'तीन से लेकर दस लाख तक....'  राजस्थान में सरकारी नौकरियों के लिए फिक्स होते थे रेट, SOG ने यूं किया भंडाफोड़

राजस्थान में पिछले पांच सालों में एक दर्जन से अधिक भर्ती परीक्षाओं के पर्चे लीक होने के मामले सामने आए। इसी मद्देनजर एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) को पेपर लीक और मूल परीक्षार्थियों के स्थान पर परीक्षा में डमी कैंडिडेट बिठाने वालों पर नकेल कसने का जिम्मा सौंपा गया है। एसओजी की जांच में सामने आया कि इन आधा दर्जन मास्टरमाइंड ने तीन हजार से अधिक लोगों को नौकरियां दिलवाई।

By Jagran NewsEdited By: Piyush Kumar Publish:Sat, 29 Jun 2024 06:00 AM (IST) Updated:Sat, 29 Jun 2024 06:00 AM (IST)
'तीन से लेकर दस लाख तक....'  राजस्थान में सरकारी नौकरियों के लिए फिक्स होते थे रेट, SOG ने यूं किया भंडाफोड़
राजस्थान में पेपर लीक पर नकेल कसने के लिए स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप को जिम्मेदारी दी गई।(फोटो सोर्स: जागरण)

HighLights

  • आधा दर्जन मास्टरमाइंड ने तीन हजार को नौकरी दिलवाई
  • एसओजी ने अब तक एक सौ से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में पिछले पांच साल में एक दर्जन से अधिक भर्ती परीक्षाओं के पर्चे लीक होने के मामले सामने आए हैं। पर्चे लीक मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने सख्ती बरतते हुए एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) को पेपर लीक और मूल परीक्षार्थियों के स्थान पर परीक्षा में डमी कैंडिडेट बिठाने वालों पर नकेल कसने का जिम्मा सौंपा।

एसओजी ने तीन महीने में विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक करवाने, नकल करवाने, डमी कैंडिडेट बिठाने, डिग्रियों व अंक तालिका में फर्जीवाड़ा कर नौकरी दिलवाने और फर्जीवाडे से नौकरी हासिल करने के आरोप में एक सौ से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में से आधा दर्जन फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड है।

दस लाख रूपए लेकर दी गई नौकरी 

एसओजी की अब तक की जांच में सामने आया कि इन आधा दर्जन मास्टरमाइंड ने तीन हजार से अधिक लोगों को नौकरियां दिलवाई। इनमें इनके अपने स्वजन एवं परिचित भी शामिल हैं। जिन परिचितों को नौकरी दिलवाई उनमें से प्रत्येक से तीन से दस लाख रूपए तक वसूले। एसओजी के अतिरिक्त महानिदेश वी.के. सिंह ने का कहना है कि अभी जांच जारी है। कई बड़े मामलों का पर्दाफाश होगा।

इन क्षेत्रों में मास्टरमाइंड ने दिलवाई  नौकरी 

शिक्षक भर्ती, पुलिस कॉंस्टेबल, वनपाल, तकनीकी सहायक, कृषि पर्यवेक्षक, पटवारी, नर्सिंग कर्मी सहित दस से अधिक भर्ती परीक्षाओं में जिन आधा दर्जन मास्टरमाइंड ने तीन हजार से अधिक लोगों को नौकरी दिलवाई, उनमें जगदीश ज्याणी, श्रवण बाबल, पंकज चौधरी, हर्षवर्धन मीणा, राजेंद्र यादव और हनुमान शामिल हैं।

इनमें से एक श्रवण ने दस साल पहले पेपर लीक गिरोह बनाया और अपने 60 स्वजन व परिचितों को फजीवाड़े से नौकरी दिलवाई।

आरोपियों ने अपने रिश्तेदारों को भी दिलवाई नौकरी 

रिकॉर्ड के अनुसार श्रवण करीब 25 करोड़ की संपति का मालिक है। पंकज ने 250 से अधिक लोगों को नौकरी दिलवाई है। वन विभाग में वनपाल पद पर कार्यरत पंकज ने अपनी पत्नी, साले, चाचा के बेटे व बुआ के दो बेटों सहित 250 लोगों को पेपर लीक करवाकर डमी कैंडिडेट परीक्षा में बिठाकर नौकरी दिलवाई है।

हर्षवर्धन ने 35 परिचितों को पटवारी बनवा दिया। जगदीश पिछले एक दशक से पेपर लीक गिरोह से जुडा हुआ है। एसओजी की पूछताछ में उसने कहा कि बहुत लोगों को नौकरी दिलवाई, लेकिन संख्या याद नहीं है। एसओजी की जांच में सामने आया कि सरकारी स्कूल में शिक्षक राजेंद्र के जयपुर में 13 फ्लैट, एक स्वतंत्र मकान, तीन निजी स्कूल है।

हनुमान ने सात भर्ती परीक्षाओं में तीन सौ से अधिक स्वजन एवं परिचितों को नौकरी दिलवाई है। एसओजी ने पेपर लीक और डमी कैंडिडेट के माध्यम से भर्ती हुए 33 प्रशिक्षु पुलिस कांस्टेबल को पिछले महीने ही गिरफ्तार किया है। 

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