Chandigarh Tourist Places: वीकेंड में घूमने का है प्लान तो दो दिनों में चंडीगढ़ की इन जगहों को कर सकते हैं कवर

Top places to visit Chandigarh यदि आप लोग चंडीगढ़ घूमने का प्लान कर रहे हैं तो यहां ऐसी कई जगहें हैं जहां पर आप अपना वीकेंड बहुत ही अच्छी तरह से एन्जॉय कर सकते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताने वाले हैं जहां आप बड़ी आसानी से पहुंच सकते हैं। आपका समय ज्यादा बर्बाद नहीं होगा। चंडीगढ़ की ये जगहें बेहद शांत और खूबसूरत हैं।

By Nidhi VinodiyaEdited By: Publish:Fri, 01 Sep 2023 05:32 PM (IST) Updated:Fri, 01 Sep 2023 05:32 PM (IST)
Chandigarh Tourist Places: वीकेंड में घूमने का है प्लान तो दो दिनों में चंडीगढ़ की इन जगहों को कर सकते हैं कवर
दो दिनों के वीकेंड में चंडीगढ़ की इन जगहों पर घूमने जा सकते हैं। चंडीगढ़ ऑफिशियल वेबसाईट

चंडीगढ़, जागरण डिजिटल डेस्क। Famous Places to Visit In Chandigarh: जब भी हम घूमने की बात करते है, तो एक्साइटमेंट तो बहुत ज्यादा होती है, लेकिन जैसे ही ट्रैवलिंग (Travelling) के बारे में सोचते है, तो लगता है कि एक से दो दिन तो सफर में ही बीत जाएंगे। घूमने का तो समय ही नहीं मिलेगा। इसलिए यदि आप घूमना भी चाहते हैं और अपनी ट्रैवलिंग का समय भी बचाना चाहते हैं तो। तो ऐसी बहुत सी जगहें हैं जो आपके शहर में मौजूद हैं। जहां जाने के लिए आपके पास समय ही समय है।

घूमते हुए गुजारें वीकेंड

यदि आप लोग चंडीगढ़ घूमने का प्लान कर रहे हैं, तो यहां ऐसी कई जगहें हैं, जहां पर आप अपना वीकेंड बहुत ही अच्छी तरह से एन्जॉय कर सकते हैं। आप किसी दूसरे शहर से आए हैं तो भी आप यहां शानदार वीकेंड गुजार सकते हैं और अगर आप चंडीगढ़ (Weekend Plan in Chandigarh) के बाहर भी आस-पास जाना चाहते हैं, तो भाई क्या ही कहने। चंडीगढ़ से कुछ ही दूरी पर कुछ हिल स्टेशन भी है, जहां जाने में आपको ज्यादा समय नहीं लगेगा।

चंडीगढ़- शांत और खूबसूरत 

आज हम आपको कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताने वाले हैं, जहां आप बड़ी आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां जाने पर आपका समय ज्यादा बर्बाद नहीं होगा। चंडीगढ़ की ये जगहें बेहद शांत, रोमांचक और खूबसूरत हैं। यानी की आप आराम से अपनी छुट्टियां एन्जॉय कर सकते हैं।

इतना पढ़ने के बाद मन में चंड़ीगढ़ जाने के बारे में एक बार तो सोच ही लिया होगा आपने।

चंडीगढ़ में क्या है खास 

आइये पहले चंडीगढ़ के बारे में कुछ जान लेते हैं। जी हां यदि आप कहीं घूमने जाने का प्लान कर रहें हैं तो जाहिर सी बात है कि आपको उस जगह के बारे में पता होना चाहिए। बहुत नहीं पर थोड़ा बहुत इतिहास जानना तो बनता है न दोस्त।

सबसे पहले आपको बताते हैं कि चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा की राजधानी है। हालांकि, आजादी से पहले लाहौर पंजाब की राजधानी हुआ करती थी, लेकिन आजादी के बाद नई राजधानी की जरूरत पड़ी और चंडीगढ़ को 1947 के बाद पंजाब की राजधानी घोषित किया गया। चंडीगढ़ का नाम यहां पर स्थित प्रसिद्ध धार्मिक मंदिर मां चंडी मंदिर के नाम से मिला है। ये दिल्ली से 245 किलोमीटर दूर स्थित है। देश-दुनिया के पर्यटक यहां आते हैं। तो चलिए शुरू करते हैं राॅक गार्डन से, जो यहां का सबसे ज्यादा फेमस है। जहां घूमने वालों की तादाद भी सबसे ज्यादा है।

