Vidur Niti: संकट के समय होती है रिश्ते की पहचान, जानिए क्या बता रहें हैं महात्मा विदुर

Vidur Niti विदुर नीति के अनुसार सही व्यक्ति की पहचान संकट के समय ही होती है। यदि कोई व्यक्ति संकट के समय आपके काम नहीं आता है तो उसका होना या न होना आपके लिए किसी काम का नहीं है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Fri, 06 Jan 2023 09:48 PM (IST) Updated:Fri, 06 Jan 2023 10:44 PM (IST)
Vidur Niti: संकट के समय होती है रिश्ते की पहचान, जानिए क्या बता रहें हैं महात्मा विदुर
जानते हैं कि संकट के समय किस तरह के व्यक्ति काम आते हैं।

नई दिल्ली, Vidur Niti: महाभारत काल के ज्ञानी पुरुषों में शुमार महात्मा विदुर धृतराष्ट्र के सलाहकार थे। महात्मा विदुर ने विदुर नीति में व्यक्ति की पहचान करने के लिए कई बातें बताई हैं। आज जानेंगे कि किस तरह के व्यक्ति संकट के समय काम आते हैं। ऐसे व्यक्तियों को आखिर कैसे पहचानें? धृतराष्ट्र ने एक बार विदुर से सवाल किया कि व्यक्ति की पहचान कब होती है। इसके जवाब में जानते हैं महात्मा विदुर ने क्या कहा जिससे संकट के समय काम आने वाले व्यक्ति के बारे में अंदाजा लगाया जा सके।

एक-दूसरे का साथ देने वाले दंपति हमेशा रहते हैं सुखी

दाम्पत्य जीवन में जो पति-पत्नी अपना सम्मान अलग-अलग समझते हैं, उनका जीवन हमेशा कष्ट में ही बीतता है। ऐसे दंपतियों के बीच हमेशा क्लेश ही रहता है। इस क्लेश से उनकी सामाजिक, पारिवारिक और आर्थिक हानि होती है। जो दंपति एक-दूसरे को एक ही समझते हैं वे जीवन में हमेशा प्रसन्न ही रहते हैं। पति-पत्नी को कभी भी एक-दूसरे को अलग नहीं समझना चाहिए। इससे परिवार का सम्मान भी खराब होता है। पति और पत्नी एक-दूसरे का गौरव होते हैं। दोनों में से किसी एक को भी गलत तरीके से कुछ कहा जाता है तो दोनों को ही अपमानित होना पड़ता है।

पति-पत्नी एक-दूसरे की प्रशंसा करते रहें

पति-पत्नी को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए। ऐसे में दोनों को एक-दूसरे का सम्मान और प्रशंसा करते रहना चाहिए। यदि ऐसा नहीं करते हैं तो पति-पत्नी का दांपत्य जीवन प्रभावित होता है। पति और पत्नी एक-दूसरे के सम्मान को अपना ही समझें, एक-दूसरे के सम्मान को अलग-अलग न समझें। एक-दूसरे का साथ देने पर ही जिंदगी आसानी से कट पाती है। यदि पति-पत्नी एक-दूसरे का साथ नहीं देते हैं तो हमेशा ही दुखी रहते हैं। सुखी रहने के लिए परिवार और समाज के सामने पति-पत्नी को एक रहना चाहिए। हो सके तो दूसरों के सामने एक-दूसरे से लड़ाई भी न करें।

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