Vinayak Chaturthi 2024: जून में कब मनाई जाएगी विनायक चतुर्थी? यहां जानें सही डेट और शुभ मुहूर्त

विकट संकष्टी चतुर्थी (Vikata Sankashti Chaturthi 2024) का शास्त्रों में विशेष महत्व है। संकष्टी का अर्थ है समस्याओं से मुक्ति। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को रखने भगवान गणेश जीवन की सभी बाधाओं को दूर करते हैं। साथ ही उनका आशीर्वाद सदैव के लिए बना रहता है तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ बातों को जानते हैं -

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Publish:Mon, 27 May 2024 12:41 PM (IST) Updated:Mon, 27 May 2024 12:41 PM (IST)
Vinayak Chaturthi 2024: जून में कब मनाई जाएगी विनायक चतुर्थी? यहां जानें सही डेट और शुभ मुहूर्त
Vinayak Chaturthi 2024: विनायक चतुर्थी 2024 शुभ मुहूर्त -

HighLights

  • विनायक चतुर्थी का व्रत बेहद पुण्यदायी माना जाता है।
  • यह दिन बुद्धि, ज्ञान और समृद्धि के देवता भगवान गणेश को समर्पित है।
  • बप्पा की पूजा-अर्चना करने से विघ्नों का नाश होता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vinayak Chaturthi 2024: विनायक चतुर्थी का व्रत बेहद पुण्यदायी माना जाता है। यह दिन बुद्धि, ज्ञान और समृद्धि के देवता भगवान गणेश को समर्पित है। इस तिथि को संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन बप्पा की पूजा-अर्चना करने से विघ्नों का नाश होता है। इस माह यह व्रत 10 जून, 2024 को रखा जाएगा, तो आइए इस दिन की पूजा विधि जानते हैं -

विनायक चतुर्थी 2024 डेट और शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 09 जून, 2024 दोपहर 03 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन 10 जून, 2024 दोपहर 04 बजकर 14 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए विनायक चतुर्थी का व्रत 10 जून को रखा जाएगा।

विनायक चतुर्थी 2024 पूजा विधि

सुबह उठकर पवित्र स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। एक वेदी को साफ करें और उसपर बप्पा की प्रतिमा स्थापित करें। भगवान को गंगाजल से स्नान करवाएं। सिंदूर, चंदन का तिलक लगाएं। पीले फूलों की माला अर्पित करें। मोदक का भोग लगाएं। देसी घी का दीपक जलाएं। वैदिक मंत्रों से भगवान गणेश का ध्यान करें। संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा का पाठ समाप्त कर आरती करें। व्रती अगले दिन भगवान गणेश को चढ़ाए गए प्रसाद से अपना व्रत खोलें। गणेश जी की पूजा में तुलसी पत्र का प्रयोग गलती से भी न करें। पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा याचना करें। व्रती तामसिक चीजों का प्रयोग न करें। व्रती किसी के बारे में बुरा बोलने से बचें।

श्री गणेश पूजन मंत्र

त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय।

नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम्।

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