कम समय में बनना चाहते हैं धनवान, तो चाणक्य की इन बातों का जरूर रखें ध्यान

प्राचीन समय में चन्द्रगुप्त मौर्य ने आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti For Money) की बातों को आत्मसात कर मौर्य वंश की स्थापना की थी। चन्द्रगुप्त और बिंदुसार के शासनकाल में आचार्य चाणक्य मौर्य साम्राज्य के प्रधानमंत्री थे। उन्होंने मौर्य साम्राज्य के विस्तार में अहम भूमिका निभाई। इसके लिए उन्हें भारत का कौटिल्य कहा जाता है। वर्तमान समय में भी आचार्य चाणक्य के विचार प्रासंगिक हैं।

By Pravin KumarEdited By: Publish:Mon, 10 Jun 2024 07:00 AM (IST) Updated:Mon, 10 Jun 2024 07:00 AM (IST)
कम समय में बनना चाहते हैं धनवान, तो चाणक्य की इन बातों का जरूर रखें ध्यान
Chanakya Niti: कम समय में बनना चाहते हैं धनवान, तो चाणक्य की इन बातों को जरूर करें आत्मसात

HighLights

  • आचार्य चाणक्य ने अखंड भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी।
  • चाणक्य की मानें तो ईश्वर प्रदत धन से संतुष्ट रहने वाला इंसान धनवान होता है।
  • हरि नाम सुमिरन से व्यक्ति के जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संताप दूर हो जाते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य अपनी नीतियों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। उनकी नीतियों का पालन कर सामान्य व्यक्ति भी अपने जीवन में सफल हो सकता है। प्राचीन समय में चंद्रगुप्त ने चाणक्य की बातों का अनुसरण कर मौर्य साम्राज्य की स्थापना की थी। उनके शासनकाल में मौर्य साम्राज्य का व्यापक विस्तार हुआ था। इसके लिए आचार्य चाणक्य को भारत का कौटिल्य भी कहा जाता है। आचार्य चाणक्य ने अपनी रचना 'नीति शास्त्र' में यह वर्णन किया है कि कैसे कोई अपने जीवन में धनवान बन सकता है ? अगर आप भी अपने जीवन में सफल इंसान बनना चाहते हैं, तो आचार्य चाणक्य की इन बातों को जरूर आत्मसात करें। आइए जानते हैं-

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आचार्य चाणक्य अपनी रचना 'नीति शास्त्र' में कहते हैं कि व्यक्ति को सफल होने के लिए मधुरभाषी होना अनिवार्य है। ज्योतिष भी कारोबार में सफलता पाने के लिए कुंडली में बुध ग्रह मजबूत करने की सलाह देते हैं। कुंडली में बुध मजबूत होने पर जातक मधुरभाषी होता है। जातक के मधुरभाषी होने पर कारोबार में मन मुताबिक सफलता मिलती है। साथ ही कारोबार का विस्तार भी होता है। इसके लिए मधुरभाषी बनें। आचार्य चाणक्य की मानें तो धन का निवेश जरूरी है। अर्जित कर धन को तिजोरी में रखने से एक समय तक धन साथ में रहता है। इसके बाद किसी न किसी विधि से धन का व्यय हो जाता है। इसके लिए धन को तिजोरी में रखने के बजाय निवेश करें। इसके लिए विशेष सलाहकार से राय अवश्य लें। आचार्य चाणक्य अपनी रचना नीति शास्त्र में कहते हैं कि व्यक्ति को धर्म पथ पर चलना चाहिए। साथ ही मानव समाज का कल्याण करना चाहिए। ईश्वर द्वारा प्रदत्त धन का नाश नहीं होता है। इसके लिए अपनी कमाई का दशांश मानव समाज के कल्याण में व्यय करें। लोगों की सहायता करें। जरूरतमंदों को धन का दान करें। आचार्य चाणक्य की मानें तो ईश्वर भक्ति कर व्यक्ति अपने जीवन में उच्चतम स्थान प्राप्त कर सकता है। इसके लिए रोजाना अपने आराध्य की पूजा-उपासना करें। इस समय भगवान विष्णु को खुद से गुथा माला अर्पित करें। साथ ही चंदन का टीका लगाएं। इसके अलावा, प्रतिदिन कम से कम सात गीता का लिखित श्लोक का पाठ अवश्य करें। इन उपाय को करने से व्यक्ति अपने जीवन में अवश्य ही धनवान बनता है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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