Bada Mangal 2024: भगवान हनुमान को किसने दिया था चिरंजीवी होने का वरदान?

ज्येष्ठ का महीना बेहद शुभ माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस दौरान आने वाले सभी मंगलवार को बड़ा मंगल के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान हनुमान की पूजा करने से सभी दुखों का अंत होता है। वहीं अगर आप उनकी पूर्ण कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो इस शुभ अवसर पर उनकी भाव के साथ आराधना करें।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Publish:Sun, 09 Jun 2024 11:46 AM (IST) Updated:Sun, 09 Jun 2024 11:46 AM (IST)
Bada Mangal 2024: भगवान हनुमान को किसने दिया था चिरंजीवी होने का वरदान?
Bada Mangal 2024: हनुमान जी को किसने अमर होने का वरदान दिया था?

HighLights

  • बड़ा मंगल का पर्व बेहद शुभ माना जाता है।
  • हनुमान जी की पूजा करने से जीवन में बरकत आती है।
  • हनुमान जी की पूजा से प्रभु श्री राम प्रसन्न होते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। बड़ा मंगल का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन हनुमान जी की पूजा का विधान है। इस साल ज्येष्ठ माह में चार बड़े मंगल पड़ रहे हैं। 11 जून, 2024 को ज्येष्ठ माह का तीसरा बड़ा मंगल मनाया जाएगा। इसे बुढ़वा मंगल (Bada Mangal 2024) के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन बजरंगबली की पूजा करने से जीवन की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। इसके साथ ही प्रभु राम का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त होता है।

हनुमान जी को किसने अमर होने का वरदान दिया था?

पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, जब रावण ने देवी सीता का हरण कर लिया था, तब भगवान श्रीराम ने वीर हनुमान को देवी सीता की खोज और उन्हें यह यकीन दिलाने के लिए लंका भेजा था कि वे उन्हें वहां से जल्द वापस लेने आएंगे। अपने प्रभु राम की आज्ञा मानकर पवन पुत्र लंका पहुंचे और उन्होंने माता जानकी को यह विश्वास दिलाया कि बहुत जल्दी प्रभु श्रीराम उनको लेने आएंगे। इसके साथ ही उन्हें राम जी की अंगूठी भेंट की।

उनकी इस बात को सुनकर सीता जी को विश्वास हो गया कि वे प्रभु राम द्वार ही भेजे गए दूत हैं। वहीं, हनुमान जी के हृदय में भगवान राम के लिए अपार प्रेम देखकर देवी सीता ने प्रसन्न होकर राम भक्त को सदैव के लिए अजर अमर होने का वरदान दिया। बता दें, हनुमान जी के चिरंजीवी होने को लेकर कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं, जिनका अपना-अपना महत्व है।

प्रभु श्रीराम को प्रसन्न करने के लिए

1. सुनि प्रभु वचन हरष हनुमाना।

सरनागत बच्छल भगवाना।।

शत्रु भय को दूर करने के लिए

2. बयरू न कर काहू सन कोई।

रामप्रताप विषमता खोई।।

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