न मास्क न दस्ताने, खतरे में मनरेगा मजदूरों कीे जिदगी

कोरोना महामारी के इस संकटकाल में रेलवे ने मनरेगा मजदूरों को रेल ट्रैक की सफाई आदि का काम देते हुए प्रशंसनीय काम तो किया है लेकिन इन्हें न तो मास्क उपलब्ध करवाए गए हैं तथा न ही हाथों की सुरक्षा के लिए दस्ताने उपलब्ध करवाए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 01 Jun 2021 04:31 PM (IST) Updated:Tue, 01 Jun 2021 04:31 PM (IST)
न मास्क न दस्ताने, खतरे में मनरेगा मजदूरों कीे जिदगी
न मास्क न दस्ताने, खतरे में मनरेगा मजदूरों कीे जिदगी

अरुण कुमार पुरी, रूपनगर: कोरोना महामारी के इस संकटकाल में रेलवे ने मनरेगा मजदूरों को रेल ट्रैक की सफाई आदि का काम देते हुए प्रशंसनीय काम तो किया है, लेकिन इन्हें न तो मास्क उपलब्ध करवाए गए हैं तथा न ही हाथों की सुरक्षा के लिए दस्ताने उपलब्ध करवाए हैं। रेल ट्रैक पर काम करती इन महिलाओं की सुरक्षा भी राम भरोसे हैं। जितनी भी महिला मजदूर काम कर रही हैं, उनमें से किसी को भी रेल ट्रैक पर काम करने के साथ रेलवे सिस्टम का ज्ञान तक नहीं है। इन सारी महिलाओं की सुरक्षा मात्र एक रेल कर्मी मेट के हाथों में दी गई है। पिछले कुछ दिनों से रूपनगर रेलवे स्टेशन के रेल ट्रैक पर 30 महिला मजदूर ट्रैक की सफाई के साथ साथ ट्रैक पर बजरी डालने का काम कर रही हैं। रेलवे के जारी दिशा निर्देशों के अनुसार ट्रैक आदि की सफाई के साथ कुछ अन्य छोटे कार्यों को करवाने के लिए मनरेगा योजना के तहत काम करने वाले मजदूरों (पुरुष व महिला) को गया गया है। इन्हें दो सौ रुपये दिहाड़ी पर रखा गया है। रेलवे का उक्त प्रयास सराहनीय तो है लेकिन हैरानी इस बात की है इन महिला मजदूरों को न तो मास्क उपलब्ध करवाए गए हैं तथा न ही किसी को दस्ताने दिए गए हैं। इस पर उन्होंने कहा कि 200 रुपये दिहाड़ी में परिवार का पालन बड़ी मुश्किल से हो पाता है, ऐसे में वह रोजाना मास्क व दस्ताने कहां से लेकर आएं। उन्होंने कहा कि मास्क व दस्ताने तो काम करवाने वालों को उपलब्ध करवाने चाहिए। सुरक्षा प्रबंधों के बारे में उन्होंने कहा कि रेलवे का एक कर्मचारी हाथों में लाल रंग का झंडा पकड़ उनके आसपास रहता है। लेकिन जब वो कहीं बाहर जाता है , तो उन्हें खतरा महसूस होने लगता है। गाड़ी कब व किसी दिशा से कौन से ट्रैक पर आएगी, इसका उन्हें कोई ज्ञान नहीं है।

रेल ट्रैक पर काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाता है। रेलवे नियमों के अनुसार मजदूरों के पास एक कर्मचारी को तैनात किया गया है। किसी भी दिशा से आने वाली गाड़ी के पहुंचने से पहले तैनात स्टेशन मास्टर पीए सिस्टम के माध्यम से अनाउंसमेंट करता है। तेजिदर पाल, स्टेशन सुपरिटेंडेंट।

मजदूरों से बिना मास्क व दस्ताने काम करवाने का मामला उनके ध्यान में आया है। जेई को निर्देश देते हुए सभी को मास्क व सैनिटाइजर सहित दस्तानों की व्यवस्था जल्द की जाएगी।

जसमेल सिंह, इंचार्ज, पीडब्लयूआइ।

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