Ramlala Pran Pratishtha: रामलला प्राण प्रतिष्ठा तिथि पर दुर्लभ 'इंद्र' योग समेत बन रहे हैं ये 7 अद्भुत संयोग

ज्योतिषियों की मानें तो रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा तिथि पर देवों के देव महादेव कैलाश पर विराजमान रहेंगे। इस दिन भगवान शिव संध्याकाल 07 बजकर 51 मिनट तक कैलाश पर विराजमान रहेंगे। इसके पश्चात नंदी पर सवार होंगे। इस समय में भगवान शिव की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी प्रकार के अनुष्ठान करना सिद्धकारी होता है।

By Pravin KumarEdited By: Publish:Mon, 08 Jan 2024 04:52 PM (IST) Updated:Mon, 08 Jan 2024 05:01 PM (IST)
Ramlala Pran Pratishtha: रामलला प्राण प्रतिष्ठा तिथि पर दुर्लभ 'इंद्र' योग समेत बन रहे हैं ये 7 अद्भुत संयोग
Ramlala Pran Pratishtha: रामलला प्राण प्रतिष्ठा तिथि पर दुर्लभ 'इंद्र' योग समेत बन रहे हैं ये 7 अद्भुत संयोग

HighLights

  • पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि यानी 22 जनवरी को सर्वप्रथम ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है।
  • ज्योतिषियों की मानें तो रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा तिथि पर महादेव कैलाश पर विराजमान रहेंगे।
  • इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से लेकर 12 बजकर 54 मिनट तक है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ramlala Pran Pratishtha: भारतवर्ष के लिए 22 जनवरी का दिन बेहद शुभ है। इतिहास के पन्नों में इस तिथि का अंकन सुनहरे अक्षरों में होगा। इस दिन अयोध्या स्थित राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा किया जाएगा। इस अनुष्ठान में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस धार्मिक अनुष्ठान की शुरुआत 16 जनवरी से होगी। इसके लिए महाभव्य तैयारी की जा रही है। ज्योतिषियों की मानें तो पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर एक, दो नहीं, बल्कि 7 शुभ और अद्भुत संयोग बन रहे हैं। इन योग में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। आइए, इन शुभ योग के बारे में जानते हैं-

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शुभ मुहूर्त

ज्योतिषियों की मानें तो मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव उत्तरायण होंगे। उत्तरायण देवताओं के लिए दिन का समय होता है। इस दौरान प्रकाश में वृद्धि होने लगती है। इसी दिन से युगारंभ भी होता है। अतः रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मकर संक्रांति के पश्चात की तिथि का चयन किया गया है। इस दिन पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी एवं त्रयोदशी तिथि है। द्वादशी तिथि संध्याकाल 07 बजकर 51 मिनट तक है। इसके पश्चात, त्रयोदशी तिथि है। वहीं, नक्षत्र मॄगशिरा है।

शुभ योग

पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि यानी 22 जनवरी को सर्वप्रथम ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 08 बजकर 47 मिनट तक है। इसके पश्चात, इंद्र योग का निर्माण होगा। इस योग में ही रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।

सर्वार्थ सिद्धि योग

22 जनवरी को सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 07 बजकर 14 मिनट से अगले दिन यानी 23 जनवरी को 04 बजकर 58 मिनट तक है। वहीं, अमृत सिद्धि योग का भी निर्माण पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर हो रहा है। इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से लेकर 12 बजकर 54 मिनट तक है। वहीं, विजय मुहूर्त 02 बजकर 19 मिनट से लेकर 03 बजकर 01 मिनट तक है। इस दिन सुबह 07 बजकर 36 मिनट तक बव करण का योग है। इसके बाद बालव करण का निर्माण होगा। बालव करण संध्याकाल 07 बजकर 51 मिनट तक है।

भगवान शिव का वास

ज्योतिषियों की मानें तो रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा तिथि पर देवों के देव महादेव कैलाश पर विराजमान रहेंगे। इस दिन भगवान शिव संध्याकाल 07 बजकर 51 मिनट तक कैलाश पर विराजमान रहेंगे। इसके पश्चात, नंदी पर सवार होंगे। इस समय में भगवान शिव की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी प्रकार के अनुष्ठान करना सिद्धकारी होता है।  

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सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 14 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 52 मिनट पर

चन्द्रोदय- दोपहर 02 बजकर 39 मिनट पर

चंद्रास्त- सुबह 05 बजकर 27 मिनट पर

पंचांग

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 27 मिनट से 06 बजकर 20 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 19 मिनट से 03 बजकर 01 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 49 मिनट से 06 बजकर 16 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 59 मिनट तक

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

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