Childrens Screen Time: ज्यादा फोन चलाने से बच्चों को होते हैं खतरनाक नुकसान, लत लगना बड़ी परेशानी

आपने गौर किया होगा जहां भी छोटे बच्चे होते हैं उन्हें चुप कराने का सबसे अच्छा तरीका होता है तो वह स्मार्टफोन है। अगर बच्चा रो रहा है तो उसके हाथ में फोन थमा दीजिये चुप हो जाएगा। लेकिन यहां ध्यान रखने वाली बात है कि ज्यादा फोन पर वीडियो देखने के कारण बच्चे के मानसिक संतुलन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं।

By Yogesh Singh Edited By: Yogesh Singh Publish:Sun, 30 Jun 2024 07:00 PM (IST) Updated:Sun, 30 Jun 2024 07:00 PM (IST)
Childrens Screen Time: ज्यादा फोन चलाने से बच्चों को होते हैं खतरनाक नुकसान, लत लगना बड़ी परेशानी
मोबाइल की लत बच्चों पर मानसिक और शारिरिक प्रभाव डालती है।

HighLights

  • बच्चों के लिए ज्यादा स्क्रीनटाइम सही नहीं माना जाता है इससे कई नुकसान होते हैं।
  • बच्चों को मोबाइल से दूर रखने के लिए कुछ चीजों का खास ख्याल रखना चाहिए।
  • एक्सपर्ट के अनुसार फोन की लत माता-पिता के लिए परेशानी बन सकती है।

टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। मौजूदा समय में स्मार्टफोन का इस्तेमाल हर वह इंसान कर रहा है जिसे तकनीक के बारे में थोड़ी सी भी जानकारी है। बड़े लोगों को पता होता है कि उनके लिए किस चीज को कितना इस्तेमाल करना सही है। लेकिन, जब बात छोटे बच्चों की आती है तो परेशानी खड़ी हो जाती है।

क्योंकि, आज के समय में माता-पिता सिर्फ इसी बात से परेशान हैं कि उनके बच्चे को फोन की गंदी आदत लग चुकी है। अगर आप भी बात-बात अपने बच्चों को फोन पकड़ा देते हैं तो खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। ज्यादा फोन की स्क्रीन देखने से बच्चों को कई तरह के नुकसान होते हैं, जो आगे चलकर परेशानी का सवब बनते हैं। ऐसा न हो तो इसके लिए जरूरी है कि आप कुछ बातों का हमेशा ध्यान रखें।

पेरेंट्स को सता रही बच्चों की चिंता

आपने गौर किया होगा जहां भी छोटे बच्चे होते हैं, उन्हें चुप कराने का सबसे अच्छा तरीका होता है तो वह स्मार्टफोन है। अगर बच्चा रो रहा है तो उसके हाथ में फोन थमा दीजिये चुप हो जाएगा। लेकिन यहां ध्यान रखने वाली बात है कि ज्यादा फोन पर वीडियो देखने के कारण बच्चे के मानसिक संतुलन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं, जो उसके स्वास्थ के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है।

स्मार्टफोन-फ्री चाइल्डहुड का हिस्सा बनने के लिए मेहनत खूब की जा रही है। नतीजतन, बच्चों का कुछ देशों में स्क्रीन टाइम कम भी हुआ है। स्मार्टफोन-फ्री चाइल्डहुड एक मुहिम है जो पश्चिमी देशों में बच्चों का स्क्रीनटाइम करने के लिए विशेष रूप से चलाई जाती है।

मोबाइल की लत है खतरनाक

एक्सपर्ट मानते हैं कि मोबाइल की लत बच्चों पर मानसिक और शारिरिक प्रभाव डालती है और एक वक्त आता है जब बच्चों के लिए मोबाइल ही सबकुछ बन जाता है। मोबाइल की लत बच्चों को चिड़चिड़ा बना देती है और इससे बच्चों का दिमाग धीरे-धीरे कमजोर होने लगता है। यहां तक कि उनकी याददाश्त भी कमजोर होने लगती है।

ध्यान देना बहुत जरूरी

स्मार्टफोन की लत एक ऐसी आदत है जिस पर अगर समय रहते काबू लिया जाए तो बेहतर है। वरना देर होने पर बहुत दिक्कत होती है। कई बार तो बच्चों को फोन से दूर करना माता-पिता पर इतना भारी पड़ जाता है कि वह खाना तक छोड़ देते हैं। इसलिए अभी से आपको कुछ चीजों ध्यान में रख लेना चाहिए। ताकि, बच्चे बहुत ज्यादा फोन चलाने की आदत से दूर रहें।

जरूरत पड़ने पर ही दें फोन- माता-पिता को हमेशा कोशिश करनी चाहिए कि बच्चों को फोन तभी दिया जाए जब उन्हें बहुत ज्यादा जरूरत हो। अगर बिना बात के फोन दे रहे हैं तो ये बड़ी परेशानी बन सकती है।

स्‍क्रीन टाइम अलर्ट टूल का सहारा लें- कई सारे ऐसे टूल होते हैं जिनका सहारा बच्चों के स्क्रीनटाइम को कंट्रोल करने के लिए लिया जा सकता है।

सिक्योर पासवर्ड- सबसे जरूरी है कि आप अपने डिवाइस के मजबूत पासवर्ड रखें। ताकि बच्चों के लिए उन्हें खोलना आसान न रहे।

निगरानी रखना जरूरी- बच्चों को फोन से दूर रखने का सबसे आसान तरीका है कि आप उन पर निगरानी रखें।

दूसरे डिवाइस से भी बनाएं दूरी- ऐसा नहीं करना है कि बच्चों को फोन से दूर कर दिया लेकिन, वह घंटों-घंटों टीवी देख रहे हैं। इससे भी कई तरह के नुकसान होते हैं।

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