रॉक गार्डन (Rock Garden)

रॉक गार्डन चंडीगढ़ का जानी-मानी घूमने की जगह है। ये चंडीगढ़ की सबसे ज्यादा घूमने वाली जगहों में से एक है। यहां सबसे ज्यादा पर्यटकों का आना जाना है। ये उद्यान वास्तुकला, मूर्तिकला और पौराणिक कथाओं का मिश्रण है। रॉक गार्डन चंडीगढ़ में स्थित 35 एकड़ की भूमि में बनाया गया एक बड़ा उद्यान है। खास बात ये है कि ये घरेलू कचरे और कई औद्योगिक वस्तुओं से बनाया गया है। इस उद्यान में चूड़ियां, चीनी मिट्टी के बर्तन, टाइलें, बोतलें और बिजली के कचरे जैसी वस्तुओं का उपयोग करके मूर्तियां बनाई गई हैं।

इतिहास- History

रॉक गार्डन के पीछे की कहानी ये है कि इसके संस्थापक नेक चंद ने 1957 में अपने खाली समय में छुपे तौर पर इस गार्डन को बनाना शुरू किया था। इस गार्डन का लेआउट एक खोए हुए साम्राज्य की कल्पना पर आधारित है। इसमें 14 कक्ष बने हुए हैं। लगभग हर त्योहार के समय राॅक गार्डन उत्सव जैसा माहौल बना देता है, जो लोगों के लिए विशेष आकर्षण है।

क्या है खास? Attraction

मनुष्यों और जानवरों की आकृतियां बनाने के लिए टूटे हुए कांच के टुकड़े, शौचालय के उपकरण और टूटी टाइलों का उपयोग किया गया है। रॉक गार्डन में जाने के बाद आपको ऐसा लगेगा, जैसे आप किसी गांव में आ गए हों। इसमें सुंदर नक्काशीदार झोपड़ियां बनाई गई है। ये उद्यान रोमन वास्तुकला से प्रेरित होकर बनाया गया है। यहां बच्चों के लिए झूले भी लगे हुए हैं। यहां झरने और एक्वैरियम भी बने हुए हैं, जहां हम चारोंं ओर घूमती हुई मछलियां भी देख सकते हैं। ओपन एयर थिएटर: यहां एक तरह का ओपन एयर थिएटर है, जिसकी सीढ़ियों पर बैठकर आप हंसता हुआ दर्पण प्रदर्शन, ऊंट और रेलगाड़ी की सवारी, एंटीक वस्तुओं की दुकान भी और फूड कोड का आनंद ले सकते हैं।

पता और एंट्री फीस:

ये उद्यान चंडीगढ़ के उत्तर मार्ग, सेक्टर-1 में स्थित है। यहां पर एंट्री फीस भी है।

बड़ों के लिए- 30 रुपए और बच्चों के लिए- 10 रुपए

रोज गार्डन (Rose Garden)

चंडीगढ़ में स्थित रोज गार्डन को एशिया के सबसे बड़े रोज गार्डन में से एक माना जाता है। रोज गार्डन चंडीगढ़ में रॉक गार्डन के बाद सबसे ज्यादा घूमा जाने वाला गार्डन है। रोज गार्डन का नाम भारत के पूर्व राष्ट्रपति जाकिर हुसैन के नाम पर रखा गया है। इस खूबसूरत उद्यान की स्थापना 1967 में की गई थी। यह पार्क 10 एकड़ में फैला हुआ है और यहां गुलाब की कई प्रजातियां है। इन्हें बेहद खूबसूरत तरीके से प्रदर्शित किया गया है। यहां 1600 से अधिक किस्म के फूल पाए जाते हैं। इस गार्डन में वार्षिक गार्डन फेस्टिवल भी मनाया जाता है। ये फरवरी और मार्च के दौरान एक प्रमुख सांस्कृतिक कार्यक्रम होता है।

क्या है खास? Attraction:

यहां तरह-तरह के गुलाब के फूल मिलेंगे। यहां 32,500 किस्म के पेड़ + औषधीय पौधे मौजूद हैं। यहां लोगों के लिए जॉगिंग ट्रैक भी उपलब्ध है। पानी का फव्वारा सांस्कृतिक उत्सव

