Vivah Muhurat 2024: 6 या 9, जुलाई में कितने दिन बजेगी शहनाई? नोट करें सही डेट एवं लग्न मुहूर्त
ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली में गुरु और शुक्र मजबूत होने पर जातक की शादी के योग बनते हैं। कुंडली में इन दोनों ग्रहों के कमजोर होने पर शादी में बाधा आती है। कई अवसर पर शादी (Vivah muhurat Date and Time) तय होने के बाद भी रिश्ता टूट जाता है। इसके लिए ज्योतिष गुरुवार का व्रत करने की सलाह देते हैं।
HighLights
- 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी है।
- देवशयनी एकादशी से चातुर्मास शुरू होगा।
- इस वर्ष 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vivah Lagna muhurat Time: ज्योतिष शास्त्र में शुक्र देव को विवाह और सुखों का कारक माना जाता है। गुरु और शुक्र के उदित रहने पर विवाह समेत सभी प्रकार के मांगलिक कार्य किए जाते हैं। वहीं, अस्त होने पर शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 28 जून को शुक्र देव उदित हो चुके हैं और चार दिन पश्चात यौवनत्व रूप में आ जाएंगे। आसान शब्दों में कहें तो 02 जुलाई को शुक्र देव यौवनत्व रूप प्राप्त करेंगे। इस दिन से विवाह समेत सभी प्रकार के मांगलिक कार्य किए जाएंगे। हालांकि, 02 जुलाई को विवाह के लिए विशेष लग्न मुहूर्त नहीं है। अत: 03 जुलाई से विवाह मुहूर्त का शंखनाद होगा। हालांकि, विवाह तिथियों को लेकर जानकारों में मतभेद हैं। आइए जानते हैं कि जुलाई महीने में कितने दिन शहनाइयां बजेंगी।
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जुलाई माह विवाह मुहूर्त
मथुरा पंचांग के अनुसार, जुलाई महीने में 02, 03, 04, 09, 11 12, 13, 14 और 15 तारीख को विवाह हेतु लग्न मुहूर्त है। मिथिला पंचांग के अनुसार, जुलाई महीने में 07, 10, 11 और 12 तारीख को विवाह हेतु लग्न मुहूर्त है। काशी पंचांग के अनुसार, जुलाई महीने में 09, 11 12, 13, 14 और 15 तारीख को विवाह हेतु लग्न मुहूर्त है। उज्जैन पंचांग के अनुसार, जुलाई महीने में 09 दिन विवाह हेतु लग्न मुहूर्त है।6 या 9 दिन है लग्न मुहूर्त
पंचांग गणना के अनुसार, जुलाई महीने में 02 जुलाई से लेकर 15 जुलाई तक विवाह मुहूर्त है। आवश्यक होने पर जातक 2 जुलाई तिथि का भी विवाह हेतु चयन कर सकते हैं। वहीं, 3 जुलाई से लेकर 15 जुलाई तक विवाह के लिए शुभ लग्न मुहूर्त है। ज्योतिषीय गणना में स्थान और पंचांग के अनुसार अंतर हो सकता है। अतः अपने स्थानीय पंडित से सलाह लेकर तिथि का चयन करें।
कब से लगेगा चातुर्मास?
सनातन धर्म में देवशयनी एकादशी से चातुर्मास लग जाता है। इस दिन से भगवान विष्णु क्षीर सागर में विश्राम करने चले जाते हैं। इस वर्ष 17 जुलाई से चातुर्मास लग रहा है। इसके लिए 15 जुलाई के बाद विवाह के लिए 12 नवंबर तक कोई लग्न मुहुर्त नहीं है। वहीं, देवउठनी एकादशी 12 नवंबर को है और 13 नवंबर को तुलसी विवाह है। इस दिन से विवाह मुहूर्त का शंखनाद होगा।
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