Ashadha Month 2024: आषाढ़ माह में जरूर करें इस वृक्ष की पूजा, जानें नियम

हिंदू धर्म में आषाढ़ का महीना बहुत उत्तम माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इसका आरंभ 23 जून से हो रहा है। वहीं इस महीने का समापन 21 जुलाई को होगा। इस अवधि में भगवान विष्णु की पूजा का विधान है जो जातक इस माह उनकी पूजा करते हैं उन्हें सुख और शांति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके साथ ही जीवन में खुशहाली आती है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Publish:Fri, 21 Jun 2024 01:26 PM (IST) Updated:Fri, 21 Jun 2024 02:44 PM (IST)
Ashadha Month 2024: आषाढ़ माह में जरूर करें इस वृक्ष की पूजा, जानें नियम
Ashadha Month 2024: केले के पेड़ की पूजा जरूर करें -

HighLights

  • आषाढ़ का महीना बेहद शुभ माना जाता है।
  • आषाढ़ मास का आरंभ 23 जून से होगा।
  • इस दौरान श्री हरि की पूजा होती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आषाढ़ का महीना बेहद पवित्र माना जाता है। हिंदू कैलेंडर का यह चौथा महीना है। धार्मिक दृष्टि से भी यह माह बहुत शुभ माना जाता है। इस दौरान भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा का विधान है। इस साल आषाढ़ माह की शुरुआत 23 जून, 2024 से हो रही है। वहीं, इस महीने की समाप्ति 21 जुलाई, 2024 को होगी। इस मास (Ashadha Month 2024) में केले के पेड़ की पूजा भी बहुत शुभ मानी जाती है, तो चलिए इसकी पूजा विधि जानते हैं -

केले के पेड़ की पूजा जरूर करें

आषाढ़ मास के गुरुवार को केले के वृक्ष की पूजा फलदायी मानी जाती है। ऐसे में सुबह उठकर पवित्र स्नान के बाद केले के वृक्ष के आसपास का स्थान साफ करें। उसकी जड़ों में हल्दी डालकर जल अर्पित करें। गंगाजल से उसके तने को साफ करें। फिर उसपर गोपी चंदन, हल्दी, रोली का तिलक लगाएं। पीले रंग का वस्त्र अर्पित करें। चने और गुड़ का प्रसाद अर्पित करें। केले के पेड़ के साथ भगवान विष्णु की पूजा अवश्य करें। इसके साथ ही पूजा का समापन आरती से करें।

आषाढ़ माह के नियम

आषाढ़ मास में 'ऊँ नम: शिवाय और ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें। इस दौरान तामसिक चीजों से दूर रहें। इस माह में सूर्योदय से पहले उठना चाहिए। इस दौरान जरूरतमंद लोगों की मदद करनी चाहिए। इस माह तीर्थ यात्रा बेहद पुण्यदायी मानी जाती है। इस माह किसी के साथ गलत व्यवहार करने से बचना चाहिए।

भगवान विष्णु पूजा मंत्र

1. ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।

ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।

यह भी पढ़ें: Ashadha Month 2024: आषाढ़ मास में जरूर करें इन चीजों का दान, नहीं होगी अन्न-धन की कमी

अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।

chat bot
आपका साथी