Sim Card Rule Change: 1 जुलाई से सिम कार्ड को लेकर बदल जाएंगे ये नियम, जान लें ये जरूरी बातें

दूरसंचार नियामक ट्राई ने पिछले मार्च में अपने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) नियमों में बदलाव की घोषणा की। इस बदलाव के तहत अगर किसी सिम कार्ड को स्वैप या बदला गया है तो संबंधित मोबाइल नंबर को सात दिनों तक किसी दूसरे टेलीकॉम ऑपरेटर में पोर्ट नहीं किया जा सकता है। ये नए नियम 1 जुलाई से लागू होंगे। यहां हम इसके जुड़ी अब तक की सारी जानकारी देंगे।

By Ankita Pandey Edited By: Ankita Pandey Publish:Wed, 26 Jun 2024 08:30 PM (IST) Updated:Wed, 26 Jun 2024 08:30 PM (IST)
Sim Card Rule Change: 1 जुलाई से सिम कार्ड को लेकर बदल जाएंगे ये नियम, जान लें ये जरूरी बातें
सिम कार्ड को लेकर बदल गए ये नियम, इन दिन से होंगे लागू

HighLights

  • सिम कार्ड को लेकर ट्राई कुछ नियमों में बदलाव करने की तैयारी में है।
  • इन बदलावों की घोषणा मार्च में कर दी गई थी, लेकिन 1 जुलाई से लागू किया जाना था।
  • अब नया सिम कार्ड लेते समय आवश्यक पहचान और एड्रेस सर्टिफिकेट जरूरी होंगे।

टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। स्मार्टफोन के बिना अपनी लाइफ को इमेजिन करना नामूमकिन है। आज की कनेक्टेड दुनिया में मोबाइल फोन एक जरूरी टूल है। अगर फोन एक जीवन है तो सिम कार्ड उसकी आत्मा, जिसके बिना इसका कोई काम नहीं हो सकता है।

ऐसे में जरूरी है कि आप टेलीकॉम इंडस्ट्री में होने वाले बदलावों, जैसे कि नए सिम कार्ड नियमों के बारे में पूरी जानकारी रखें। आपको बता दें कि मार्च 2024 में TRAI ने सिम कार्ड पोर्टेबिलिटी को लेकर कुछ बदलावों की घोषणा की थी। ये नियम मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) को लेकर है, जिसे 1 जुलाई से लागू करने की बात कही गई है। बता दें कि ये बदलाव खासतौर पर सिम स्वैप स्कैम को रोकने के लिए किया जा रहा है।

नए सिम कार्ड नियम

ट्राई ने कहा है कि अगर कोई नंबर एक निश्चित अवधि तक बंद रहता है तो मोबाइल ऑपरेटर इस सिम कार्ड को डिएक्टिव कर सकते हैं। इससे सिम के दुरुपयोग को रोकने में मदद मिलती है। ऐसे में अपने सिम कार्ड को निष्क्रिय होने से बचाने के लिए नियमित रूप से उसका इस्तेमाल करें। अब आपको नया सिम कार्ड पाने के लिए वैलिड पहचान और एड्रेस सर्टिफिकेट की जरूरत होती है। इसके अलावा कुछ मामलों में कुछ मामलों बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन की भी मदद ली जाएगी। इसका उद्देश्य अवैध सिम बिक्री को रोकना और सही यूजर की पहचान करना है। इसके अलावा एक व्यक्ति द्वारा रखे जा सकने वाले सिम कार्ड की संख्या की एक निश्चित सीमा होती है। ये अपराधियों को कई कार्ड का दुरुपयोग करने से रोकता है। ऐसे में आपको पता होना चाहिए कि आपके नाम पर कितने सिम जारी किए गए है। इसके अलावा प्रीपेड सिम कार्ड को भी अब पोस्टपेड कनेक्शन के समान पहचान और पते के प्रमाण के साथ रजिस्टर करना होगा। इससे जवाबदेही बढ़ती है और दुरुपयोग की संभावना कम होती है। इससे अलावा मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) नियमों में बदलाव किए जाएंगे। यानी अब जब आप नंबर पोर्ट कराएंगे तो आपका सात दिनों तक किसी दूसरे टेलीकॉम ऑपरेटर में पोर्ट नहीं किया जाएगा। इस अवधि के बाद ही इसे पोर्ट किया जाएगा।

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मोबाइल यूजर्स इन बातों का रखें ध्यान

अपने सिम कार्ड को एक्टिव रखें इसका (कॉल, टेक्स्ट, डेटा में ) का नियमित रूप से उपयोग करें। नया सिम कार्ड लेते समय आवश्यक पहचान और एड्रेस सर्टिफिकेट रखें। इसके अलावा बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के लिए तैयार रहें। यूजर अपने नाम पर जारी होने वाले सिम कार्ड की सीमा जानें और अपने सिम को उसी के अनुसार मैनेज करें। अगर आप प्रीपेड सिम इस्तेमाल करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि यह नए नियमों के अनुसार आपके मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटर के साथ रजिस्टर हो। अगर आप अपना नंबर पोर्ट करा रहे हैं तो सात दिन नंबर के बंद रहने के समय में आपको एक वैकल्पिक नंबर का इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि लोगों को आपके मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी का पता रहें।

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