कबाड़ से निकाला स्ट्रीम रोलर बढ़ा रहा रेलवे की शोभा

फिरोजपुर : रेलवे की सिक लाइन से उठाकर कबाड़ में बेचने के लिए रखा विंडेज इंजन सीरीज वाला स्ट्रीम रोड रोलर फिरोजपुर मंडल रेलवे दफ्तर की शोभा बढ़ा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Oct 2018 11:43 PM (IST) Updated:Sun, 07 Oct 2018 11:43 PM (IST)
कबाड़ से निकाला स्ट्रीम रोलर बढ़ा रहा रेलवे की शोभा
कबाड़ से निकाला स्ट्रीम रोलर बढ़ा रहा रेलवे की शोभा

प्रदीप कुमार ¨सह, फिरोजपुर : रेलवे की सिक लाइन से उठाकर कबाड़ में बेचने के लिए रखा विंडेज इंजन सीरीज वाला स्ट्रीम रोड रोलर फिरोजपुर मंडल रेलवे दफ्तर की शोभा बढ़ा रहा है। इसका निर्माण इंग्लैंड की जानी-मानी कंपनी ऐवली एव¨लग ने किया था। कराची, लाहौर, इस्लामाबाद, अमृतसर व फिरोजपुर में रेलवे के विकास कार्य में इस रोलर ने अहम योगदान दिया है।

फिरोजपुर सिक लाइन में जर्जर हालत में खड़े इस स्ट्रीम रोलर की खोज उस समय की गई, जब इसे कबाड़ में बेंचने के लिए बाहर निकाला गया। इसे फिरोजपुर रेल मंडल के ऑपरेटिंग विभाग में सहायक ऑपरे¨टग मैनेजर रहे एसपी भाटिया ने देखकर उसकी अहमियत पहचानी। उन्हीं के प्रयास से ही इस रोलर को डीआरएम दफ्तर के मुख्य गेट पर 25 अक्टूबर, 2012 को सजा कर रखा गया।

रोलर को मंडल के हेरिटेज सीरीज में शामिल करने के लिए इससे संबंधित सारे दस्तावेज इंग्लैंड रोड रोलर एसोसिएशन को भेजकर अन्य जानकारी मांगी गई। इससे तत्कालीन एसोसिएशन के अध्यक्ष रेटल काफी प्रभावित हुए। अपने देश की कंपनी द्वारा बनाए गए रोलर की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने एसपी भाटिया को एसोसिएशन का मेंबर नियुक्त किया। फिरोजपुर के डीआरएम विवेक कुमार ने कहा कि मंडल द्वारा रेलवे हेरीटेज संभालने का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए एक कमेटी का भी गठन किया गया है।

आठ टन वजनी रोलर को अंतिम बार 1977 को चलाया गया, ¨सगल स्पीड का भाप से चलने वाला स्ट्रीम रोलर दुर्लभ है

डीओएम स¨तदर पाल ¨सह भाटिया ने बताया कि यह रोलर 28 फरवरी, 1908 को इंग्लैंड की कंपनी एवे¨लग एंड पो‌र्स्टर रोचेरस्टर ने बनाया था। स्टीम से चलने वाला यह रोलर रेलवे के पास होना बड़े गर्व की बात है। आठ टन वजनी इस रोलर को अंतिम बार वर्ष 1977 को चलाया गया था। उसके बाद से यह फिरोजपुर में ही खड़ा हुआ था, जिसे उन्होंने तैयार करवाया है। उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्हें इंजीनिय¨रग विभाग के सभी अधिकारियों ने पूरा सहयोग दिया है। रोलर को इंग्लैंड से 29 फरवरी, 1908 को अंग्रेज शासनकाल के दौरान अविभाजित भारत (कराची) लाया गया। उस समय यह मूल रूप से कराची में चलाया गया था। यह ¨वडेज मशीन के साथ फिसलने वाला वाहन है।

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