Yogini Ekadashi 2024: योगिनी एकादशी के दिन इन बातों का रखें विशेष ध्यान, मिलेगा व्रत का पूर्ण फल

योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा होती है। ऐसा कहा जाता कि इस दिन उपवास जरूर रखना चाहिए क्योंकि यह तिथि शुभ फल देने वाली होती है। इस साल यह (Yogini Ekadashi 2024) एकादशी 02 जुलाई को मनाई जाएगी तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ प्रमुख बातों को जानते हैं जो इस प्रकार हैं -

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Publish:Mon, 24 Jun 2024 10:42 AM (IST) Updated:Mon, 24 Jun 2024 10:42 AM (IST)
Yogini Ekadashi 2024: योगिनी एकादशी के दिन इन बातों का रखें विशेष ध्यान, मिलेगा व्रत का पूर्ण फल
Yogini Ekadashi 2024: योगिनी एकादशी के दिन क्या करें और क्या नहीं?

HighLights

  • हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को बेहद फलदायी माना जाता है।
  • एकादशी व्रत भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है।
  • एकादशी माह में दो बार शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में आती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को बेहद फलदायी माना जाता है। यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि जो साधक इस दिन कठिन उपवास का पालन करते हैं उन्हें अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही सभी पापों का नाश होता है। इस साल यह (Yogini Ekadashi 2024) एकादशी 02 जुलाई को मनाई जाएगी।

वहीं, ज्योतिष शास्त्र में इस दिन को लेकर कई सारे नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन जरूर करना चाहिए, तो आइए जानते हैं -

योगिनी एकादशी के दिन क्या करें और क्या नहीं?

योगिनी एकादशी के दिन तुलसी दल नहीं तोड़ना चाहिए, क्योंकि इस तिथि पर देवी तुलसी भगवान विष्णु के लिए उपवास रखती हैं। जो लोग एकादशी पर निर्जला व्रत का पालन करते हैं, उन्हें इस दिन कुछ भी खाने-पीने से बचना चाहिए। इस तिथि पर साबुन का उपयोग करने से बचना चाहिए। भले ही आप व्रत कर रहे हों या नहीं, लेकिन आपको एकादशी के दिन चावल का सेवन गलती से भी नहीं करना चाहिए। एकादशी के मौके पर भगवान विष्णु के भोग में तुलसी दल जरूर डालना चाहिए। एकादशी के दिन किसी के बारे में बुरा बोलने से बचना चाहिए, साथ ही अपना मन शांत रखना चाहिए। इस दिन तामसिक चीजें जैसे- मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए। इस दिन बड़ों का अपमान नहीं करना चाहिए। एकादशी तिथि पर ज्यादा से ज्यादा पूजा-पाठ में शामिल होना चाहिए।

श्री हरि पूजन मंत्र

ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।। ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

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