Amritpal: पपलप्रीत से अलग हुआ अमृतपाल, कार में पंजाब लाने वाला गिरफ्तार; फरार होने के पहले दिन से था एक साथ
पिछले 13 दिन से अलगाववादी अमृतपाल के साथ साये की तरह चलने वाला पपलप्रीत अब अलग हो गया है। दोनों 28 मार्च को फगवाड़ा से होशियारपुर आए थे। अमृतपाल व उसके साथियों के हाथ से निकलने के बाद पुलिस ने 28 मार्च को होशियारपुर में चौकसी बढ़ा दी थी।
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जागरण टीम, जालंधर। पिछले 13 दिन से अलगाववादी अमृतपाल के साथ साये की तरह चलने वाला पपलप्रीत अब अलग हो गया है। दोनों 28 मार्च को फगवाड़ा से होशियारपुर आए थे। शाम को जब कपूरथला जिले के रावलपिंडी पुलिस स्टेशन से पुलिस ने उनका पीछा करना शुरू किया तो इनोवा में सवार चार लोगों ने होशियारपुर के मरनियां गांव में एक गुरुद्वारे के बाहर गाड़ी छोड़ दी और दीवार फांदकर फरार हो गए। इस कार में सवार उत्तराखंड से अमृतपाल को पंजाब लाने वाले ड्राइवर जोगा सिंह को पुलिस ने शुक्रवार को लुधियाना के साहनेवाल से गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने बढ़ाई चौकसी
अमृतपाल व उसके साथियों के हाथ से निकलने के बाद पुलिस ने 28 मार्च को होशियारपुर में चौकसी बढ़ा दी थी। 14 घंटे तक सर्च आपरेशन चलाया। इस दौरान अमृतपाल व पपलप्रीत होशियारपुर के एक धार्मिक स्थल में रहे। 29 मार्च को चौकसी कम हुई तो अमृतपाल व पपलप्रीत थोड़ी दूरी बनाकर एक-एक कर निकले और पास ही स्थित खेतों के बीच के दो रास्तों से अलग हो गए। अमृतपाल अमृतसर की तरफ और पपलप्रीत फगवाड़ा की तरफ निकल गया। पुलिस को जब इसकी सीसीटीवी फुटेज मिली तो इसका पता चला। पुलिस ने इस धार्मिक स्थल की तलाशी नहीं ली थी।
जानकारी के अनुसार, अमृतपाल ने पुलिस को चकमा देने के लिए ड्राइवर जोगा सिंह को फोन आन करके दे दिया था। जोगा होशियारपुर से फगवाड़ा चला गया। पुलिस फोन की लोकेशन के हिसाब से अमृतपाल को फगवाड़ा में तलाशती रही और वह होशियारपुर के धार्मिक स्थल में छिपा रहा।
अमृतपाल को स्कार्पियो में उत्तराखंड से लेकर आया था जोगा सिंह
अमृतपाल, पपलप्रीत व चरनजीत सिंह को साहनेवाल से गिरफ्तार जोगा सिंह स्कार्पियो कार से उत्तराखंड से पीलीभीत व करनाल होते हुए फगवाड़ा लेकर आया था। यहां उन्होंने गाड़ी बदली और इनोवा से होशियारपुर गए थे। होशियारपुर में अलग होने के बाद जोगा सिंह फगवाड़ा पहुंचा था और फिर साहनेवाल गया। जोगा ने दस साल साहनेवाल के गुरुद्वारा रेडू साहिब में बाबा मेजर सिंह के साथ कारसेवा की थी। विवाद के बाद उसे निकाल दिया गया था।
इसके बाद वह पहले लुधियाना के गुरुद्वारा गऊ घाट में सेवा करने लगा था और फिर पीलीभीत में गुरुद्वारे का सेवादार बन गया। आठ महीने बाद 28 मार्च को ही वह साहनेवाल आया था। वह गुरुद्वारा रेडू साहिब में बाबा मेजर ¨सह से भी मिला और इसके बाद वहां से चला गया था।
300 धार्मिक स्थल किए गए चिह्नित
पुलिस को इनपुट मिला है कि अमृतपाल व पपलप्रीत धार्मिक स्थलों में छिपे हुए हैं। पंजाब व आसपास के राज्यों के 300 धार्मिक स्थलों को चिन्हित किया गया है, जहां पुलिस द्वारा सर्च आपरेशन चलाया जा रहा है।
अमृतपाल को तुरंत करना चाहिए सरेंडर- पंजौली
एसजीपीसी सदस्य व पूर्व महासचिव करनैल सिंह पंजौली ने चंडीगढ़ में कहा कि अमृतपाल को सरेंडर कर कानून का सामना करना चाहिए। उसने थाने में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पावन स्वरूप को ले जाकर भारी गलती की है, लेकिन सिख नेताओं का फर्ज बनता था कि उसे समझाने का प्रयास करते। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अल्पसंख्यक भाईचारे की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए एनएसए को तुरंत वापस लेने की मांग की।
उन्होंने कहा कि डिब्रूगढ़ जेल में बंद लोगों की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है। कहा कि सरबत खालसा को सीधे नहीं बुलाया जा सकता। इसके लिए श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार साहिब को पहले सभी संगठनों, संप्रदायों आदि की विश्व सिख कन्वेंशन करनी होती है।
सिख युवाओं की रिहाई के लिए एसजीपीसी का रोष मार्च
एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी की अगुवाई में श्री हरिमंदिर साहिब से डीसी दफ्तर तक रोष मार्च निकाला गया। मुख्यमंत्री को सौंपे मांग पत्र में मांग की गई कि गिरफ्तार सिख युवाओं पर लगा एनएसए हटाया जाए। बाहरी राज्यों की जेल से पंजाब शिफ्ट किया जाए।
खुफिया एजेंसी के निशाने पर ऊधमसिंहनगर का युवक
अमृतपाल को पंजाब पहुंचाने वाली गाड़ी ऊधमसिंहनगर जिले के नंबर की थी। गाड़ी के दस्तावेज में दर्ज एक मोबाइल नंबर भी ऊधम¨सहनगर के युवक का मिला है। फगवाड़ा में मिली उत्तराखंड नंबर की गाड़ी यूके-06-एआर-1313 की आरसी में एक मोबाइल नंबर लिखा था, जो ऊधम सिंह नगर के एक युवक का निकला मिला। पुलिस और खुफिया एजेंसी उसकी तलाश में है।