Shiv Puja Vidhi: इस आसान विधि से सोमवार को करें भगवान शिव की पूजा, पूरी होगी मनचाही मुराद

ज्योतिषियों की मानें तो सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से न केवल कुंडली में चंद्र मजबूत होता है बल्कि शिव जी की कृपा से साधक को मनचाहा वर मिलता है। इस दिन बड़ी संख्या में साधक भक्ति-भाव से शिव परिवार की पूजा करते हैं। साथ ही सोमवार का व्रत भी रखते हैं। इस व्रत की महिमा का गुणगान शास्त्रों में किया गया है।

By Pravin KumarEdited By: Publish:Sun, 30 Jun 2024 04:46 PM (IST) Updated:Sun, 30 Jun 2024 05:42 PM (IST)
Shiv Puja Vidhi: इस आसान विधि से सोमवार को करें भगवान शिव की पूजा, पूरी होगी मनचाही मुराद
Shiv Puja Vidhi: भगवान शिव को कैसे प्रसन्न करें?

HighLights

  • सोमवार का दिन भगवान शिव को अति प्रिय है।
  • इस दिन महादेव संग मां पार्वती की पूजा की जाती है।
  • भगवान शिव की पूजा करने से मनचाही मुराद पूरी होती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Somwar Ke Upay: सोमवार का दिन देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस दिन भोलेनाथ संग मां पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही सोमवार का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को स्त्री और पुरुष दोनों कर सकते हैं। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से अविवाहित लड़कियों की शादी शीघ्र हो जाती है। वहीं, विवाहित जातकों को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। धार्मिक मत है कि भगवान शिव की पूजा करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। अतः साधक श्रद्धा भाव से सोमवार के दिन भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा करते हैं। अगर आप भी मनचाहा वर पाना चाहते हैं, तो सोमवार के दिन इस विधि से देवों के देव महादेव संग मां पार्वती की पूजा करें।

यह भी पढ़ें: आखिर किस वजह से कौंच गंधर्व को द्वापर युग में बनना पड़ा भगवान गणेश की सवारी?


पूजा विधि

सोमवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें। इस समय सबसे पहले भगवान शिव एवं मां पार्वती को प्रणाम करें। इसके बाद घर की साफ-सफाई करें। साथ ही गंगाजल छिड़ककर घर को शुद्ध करें। इसके बाद दैनिक कार्यों से निवृत्त होने के बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। अब हथेली में जल लेकर आचमन करें। आचमन के समय निम्न मंत्रों का जप करें।

1. ॐ केशवाय नमः

ॐ नाराणाय नमः

ॐ माधवाय नमः

ॐ हृषीकेशाय नमः

ॐ गोविंदाय नमः

इसके बाद श्वेत रंग का वस्त्र धारण करें। अब सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें। सूर्य देव को जल का अर्घ्य देते समय निम्न मंत्र का जप करें।

ॐ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।

अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।

अब पंचोपचार कर भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा करें। इस समय गंगाजल, दूध, घी, पंचामृत आदि चीजों से भगवान शिव का अभिषेक करें। आप गंगाजल में बेलपत्र, दूर्वा, शहद आदि चीजें मिलाकर अभिषेक कर सकते हैं। इसके बाद भगवान शिव को सफेद पुष्प, फल, भांग, धतूरा, मदार के फूल आदि चीजें अर्पित करें। इस समय शिव चालीसा का पाठ और शिव मंत्रों का जप करें। मनचाहा वर पाने हेतु अखंडित चावल से बनी खीर का भोग लगाएं। वहीं, पूजा के अंत में आरती कर सुख, समृद्धि एवं शांति की कामना करें।

यह भी पढ़ें: कब और कैसे हुई धन की देवी की उत्पत्ति? जानें इससे जुड़ी कथा एवं महत्व

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

chat bot
आपका साथी