सुखना लेक (Sukhna Lake)

सुखना लेक भी चंडीगढ़ में आकर्षण का केंद्र है। सुखना लेक 3 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है, जो कि 1958 में शिवालिक पहाड़ियों से आने वाली एक धारा सुखना चो पर बांधकर बनाई गई थी। सुखना लेक में सर्दियों के महीनों में कई विदेशी प्रवासी पक्षियों साइबेरियन बत्तख, साॅरस और क्रेन का आवागमन होता है। सुखना लेक को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय आर्द्रभूमि घोषित किया गया है। मानसून के दौरान यहां लोग सबसे ज्यादा घूमने आते हैं। यहां लोग अपने परिवार को लेकर आते हैं। सुखना लेक एशिया में नौकायन और नौकायन आयोजनों के लिए प्रचलित है।

क्या है खास? Attraction

Boating: यहां सैलानी बोटिंग भी करते हैं। यहां आपको 2 सीटर और 4 सीटर, शिकारा बोट, सोलर क्रूज मिल जाएगी, जिसमें बोटिंग करके आप लेक का आनंद उठा सकते हैं। पोर्ट्रेट तस्वीरें: यहां पोर्ट्रेट कलाकार आपके लिए रेखाचित्र बनाते हैं, जिसका मूल्य 200 रु से 500 रु है। पार्क: यहां बच्चे ट्रेन की सवारी कर सकते हैं। यहां बुल राइड भी की जाती है, जो कि बेहद मजेदार होती है। फूड कोर्ट: यहां खाने पीने के लिए सिटको कैफेटेरिया, शेफ लेक व्यू और कई फूड कोर्ट बने हुए हैं। वॉक ऑफ आर्ट: सुखना लेक की सुंदरता को बढ़ाने के लिए विभिन्न मूर्तियां भी बनाई गई हैं। यहां आपको जॉगिंग ट्रैक भी मिलेगा, जहां पर आप सूर्योदय और सूर्यास्त के दृश्य का आनंद उठा सकते हैं। सुखना इंटरप्रिटेशन सेंटर: ये दुकान भारतीय कला संग्रहालय आगंतुकों को पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूक और शिक्षित करने के लिए है। सुखना वन्यजीव अभयारण्य: यह वनस्पतियों और जीवों के संरक्षण के लिए आरक्षित है। आरक्षित वन क्षेत्र में फूल, छाया देने वाले पेड़ लगाए जाते हैं और वृक्षों का आच्छादन किया जाता है। सुखना संग्रहालय: सुखना संग्रहालय में सुखना झील की फोटोग्राफी प्रदर्शनी प्रदर्शित की जाती है।

कहां है स्थित- Address:

सुखना लेक चंडीगढ़ के सेक्टर-1 में स्थित है। यहां जाने के लिए कोई एंट्री फीस भी नहीं है।

सेक्टर-17 मार्किट - Sector -17 Market

चंडीगढ़ घूमने तो आ गए हैं आप, लेकिन अब मन कर रहा होगा कि थोड़ी शाॅपिंग भी की जाए। चंडीगढ़ का सबसे फेमस मार्केट यहां पर सेक्टर-17 में है। शहर के बीचोबीच होने के कारण इसे इसे सिटी सेंटर भी कहा जाता है। ये इलाका 240 एकड़ में बना हुआ है। यहां पर आपको कई बड़े ब्रांड की दुकाने, इंटरनेशनल फूड आउटलेट की फ्रेंचाइजी भी मिल जाएगी। देश दुनिया के सभी खाने पीने की दुकानें इस सेक्टर-17 के मार्केट में मिल जाएगी।

सेक्टर-17 एक तरह से मनोरंजन का केंद्र है। पेड़-पौधे से घिरा ये इलाका बेहद खुशमिजाज है। यहां आपको एक तरफ शोर शराबा तो दूसरी ओर शांति से घूमने के लिए पार्क मिल जाएगा।

क्या है खास? Attraction:

यहां मूवी थिएटर है। स्थानीय दुकानें और अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड स्टोर। शाम के म्यूजिकल फाउंटेन शो होता है, जो कि 07:00 बजे, 08:00 बजे और 09:00 बजे आयोजित किया जाता है। इन म्यूजिकल फाउंटेन शो में लोग इतने घुल जाते हैं कि वे खुद नाचने गाने लगते हैं।

