Mala Jaap: माला जाप में क्यों नहीं किया जाता तर्जनी उंगली का उपयोग? गरुण पुराण में भी मिलता है जिक्र
हिंदू शास्त्रों में मंत्र जाप के लिए प्रयोग की जाने वाली माला का भी विशेष महत्व माना गया है। माला से मंत्रों का जाप करने से साधक को जीवन में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं। लेकिन माला से मंत्र जाप करने के दौरान तर्जनी उंगली का प्रयोग नहीं किया जाता। यहां तक की अन्य धार्मिक अनुष्ठानों में भी तर्जनी उंगली का प्रयोग वर्जित माना जाता है।
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HighLights
- सनातन धर्म में विशेष महत्व रखता हैं मंत्रो का उच्चारण।
- माला जाप में नहीं किया जाता तर्जनी उंगली का उपयोग।
- गरुण पुराण में भी मिलता है इसका वर्णन।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। मान्यताओं के मुताबिक, यदि कोई व्यक्ति नियम के अनुसार मंत्र जाप करता है, तो उसे जीवन में अच्छे परिणाम देखने को मिलते हैं। मंत्र जाप के लिए अलग-अलग तरह की माला का भी प्रयोग किया जाता है जैसे तुलसी माला, कमलगट्टे की माला, रुद्राक्ष की माला आदि। लेकिन आपने देखा होगा कि माला जाप के दौरान तर्जनी उंगली का स्पर्श करना वर्जित माना जाता है, चलिए जानते हैं इसकी वजह।
खंडित हो सकती है पवित्रता
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, तर्जनी उंगली यानी सीधे हाथ की पहली उंगली को अहंकार की उंगली के रूप में देखा जाता है। वहीं, मंत्र जाप का मकसद होता है अहंकार को त्यागना। ऐसे में यदि माला जाप के दौरान तर्जनी उंगली का प्रयोग किया जाए, तो इससे पवित्रता खंडित हो सकती है।
गरुण पुराण में मिलता है वर्णन
गरुण पुराण में इस बात का वर्णन किया गया है कि यदि माला जाप के दौरान तर्जनी उंगली का उपयोग किया जाए, तो यह ईश्वर को उंगली दिखाने के बराबर होता है और ऐसा करना बिलकुल भी शुभ नहीं माना जाता। इसलिए माला जाप के दौरान तर्जनी उंगली का उपयोग भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
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इस कार्य में भी नहीं किया जाता प्रयोग
आपने देखा होगा कि किसी भी विवाद आदि में या गुस्से में सामने वाले व्यक्ति को तर्जनी उंगली दिखाई जाती है। ऐसे में तिलक लगाने में इस उंगली का प्रयोग बिल्कुल भी शुभ नहीं माना जाता। क्योंकि किसी को तिलक लगाना सम्मान देने का प्रतीक होता है। ऐसे में अंगूठे और अनामिका उंगली से उपयोग से तिलक लगाया जाता है।
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