Narmada Jayanti 2024: इस साल कब है नर्मदा जयंती? जानिए शुभ मुहूर्त और महत्व

प्रति वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को माता नर्मदा मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी तिथि पर माता नर्मदा का जन्म हुआ था। गंगा की तरह ही नर्मदा नदी (Narmada River) को भी पूजनीय माना गया है और इस नदी को भी मां का दर्जा दिया गया है। ऐसे में आइए जानते हैं कि वर्ष 2024 में नर्मदा जयंती कब मनाई जाएगी।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Publish:Sat, 03 Feb 2024 10:58 AM (IST) Updated:Sat, 03 Feb 2024 10:58 AM (IST)
Narmada Jayanti 2024: इस साल कब है नर्मदा जयंती? जानिए शुभ मुहूर्त और महत्व
Narmada Jayanti 2024 कब मनाई जाएगी नर्मदा जयंती?

HighLights

  • भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखती हैं नदियां।
  • गंगा सहित की नदियों को माना जाता है पूजनीय।
  • नर्मदा जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है नर्मदा जयंती।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Maa Narmada Jayanti 2024: हिंदू धर्म में प्रकृति को विशेष महत्व दिया गया है। यही कारण है कि वृक्षों से लेकर पशु-पक्षियों तक को पूजनीय माना गया है। नदियां, प्रकृति का एक अभिन्न अंग हैं। भारतीय संस्कृति में कई नदियों को पवित्र और पूजनीय माना गया है। इसी के चलते कई नदियों को माता कहकर संबोधित किया जाता है। इन्हीं में से एक नदी है नर्मदा। 

नर्मदा जयंती शुभ मुहूर्त

माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि फरवरी 15, 2024 को सुबह 10 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन फरवरी 16, 2024 को सुबह 08 बजकर 54 मिनट पर होगा। ऐसे में नर्मदा जयंती 16 फरवरी को मनाई जाएगी।

नर्मदा जयंती का क्या महत्व

नर्मदा जयंती के पावन अवसर पर भक्तजन नर्मदा नदी की पूजा करते हैं। मां नर्मदा की पूजा से साधक के जीवन में सदैव सुख-समृद्धि बनी रहती है। साथ ही सभी कष्टों से मुक्ति भी छुटकारा मिलता है। साथ ही यह भी मान्यता है कि नर्मदा जयंती के दिन इस नदी में डुबकी लगाने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। मध्य प्रदेश के अमरकंटक नामक स्थान से नर्मदा नदी का उद्गम होता है। ऐसे में यह स्थान नर्मदा जयंती पूजन के लिए सबसे उत्तम स्थान माना जाता है।

यह भी पढ़ें - Lakshmi Narayn Yog 2024: इन राशियों के जीवन में होने वाला है बड़ा बदलाव, क्या आपकी भी राशि है इसमें शामिल?

इस तरह मनाई जाती है नर्मदा जयंती

नर्मदा जयंती पर सूर्योदय के समय नर्मदा नदी में आस्था की डुबकी लगाई जाती है और स्वास्थ्य, धन और समृद्धि के लिए प्रार्थना की जाती है। इस दौरान लोग नदी में फूल, दीपक, हल्दी, कुमकुम आदि अर्पित करते हैं। कई लोग तट पर गेहूं के आटे का दीपक भी जलाते हैं। इसके बाद संध्या के समय नर्मदा नदी की आरती की जाती है।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

chat bot
आपका साथी