Nirjala Ekadashi 2024: निर्जला एकादशी व्रत कर रहे हैं, तो इस समय करें जल ग्रहण, मनोवांछित फल की होगी प्राप्ति

हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में निर्जला एकादशी का व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से जातक को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही जातक के जीवन में खुशियों के आगमन होता है। ऐसे में आइए जानते हैं निर्जला एकादशी का शुभ मुहूर्त और इसके नियम के बारे में।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Publish:Sun, 16 Jun 2024 11:35 AM (IST) Updated:Sun, 16 Jun 2024 11:35 AM (IST)
Nirjala Ekadashi 2024: निर्जला एकादशी व्रत कर रहे हैं, तो इस समय करें जल ग्रहण, मनोवांछित फल की होगी प्राप्ति
Nirjala Ekadashi 2024: निर्जला एकादशी व्रत कर रहे हैं, तो इस समय करें जल ग्रहण, मनोवांछित फल की होगी प्राप्ति

HighLights

  • निर्जला एकादशी व्रत अधिक महत्वपूर्ण है।
  • ज्येष्ठ माह में निर्जला एकादशी व्रत किया जाता है।
  • इस व्रत में जल ग्रहण नहीं किया जाता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Nirjala Ekadashi 2024 Date and Time: भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी तिथि साल में 24 पड़ती हैं। इनमें से सभी से एकादशी व्रत को महत्वपूर्ण माना गया है, लेकिन ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली निर्जला एकादशी बेहद खास माना जाता है। क्योंकि इस व्रत में अन्न के अलावा जल भी ग्रहण नहीं किया जाता है।

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निर्जला एकादशी व्रत में पानी कब पीना चाहिए (Nirjala Ekadashi Vrat Me Pani Kab Piya Jata Hai)

अगर आप निर्जला एकादशी का व्रत रख रहे हैं, तो आपको अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर जल ग्रहण करना चाहिए। इस साल निर्जला एकादशी 18 जून को है, तो आप इस व्रत को पूरा करने के बाद 19 जून को सूर्योदय के बाद जल ग्रहण करें।

निर्जला एकादशी व्रत नियम (Nirjala Ekadashi Vrat Niyam)

निर्जला एकादशी में अन्न के अलावा पानी ग्रहण करना वर्जित है। इस एकादशी व्रत में सूर्योदय से लेकर अगले दिन यानी द्वादशी के दिन सूर्योदय तक अन्न और पानी नहीं पिया जाता है। हालांकि, बीमार होने की स्थिति पर पानी ग्रहण कर सकते हैं। निर्जला एकादशी व्रत गर्भवती महिलाओं को नहीं करना चाहिए। वह भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा कर सकती हैं।

ऐसी मान्यता है कि निर्जला एकादशी व्रत का पूर्ण फल जातक को तभी प्राप्त होता है। जब अगले दिन व्रत का पारण किया जाए। इसके बाद श्रद्धा अनुसार गरीब लोगों में अन्न, धन और वस्त्र का दान करना चाहिए। इसके अलावा निर्जला एकादशी के दिन तुलसी के पौधे को नहीं छूना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि मां लक्ष्मी एकादशी व्रत करती हैं, तो ऐसे में पौधे को स्पर्श करने से उनका व्रत खंडित हो जाता है। निर्जला एकादशी के दिन तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।

निर्जला एकादशी 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Nirjala Ekadashi 2024 Date and Shubh Muhurat)

पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 17 जून को सुबह 04 बजकर 43 मिनट से होगी। वहीं इस तिथि का समापन 18 जून को सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर होगा। ऐसे में निर्जला एकादशी व्रत 18 जून को किया जाएगा। निर्जला एकादशी व्रत का पारण 19 को सुबह 05 बजकर 23 मिनट से लेकर 07 बजकर 28 मिनट तक कर सकते हैं।

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