rajendra Shukla) को डिप्टी सीएम बनाया जाएगा। वहीं, विधायक दल की बैठक में नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा का स्पीकर बनाने का फैसला किया गया है।

विधानसभा के अध्यक्ष होंगे पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर

पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को भाजपा ने विधानसभा का अध्यक्ष बनाने का फैसला किया है। तोमर दिमनी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर आए हैं। उन्होंने अपने सबसे निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा के प्रत्याशी को 24461 वोटों के अंतर से मात दी है। तोमर को 79137 वोट मिले हैं। तोमर केंद्र की मोदी सरकार में कृषि मंत्रालय समेत कई अन्य मंत्रालयों की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। साफ-सुथरी छवि वाले नेता होने के नाते तोमर को इस विधानसभा का स्पीकर चुना गया है।  

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नरेंद्र सिंह तोमर का राजनीतिक सफर

मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के पोरसा विकासखंड के ग्राम ओरेठी में जन्मे नरेंद्र सिंह तोमर ने स्नातक तक की शिक्षा हासिल की हुई है। स्नातक की पढ़ाई के दौरान तोमर महाविद्यालय में छात्र संघ के नेता भी रहे। इसके साथ ही वो ग्वालियर नगर निगम के पार्षद पद पर भी चुने गए, जिसके बाद वह पूरी तरह से राजनीति में सक्रिय हो गए। साल 1977 में भाजपा ने उन्हें युवा मोर्चा का मंडल अध्यक्ष बना दिया।

ग्वालियर से लड़ा था पहला विधानसभा चुनाव

नरेंद्र सिंह तोमर ने अपना पहला विधानसभा चुनाव ग्वालियर सीट से लड़ा था। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी अशोक कुमार शर्मा को 26 हजार से अधिक वोटों के अंतर मात दी थी। इस दौरान उनको 50 हजार वोट मिले थे। उन्होंने अपना दूसरा विधानसभा का चुनाव साल 2003 में लड़ा था, जिसमें उनको 63 हजार 592 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी बालेन्दु शुक्ला को 29 हजार 452 वोट मिले। तोमर ने यह चुनाव 34 हजार 140 वोटों के अंतर से जीता था।

2009 में मुरैना और 2014 में ग्वालियर से बने थे लोकसभा के सांसद

साल 2009 में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पहली बार मुरैना से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे। मुरैना संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सदस्य निर्वाचित होने से पहले वो राज्यसभा के सदस्य थे। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास रावत को 1 लाख 97 वोटों से हराया था। वहीं, साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें ग्वालियर से टिकट दिया। इस दौरान उन्होंने 26 हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल की।

नरेंद्र सिंह तोमर का राजनीतिक करियर

1980 -ग्वालियर में भाजपा युवा मंच के अध्यक्ष रहे। 1986 - भाजपा युवा मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष बने। 1986 - मध्य प्रदेश भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष। 1998 - ग्वालियर से चुनाव जीता और एमपी विधानसभा के सदस्य बने। 2003 - ग्वालियर से फिर से चुने गए और उमा भारती के नेतृत्व में कैबिनेट मंत्री बने। 2006 - मध्य प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने। 2009 - राज्यसभा में सांसद बने। 2009 - मुरैना से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे। 2012 - दूसरी बार मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष बने। 2014 - ग्वालियर से चुनाव जीते और फिर से लोकसभा का सदस्य बने। 2014 - इस्पात, खान, श्रम और रोजगार के केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। 2016 - पंचायती राज, ग्रामीण विकास और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री। 2019 - मध्य प्रदेश की मुरैना लोकसभा से सांसद निर्वाचित। 2019 - ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालय के साथ बने रहे और कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय का प्रभार दिया गया। 2020 - हरसिमरत कौर बादल के पद से इस्तीफा देने के बाद तोमर को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया। 2023- दिमनी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता।

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