World Cancer Day 2021 : मिलिए लुधियाना के डाक्टर गुप्ता से.. पहले खुद दो बार कैंसर को दी मात, अब दूसरों के बने मददगार
World Cancer Day 2021 लुधियाना के डा. सुरिंदर गुप्ता कैंसर रोगियों के इलाज में मदद करने को लेकर जागरूकता आई कैन गाइड चला रहे हैं। वह खुद दो बार कैंसर को मात दे चुके हैं और अब लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक कर रहे हैं।
लुधियाना, [आशा मेहता]। World Cancer Day 2021 : कैंसर से डरने की नहीं, बल्कि इससे लड़ने की जरूरत है। इस बीमारी का प्रारंभिक अवस्था में पता चल जाए, तो पूरी तरह रोकथाम संभव है। पिछले कुछ सालों में अत्याधुनिक तकनीकों व बेहद कारगार दवाओं के आने से कैंसर का इलाज संभव हो गया है। यह संदेश देकर कैंसर से पीड़ित मरीजों की हिम्मत बन रहे डा. सुरिंदर गुप्ता।
दो बार कैंसर को मात दे चुके 64 वर्षीय डा. गुप्ता कैंसर रोगियों के इलाज में मदद करने को लेकर कैंसर के प्रति जागरूकता 'आई कैन गाइड' चला रहे हैं। जिसके तहत उन्होंने कैंसर के संदिग्ध मरीजों व कैंसर के मरीजों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर 94175-20783 जारी किया है। इस नंबर पर जब भी कैंसर का मरीज अपनी रिपोर्ट्स वाट्सएप करता है, तो उस रिपोर्ट्स को पंजाब के जाने माने कैंसर विशेषज्ञों के साथ साझा करते हैं।
कैंसर विशेषज्ञ रिपोर्ट्स देखने के बाद मरीज के ट्रीटमेंट को लेकर अपनी राय देते हैं। जिसके बाद डा. गुप्ता आगे कैंसर विशेषज्ञों की राय को मरीजों से सांझा करके इलाज के लिए गाइड करते हैं। जिससे कि मरीजों का इलाज सही समय पर शुरू हो सके। कैंसर मरीजों की काउंसलिंग करते हैं। इसके साथ ही वह मरीजों को कैंसर के इलाज के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली वित्तीय सहायता के बारे में भी बताते हैं।
पहले खुद दो बार कैंसर को हराया
शिवपुरी में क्लीनिक चलाने वाले डा. सुरिंदर गुप्ता को साल 2010 में पहली बार यूरिनरी ब्लैडर कैंसर और दूसरी बार वर्ष 2013 में जीभ में कैंसर डाग्यनोज हुआ। डा. गुप्ता बताते हैं कि उन्हें प्लेटलेट्स कम रहने की बीमारी थी। इसलिए निरंतर कई तरह के टेस्ट करवाते रहते थे। साल 2010 में 10 अक्टूबर को ब्लड टेस्ट करवाया, तो रिपोर्ट संदिग्ध आई। फिर अल्ट्रा साउंड करवाया। अल्ट्रा साउंड में यूरिनरी ब्लैडर में ट्यूमर आया है। फिर उन्होंने ट्यूमर को रिमूव करवा दिया। लेकिन इसके बाद दोबारा से टयूमर बन गया।
दोबारा से टयूमर की वजह पता लगाने की जांच करवाई, तो पता लगा कि उन्हें हाईग्रेड यूरिनरी ब्लैडर कैंसर की पुष्टि हुई। जिसमें दोबारा से ट्यूमर होने की प्रबल संभावना रहती है। दोबारा से ट्यूमर न बने, इसके लिए स्थानीय चिकित्सकों ने मुंबई के टाटा मेडिकल सेंटर में इलाज करवाने की सलाह दी। वह वहां गए। जांच के बाद इंट्रा वेसीकल कीमो की छह डोज दी गई। जिससे ट्यूमर दोबारा नहीं आया। वे बताते हैं कि सितंबर 2013 में उन्हें पता लगा कि जीभ का कैंसर है। फिर विशेषज्ञों के परामर्श के अनुसार नवंबर में सर्जरी से कैंसर ग्रस्त चीभ के हिस्से को निकलवाया। तब से जीभ का कैंसर दोबारा नहीं हुआ और जीभ दोबारा से रिग्रो हो गई है।
क्लीनिक पर लोगों को करते हैं जागरूक
डा. सुरिंदर गुप्ता कहते हैं, कोई भी बीमारी घातक और जानलेवा तब बन जाती है, जब समय पर जांच और इलाज न हो। बहुत से लोग शरीर में अचानक होने वाले बदलावों को गंभीरता से नहीं लेते। शरीर में जब भी कोई बीमारी आती है, तो वह छोटे बडे़ हिंट देती है। लेकिन बहुत से लोग इन हिंट को अनदेखा कर देते हैं या पता लगने पर अनदेखा कर देते हैं। कैंसर भी शरीर में अपनी मौजूदगी को लेकर कई तरह के संकेत देता है। जैसे अत्याधिक थकान, बेवजह और तेजी से वजन घटना, गांठ, लगातार खांसी, मुंह के छाले, दांतों से लगातार खून आना, पेशाब में खून आना व अन्य लक्षण शामिल है। मैं लाेगों से एक ही बात कहता कि कैंसर से डरे नहीं, इसे पहचानें और बचाव करें।