Bhadli Navami 2024: इन 7 शुभ योग में मनाई जाएगी भड़ली नवमी, प्राप्त होगा कई गुना फल

ज्योतिषियों की मानें तो भड़ली नवमी (Bhadli Navami 2024) पर सभी प्रकार के शुभ कार्य का श्रीगणेश कर सकते हैं। अतः भड़ली नवमी पर मांगलिक कार्य किए जाते हैं। यह तिथि स्वंयसिद्ध तिथि है। अक्षय तृतीया की तरह ही भड़ली नवमी पर आभूषणों की खरीदारी कर सकते हैं। इस दिन शिव परिवार की पूजा करने से सभी मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Publish:Tue, 18 Jun 2024 02:18 PM (IST) Updated:Tue, 18 Jun 2024 02:18 PM (IST)
Bhadli Navami 2024: इन 7 शुभ योग में मनाई जाएगी भड़ली नवमी, प्राप्त होगा कई गुना फल
Bhadli Navami 2024: कब मनाई जाएगी भड़ली नवमी?

HighLights

  • हर वर्ष आषाढ़ माह में भड़ली नवमी मनाई जाती है।
  • आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी स्वंयसिद्ध तिथि है।
  • भड़ली नवमी पर सभी प्रकार के शुभ कार्य कर सकते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Bhadli Navami 2024: सनातन धर्म में भड़ली नवमी का विशेष महत्व है। इसे अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है। आसान शब्दों में कहें तो भड़ली नवमी पर बिना किसी ज्योतिषीय सलाह के सभी प्रकार के शुभ कार्य कर सकते हैं। इस वर्ष देवशयनी एकादशी 17 जुलाई को है। इससे पूर्व 15 जुलाई तक शुभ कार्य कर सकते हैं। भड़ली नवमी हर वर्ष आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। ज्योतिषियों की मानें तो भड़ली नवमी पर एक साथ 07 शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से सभी प्रकार के मनोरथ सिद्ध हो जाएंगे। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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शुभ मुहूर्त

ज्योतिषियों की मानें तो शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 14 जुलाई को संध्याकाल 05 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, समापन 15 जुलाई को शाम 07 बजकर 19 मिनट पर होगा। इस समय में शिव परिवार की पूजा कर शुभ कार्य कर सकते हैं।

सिद्ध योग

भड़ली नवमी पर सिद्ध योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 07 बजे तक है। इसके बाद साध्य योग का संयोग बन रहा है। साध्य योग 16 जुलाई को सुबह 07 बजकर 19 मिनट तक है। ज्योतिष सिद्ध और साध्य को बेहद शुभ मानते हैं। इन योग में शुभ कार्य कर सकते हैं। साथ ही शुभ कार्य का श्रीगणेश कर सकते हैं।

रवि योग

आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी पर रवि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण दिन भर है। ज्योतिष रवि योग को शुभ मानते हैं। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।

शिववास योग

भड़ली नवमी पर शिववास योग का भी संयोग बन रहा है। इस योग का निर्माण संध्याकाल 07 बजकर 19 मिनट तक हो रहा है। इस समय देवों के देव महादेव कैलाश पर्वत पर मां गौरी के साथ विराजमान रहेंगे। इस दौरान भगवान शिव एवं मां पार्वती की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि आती है।

करण योग 

भड़ली नवमी पर अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 59 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 55 मिनट तक है। इस दिन बालव, कौलव और तैतिल योग का भी निर्माण हो रहा है। कुल मिलाकर भड़ली नवमी पर दिन के किसी समय राहुकाल को छोड़कर शुभ कार्य कर सकते हैं। इस तिथि पर राहु काल प्रातः काल 07 बजकर 17 मिनट से 09 बजे तक है।

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