ट्रेनों की रफ्तार धीमी होने से फैक्ट्रियों में मजदूरों की कमी

कोविड-19 के चलते ट्रेनों का परिचालन कम होने से श्रमिक कम ही आ रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 18 Mar 2021 09:25 PM (IST) Updated:Thu, 18 Mar 2021 09:25 PM (IST)
ट्रेनों की रफ्तार धीमी होने से फैक्ट्रियों में मजदूरों की कमी
ट्रेनों की रफ्तार धीमी होने से फैक्ट्रियों में मजदूरों की कमी

डीएल डॉन, लुधियाना : कोविड-19 के चलते ट्रेनों का परिचालन कम होने से श्रमिक कम ही आ रहे हैं। इससे हौजरी और फैक्ट्रियों में लेबर की जरूरत पूरी नहीं हो रही है। फैक्ट्री की ओर से जगह जगह बोर्ड लगाया गया है इसमें कारीगरों और लेबरो का डिमांड है। हौजरी बहुल क्षेत्रों में ट्रेलर, ओवरलाक, फोल्डिग, कटर मास्टर, सुपरवाइजर और हेल्पर की जरूरत होने का बोर्ड लगा हुआ है। इसके साथ काफी संख्या में सुरक्षा गार्ड के लिए भी जगह-जगह बोर्ड लगाए गए हैं। हौजरी इकाइयों के मैनेजर व प्रतिनिधियों का कहना है कि बोर्ड लगाने के बावजूद भी कारीगर की पूर्ति नहीं हो पा रही है जिससे हौजरी में प्रोडक्शन बाधित हो रहा है। बोर्ड लगाने के बावजूद नहीं मिल रहे कारीगर

बहादुरके रोड स्थित गाबा हौजरी क प्रतिनिधि अमृतपाल ने बताया कि उनके यहां टेलर की सख्त जरूरत है लेकिन बोर्ड लगाने के बाद भी पूर्ति नहीं हो रही है जिससे उत्पादन पर असर पड़ रहा है। एके फैशन के एमडी ने कहा कि कोविड-19 के चलते एक साल से काम मंदा चल रहा है। प्रोडक्शन कम पड़ने से आर्डर मिलना कम हो गया है जिससे व्यापार पर बहुत बड़ा असर पड़ा है और वे सकते में है।

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कारीगरों और मजदूरों की कमी

महानगर के सबसे ज्यादा हौजरी इकाई बहादुरके रोड पर होने से यहां कारीगरों और मजदूरों की मांग के ज्यादा बोर्ड लगे हुए हैं। इसी तरह सुंदर नगर, कल्याण नगर, बाजवा नगर, सरदार नगर, माधोपुरी, न्यू माधोपुरी आदि इलाके में भी कारीगरों का बोर्ड लगा हुआ है। इस संबंध में हौजरी एसोसिएशन के वरिष्ठ उप प्रधान पंकज मदान ने कहा कि कोरोना के कारण लगे लाकडाउन में मजदूरों और कारीगरों की कमी से फैक्ट्री प्रबंधन परेशान है। सरकार सभी ट्रेनों का परिचालन करे ताकि श्रमिकों का आवागमन हो सके और फैक्ट्रियों में वर्कर पूरे हो सकें।

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