Chanakya Niti: अपने बच्चों को दें आचार्य चाणक्य की ये सीख, कभी नहीं होगी हार

आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई बातें आज भी प्रासंगिक बनी हुई हैं। ऐसे में अगर आप चाणक्य के द्वारा बताई गई इन बातों को अपने जीवन में उतारते हैं तो इससे आपको सफल होने से कोई भी नहीं रोक सकता। ऐसे में आज हम आपको चाणक्य द्वारा दी गई कुछ ऐसी शिक्षाओं के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें आप अपने बच्चों को सिखा सकते हैं।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Publish:Tue, 18 Jun 2024 07:02 PM (IST) Updated:Tue, 18 Jun 2024 07:02 PM (IST)
Chanakya Niti: अपने बच्चों को दें आचार्य चाणक्य की ये सीख, कभी नहीं होगी हार
Chanakya Niti: अपने बच्चों को दें आचार्य चाणक्य की ये सीख।

HighLights

  • भारत के विद्वानों में शामिल हैं आचार्य चाणक्य।
  • आज भी बनी हुई है चाणक्य नीति की प्रासंगिकता।
  • बच्चों के लिए भी चाणक्य ने बताई हैं बहुमूल्य बातें।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आचार्य चाणक्य अर्थशास्त्री, सलाहकार और दार्शनिक होने के साथ-साथ एक अच्छे शिक्षक भी थे। ऐसे में आप अपने बच्चों को आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई कुछ बहुमूल्य बातें सिखा सकते हैं, जो उन्हें जीवन में सफल होने में सहायता करेंगी। चलिए जानते हैं बच्चों के लिए चाणक्य जी की बहुमूल्य सीख।

जरूर रखें इन बातों का ध्यान

आचार्य चाणक्य के अनुसार, बच्चों के लिए एक अनुशासित जीवन शैली का पालन करना बहुत जरूरी है। क्योंकि अगर बचपन से बच्चों को अनुशासन सिखाया जाए, तो यह बड़े होकर उनके अच्छे चरित्र का निर्माण करता है। इसलिए अपने बच्चों को बचपन से ही अनुशासन सिखाएं।

थोड़ी चालाकी भी जरूरी

आज के समय में सीधे व्यक्ति को कोई भी आसानी से मूर्ख बना सकता है। ऐसे में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि एक इंसान को जरुरत से ज्यादा ईमानदार या भोला नहीं होना चाहिए। क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि सीधा पेड़ को पहले काटा जाता है। इसलिए चाणक्य कहते हैं कि थोड़ी चालाकी भी जरूरी है, ताकि आपका कोई गलत इस्तेमाल न कर सके।

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कोई नहीं रोक पाएगा सफलता

बचपन में बच्चे किसी-न-किसी चीज से जरूर डरते हैं। ऐसे में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि आपको अपने बच्चों को डर का सामना करना सिखाना चाहिए। क्योंकि अगर बचपन से ही डर का सामना करना न सिखाया जाए, तो यह डर जिंदगीभर व्यक्ति का पीछा नहीं छोड़ता। चाणक्य द्वारा दी गई सीख के अनुसार, डर से भागने की बजाय अपने बच्चों को उससे लड़ना सिखाएं। क्योंकि अगर बच्चे अपने डर पर जीत पा लेंगे, तो उन्हें सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है।

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