Chanakya Niti: ये 3 तरह के लोग जीवन भर रहते हैं गरीब, किस्मत भी नहीं देती है साथ

Chanakya Niti मौर्य साम्राज्य की स्थापना में आचार्य चाणक्य ने अहम भूमिका निभाई थी। उनकी नीतियों का पालन कर चन्द्रगुप्त ने मौर्य साम्राज्य की स्थापना की। अपने जीवन काल में आचार्य चाणक्य ने कई प्रमुख रचनाएँ की हैं। इनमें नीति शास्त्र अधिक लोकप्रिय है। आचार्य चाणक्य की मानें तो 3 तरह के लोग जीवन भर गरीब ही रहते हैं। किस्मत भी उनका साथ नहीं देती है।

By Pravin KumarEdited By: Publish:Wed, 30 Aug 2023 12:54 PM (IST) Updated:Wed, 30 Aug 2023 12:54 PM (IST)
Chanakya Niti: ये 3 तरह के लोग जीवन भर रहते हैं गरीब, किस्मत भी नहीं देती है साथ
Chanakya Niti: ये 3 तरह के लोग जीवन भर रहते हैं गरीब, किस्मत भी नहीं देती है साथ

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य महान राजनीतिज्ञ, दार्शनिक और कूटनीतिज्ञ थे। तत्कालीन समय में अखंड भारत के निर्माण में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। इसके लिए उन्हें कौटिल्य और विष्णु गुप्त भी कहा जाता है। मौर्य साम्राज्य की स्थापना में आचार्य चाणक्य ने अहम भूमिका निभाई थी। उनकी नीतियों का पालन कर चन्द्रगुप्त ने मौर्य साम्राज्य की स्थापना की। अपने जीवन काल में आचार्य चाणक्य ने कई प्रमुख रचनाएँ की हैं। इनमें नीति शास्त्र अधिक लोकप्रिय है। आचार्य चाणक्य की मानें तो 3 तरह के लोग जीवन भर गरीब ही रहते हैं। किस्मत भी उनका साथ नहीं देती है। ऐसा उन्होंने क्यों कहा ? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

चाणक्य नीति

1. आचार्य चाणक्य की मानें तो दुष्ट और चरित्रहीन पत्नी का पालन पोषण करने वाला व्यक्ति जीवन भर गरीब रहता है। ऐसे लोगों को किस्मत का भी साथ नहीं मिलता है। ये लोग जीवन पर्यन्त दुखी और गरीब ही रहते हैं। दुष्ट और चरित्रहीन औरत कभी परिवार का भला नहीं कर सकती है। वह हमेशा अपना भला सोचती है। उसका रहन-सहन और खानपान भी किसी महारानी से कम नहीं होता है। ऐसी औरतों का पालन पोषण करने वाले व्यक्ति की जेब हमेशा ही तंग रहती है।

2. आचार्य चाणक्य नीति शास्त्र में कहते हैं कि दुखी व्यक्ति के साथ गहरी दोस्ती करना हमेशा दुखदायी होता है। दोस्त की माली हालत को ठीक करने हेतु ऐसे लोग आर्थिक मदद भी करते हैं। इसके चलते मदद करने वाले व्यक्ति की भी आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाती है। अतः दुखी या गरीब व्यक्ति के साथ गहरी दोस्ती करना कष्टदायक ही होता है।

3. आचार्य चाणक्य नीति शास्त्र में प्रकांड पंडितों को भी सलाह देते हैं। उनका मानना है कि मूर्ख व्यक्ति को कभी मित्र नहीं बनाना चाहिए। दान के सहारे जीवन यापन करने वाला पंडित भी उस समय घोर संकट या कष्ट में आ जाता है। जब वह किसी मूर्ख व्यक्ति को उपदेश या सलाह देता है। इस स्थिति में मूर्ख व्यक्ति किसी भी लाभ-हानि के लिए पंडित को ही जिम्मेदार मानता है। साथ ही अपने फैसले से पंडित को धर्म और आर्थिक संकट में डाल देता है। अतः ये तीन तरह के लोग जीवन भर गरीब ही रहते हैं।

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