Nangal Dam पर Trains की बढ़ती संख्या से खतरा... सिर्फ 10 साल की थी अनुमति, थम नहीं रहा सफर
भाखड़ा बांध परियोजना के डाउन स्ट्रीम पर बने नंगल डैम के ऊपर से ही नॉर्दर्न रेलवे का ब्रॉडगेज ट्रैक गुजर रहा है। इस ट्रैक पर बढ़ती ट्रेनों की संख्या से खतरा है।
नंगल [सुभाष शर्मा]। भाखड़ा बांध परियोजना के डाउन स्ट्रीम पर बने नंगल डैम के ऊपर से ही नॉर्दर्न रेलवे का ब्रॉडगेज ट्रैक गुजर रहा है। इस ट्रैक पर बढ़ती ट्रेनों की संख्या से खतरा है। सिर्फ 10 वर्षो के लिए इस ट्रैक पर ट्रेन चलाने की इजाजत मिलने के बावजूद अब तक यह सफर थमा नहीं। यही नहीं, पहले इस ट्रैक पर सिर्फ मालगाड़ी चला करती थी, जबकि अब डैम के ऊपर 24 घंटे में 30 से ज्यादा बार ट्रेनों का आवागमन होता है।
देश आजाद होते ही भाखड़ा बांध के निर्माण के समय नंगल डैम के ऊपर से ट्रेन का ट्रैक इसलिए बनाया गया था, ताकि यहां खाद बनाने वाले कारखाने एनएफएल के कच्चे माल व बनने वाली खाद की मालगाड़ी से ढुलाई की जा सके। उस समय भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड ने सिर्फ 10 साल के लिए ट्रेन का ट्रैक प्रयोग करने की अनुमति प्रदान की थी, लेकिन अब डैम के ऊपर से गुजरते ट्रैक को मालगाड़ी के अलावा हिमाचल प्रदेश तक जाने वाली यात्री ट्रेनों के लिए भी प्रयोग में लाना शुरू किया जा चुका है।
ट्रेनों की बढ़ती संख्या के कारण डैम के आसपास एक साथ पांच फाटक लगा दिए गए, जिससे डैम पर एक साथ सैकड़ों वाहन जाम में फंस जाते हैं। इस वजह से डैम की सुरक्षा भी प्रभावित है। नंगल में बन रहे फोरलेन फ्लाईओवर की डिजाइनिंग भी इस प्रकार से की गई है कि भविष्य में नंगल डैम के ऊपर से ही ट्रेनें गुजरा करेंगी, जो सुरक्षा के लिहाज से ठीक नहीं है।
चेयरमैन बोले, नॉर्दर्न रेलवे के अधिकारियों से करेंगे बात
बीबीएमबी के चेयरमैन इंजीनियर डीके शर्मा ने कहा है कि वे नंगल डैम के ऊपर से निकल रहे रेलवे ट्रैक के स्थानांतरण को लेकर चल रहे पत्रचार को आगे बढ़ा कर नॉर्दर्न रेलवे से बातचीत करेंगे। बांध की सुरक्षा के लिए बीबीएमबी गंभीर है।
रेलवे ट्रैक पर कंपन बढ़ना खतरे की घंटी
भाखड़ा बांध प्रशासन एक दिसंबर 2017 को नॉर्दर्न रेलवे को पत्र भेजकर रेलवे ट्रैक को स्थानांतरित करने के बारे में कह चुका है। पत्र में कहा गया कि भाखड़ा बांध परियोजना के शुरू होने के समय बनाए गए नंगल डैम पर अब ट्रेनों का आना-जाना बढ़ चुका है, इसलिए कंपन भी बढ़ता जा रहा है। रेल मार्ग के विस्तार के दौरान नंगल बांध के ऊपर से विद्युतीकरण का काम पूरा हो जाने से आरएचआर गेटों (पानी छोड़ने वाले गेट) की मरम्मत का कार्य बांध के ऊपर नहीं हो सकता।
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