New Criminal Laws: '150 सांसदों को बाहर फेंककर...', तीन नये आपराधिक कानून पर हरसिमरत कौर बादल का बड़ा हमला

New Criminal Laws आज से तीन नये आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। इस नये कानून पर अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से गलत है। इस पर बहस होनी चाहिए। सरकार ने अपने बलबूते यह कानून पास करा लिया है। विपक्षी सांसदों को निलंबित करके यह कानून पास कराया गया है।

By Jagran NewsEdited By: Sushil Kumar Publish:Mon, 01 Jul 2024 01:25 PM (IST) Updated:Mon, 01 Jul 2024 01:25 PM (IST)
New Criminal Laws: '150 सांसदों को बाहर फेंककर...', तीन नये आपराधिक कानून पर हरसिमरत कौर बादल का बड़ा हमला
New Criminal Laws: तीन नये कानून पर क्या बोलीं हरसिमरत कौर बादल।

एएनआई, चंडीगढ़। देश में आज (सोमवार) से नया कानून लागू हो गया है। रविवार रात 12 बजे से यानी एक जुलाई की तारीख शुरू होने के बाद घटित हुए सभी अपराध नए कानून में दर्ज किए जाएंगे। एक जुलाई से देश में आइपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो रहे हैं।

तीन नये आपराधिक कानून को लेकर अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से 150 सांसदों को निलंबित करके ये आपराधिक कानून पारित किए गए हैं, उस पर बहस होनी चाहिए।

#WATCH | Delhi | On three new criminal laws, Akali Dal MP Harsimrat Kaur Badal says, "The way these criminal laws were passed by suspending 150 MPs...A debate should be done on the laws." pic.twitter.com/vF9nwdiJ88

— ANI (@ANI) July 1, 2024

कैदियों ने दो-दो बार काटी सजा

हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि विपक्ष के 150 सांसदों को बाहर फेंककर और अपने बलबूते पूरे नंबर के साथ पास किया गया है। उन्होंने कहा कि कानून में कहीं भी नहीं कहता है कि एक सजा के लिए दो-दो बार जेल भुगतो। 30-30 साल से बंद कैदियों ने एक बार नहीं, दो-दो बार सजा पूरी की है। सरकार ने नोटिफिकेशन निकालने के बाद भी उन्हें रिहा नहीं कर रही है।

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पहले से चल रहे केसों का क्या होगा?

अकाली दल सांसद ने कहा कि इस कानून में नई चीज डाल दी है। पहले वो माफी मागेंगे फिर उनको छोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से गलत है। इस पर बहस होने की जरूरत है। 70 साल से चले आ रहे कानून को बदल दिया गया है। पहले से जो केस चल रहे हैं, उसका क्या होगा। इस पर वकीलों ने भी बहुत सारे सवाल उठाए हैं।

'कानून बनाने से औरत की हिफाजत नहीं होती'

हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि किसी भी महिला के साथ अगर गलत होता है तो यह चिंताजनक है। चाहे वो बंगाल, मणिपुर, गुजरात, महाराष्ट्र में हो। महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं, महिला आरक्षण बिल पास करते हैं, लेकिन कानून बनाने से ही औरत की हिफाजत नहीं होती। लोगों की मानसिकता बदलनी बहुत जरूरी है, साथ ही एक्शन भी दिखनी चाहिए।

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