वाॅर मेमोरियल-War memorial

वाॅर मेमोरियल के बारे में बताने से पहले सभी शहीद हुए स्वतंत्रता सेनानियों को नमन। आइये अब जानते हैं चंडीगढ़ स्थित वाॅर मेमोरियल के बारे में। यह स्मारक स्वतंत्रता के बाद बनाया गया देश का सबसे बड़ा युद्ध स्मारक है। इस स्मारक में 1947 के समय देश को आजाद कराने में शहीद होने वाले सेना, वायुसेना और नौसेना के लगभग 8459 मृत सैनिकों के नाम हैं। यह स्थान बोगेनविलिया उद्यान में स्थित जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए बनाया गया है। इसका उद्घाटन 2006 में स्वर्गीय एपीजे अब्दुल कलाम ने किया था। स्मारक की दीवारें गुलाबी बलुआ पत्थर से बनी हैं। इसमें छत जैसा बैठने का क्षेत्र भी है, इसलिए यह लाइट और साउंड शो आयोजित करने के लिए ओपन एयर थिएटर के लिए एक आदर्श स्थान है।

क्या है खास? Attraction:

वॉर मेमोरियल के केंद्र में 22 फीट की एक मूर्ति है। मूर्ती के पास काले ग्रेनाइट के पत्थर पर सभी शहीदों के नाम लिखे हुए हैं। वॉर मेमोरियल की दीवारे गुलाबी बलुआ के पत्थर से बनी हुई है।

चंडीगढ़ में स्थित म्यूजियम : Museum in Chandigarh

चंडीगढ़ के म्यूजियम बड़ी तेजी से पर्यटकों के लिए आकर्षणों का एक अहम हिस्सा बन रहे हैं। चंडीगढ़ में प्रतिष्ठित सरकारी संग्रहालय, आर्ट गैलरी, चंडीगढ़ के तीन वास्तुकला संग्रहालय, प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय, अंतर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय, उच्च न्यायालय संग्रहालय और रॉक गार्डन में राग गुड़िया संग्रहालय लोगों के लिए इतिहास के बारे में जानने के लिए बेहद खास बनता जा रहा है।

ये संग्रहालय चंडीगढ़ में आने के बाद लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं।

नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम

संग्रहालय में प्रदर्शित प्रदर्शनियां सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर आज तक के 5000 वर्षों के भारतीय इतिहास को शामिल करती हैं। इसमें खुली हवा में मूर्तिकला कलाकृतियाँ प्रदर्शित हैं

नेशनल गैलरी ऑफ पोर्ट्रेट्स

इसकी स्थापना 1977 में की गई थी। संग्रहालय में भारत के स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित चित्रों, प्रतिमाओं, मूर्तियों, छवियों, दुर्लभ दस्तावेजों के प्रिंट, तस्वीरों और चित्रों का एक जीवंत और विविध संग्रह है। इसमें एक बड़ा आयताकार आधा हिस्सा है, जिसमें 41 सूचना पैनल हैं। इनमें भारत के लंबे स्वतंत्रता संग्राम के दौरान आंदोलनों का विवरण बताया गया है।

इंटरनेशनल डॉल्स म्यूजियम

इसकी स्थापना 1985 में बाल भवन परिसर में की गई थी। इसमें 25 देशों की विरासत गुड़ियों का संग्रह प्रदर्शित किया गया है, जिसमें ऐतिहासिक, सामाजिक-सांस्कृतिक, भौगोलिक कलात्मक, फैशन डिजाइन और पोशाक विशेषताओं के साथ विदेशी और स्वदेशी गुड़िया शामिल हैं। इसमें बच्चों के लिए गुड़ियों के रंगीन आदमकद कटआउट भी हैं।

चंडीगढ़ वास्तुकला संग्रहालय

इसकी स्थापना 1997 में की गई थी। चंडीगढ़ के निर्माण से संबंधित दुर्लभ दस्तावेजों, रेखाचित्रों और अभिलेखागारों आदि का दस्तावेजीकरण, संरक्षण और प्रदर्शन करने के लिए की गई थी। संग्रहालय में प्रवेश एक ट्यूब जैसी सीढ़ी से होता है। इसे चार स्तरों में विभाजित किया गया है।

इस खबर से जुड़ी सभी जानकारी चंडीगढ़ की आधिकारिक वेबसाइट से ली गई है।

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