Shakti Peeth: इस स्थान पर गिरा था मां सती का वक्षस्थल, 51 शक्ति पीठों में है शामिल

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में नगरकोट धाम वाली मां बज्रेश्वरी देवी का भव्य मंदिर स्थित है। इस पवित्र धाम में दर्शन करने के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं। ऐसी मान्यता है कि यहां पर दर्शन करने से सभी बिगड़े काम बन जाते हैं और जीवन कल्याण की ओर अग्रसर होता है तो आइए इस शक्ति पीठ के बारे में विस्तार से जानते हैं -

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Publish:Fri, 14 Jun 2024 04:38 PM (IST) Updated:Fri, 14 Jun 2024 04:38 PM (IST)
Shakti Peeth: इस स्थान पर गिरा था मां सती का वक्षस्थल, 51 शक्ति पीठों में है शामिल
Shakti Peeth: बज्रेश्वरी देवी मंदिर से जुड़े रोचक तथ्य -

HighLights

  • हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में नगरकोट धाम वाली मां बज्रेश्वरी देवी का भव्य मंदिर स्थित है।
  • इस पवित्र धाम में दर्शन करने के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं।
  • यह मंदिर उत्तर भारत के सबसे अमीर मंदिरों की सूची में भी शामिल है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिदूं धर्म में माता सती के 51 शक्ति पीठ (Shakti Peeth) का विशेष महत्व है। जहां-जहां भी उनके शरीर का अंग या आभूषण गिरा है, वहां पर अपने आप एक दिव्य शक्ति पीठ तैयार हो गया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इन पवित्र मंदिरों में दर्शन करने मात्र से भक्तों के सभी दुख दूर हो जाते हैं।

आज हम हिमाचल प्रदेश के एक ऐसे ही शक्ति पीठ की जानकारी आपके साथ साझा करेंगे, जो विभिन्न प्रकार के चमत्कारों और रहस्यों से भरा हुआ है, तो आइए जानते हैं -

यहां गिरा था मां सती का वक्षस्थल

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में नगरकोट धाम वाली मां बज्रेश्वरी देवी का भव्य मंदिर स्थित है। इस स्थान पर मां सती का वक्ष स्थल गिरा था। वहीं, यह मंदिर उत्तर भारत के सबसे अमीर मंदिरों की सूची में भी शामिल है। ऐसा कहा जाता है कि यहां पर बेशकीमती चढ़ावा देवी को अर्पित किया जाता है। इस धाम को लेकर ऐसा कहा जाता है कि जब 17 वी शताब्दी में मुहम्मद गोरी भारत के मंदिरों को अपना निशाना बनाते हुए उन्हें लूट रहा था, तो उसमें इस स्थल का नाम भी शामिल था।

हालांकि बाद में महाराजा रणजीत सिंह ने उस खजाने को दोबारा से प्राप्त किया और उसे मां के चरणों में लाकर अर्पित कर दिया था। बता दें, वह खजाना आज भी इस मंदिर में मौजूद है।

बज्रेश्वरी देवी मंदिर में मिलता है एकता का प्रमाण

नगरकोट माता के इस पवित्र परिसर में तीन धर्मों की एकता की झलक एक साथ देखने को मिलती है। मंदिर गर्भगृह से करीब पचास फीट पहले मस्जिद की आकृति देखने को मिलती है। उसके दस फीट बाद गुरुद्वारे की झलक देखने को मिलती है। फिर जाकर मंदिर की छत आती है। बता दें, इस पवित्र स्थल पर एकता का प्रमाण मिलता है।

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