सभी कर सकेंगे एआई का इस्तेमाल, अश्विनी वैष्णव ने कहा- अगले 2-3 महीने में लॉन्च हो जाएगा भारत का AI मिशन

आज नई दिल्ली में ग्लोबल इंडिया एआई समिट प्रोग्राम हो रहा है। इस दो दिवसीय इवेंट की मेजबानी इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (Ministry of Electronics IT) द्वारा की जा रही है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि दुनिया भर के राष्ट्र और समाज AI से उत्पन्न होने वाले नए खतरों और जोखिमों के बारे में तेजी से जागरूक हो रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Shivani Kotnala Publish:Wed, 03 Jul 2024 01:35 PM (IST) Updated:Wed, 03 Jul 2024 09:01 PM (IST)
सभी कर सकेंगे एआई का इस्तेमाल, अश्विनी वैष्णव ने कहा- अगले 2-3 महीने में लॉन्च हो जाएगा भारत का AI मिशन
Global IndiaAI Summit 2024:AI से उभरते खतरों को लेकर दुनिया बन रही जागरूक

HighLights

  • Global IndiaAI Summit 2024 इवेंट नई दिल्ली में आयोजित हुआ है।
  • यह दो दिवसीय प्रोग्राम एआई से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए खास होगा।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जोखिम को कम करने के लिए या इससे होने वाले नुकसान से बचने के लिए सरकार नियम बनाने की तैयारी में है। बुधवार को ग्लोबल इंडिया एआइ समिट के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस बारे में चर्चा चल रही है, लेकिन इसके लिए राजनीतिक सहमति की आवश्यकता होगी।

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार चाहती है कि टेक्नोलाजी देश के हर व्यक्ति के लिए उपलब्ध हो, इसलिए अन्य डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की तरह एआई के इस्तेमाल के लिए भी सरकार पब्लिक प्लेटफार्म बनाएगी जिसका इस्तेमाल कोई भी कर सकेगा।

अगले दो-तीन महीने में लॉन्च होगा IndiaAI मिशन

इसके लिए एक फ्रेमवर्क भी तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एआई मिशन को कैबिनेट की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है और अगले दो-तीन माह में एआई मिशन लांच हो सकता है। इस मिशन के लिए 10,300 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया जाएगा।

वैष्णव ने कहा कि एआई को लेकर पूरी दुनिया में वैधानिक फ्रेमवर्क तैयार किया जा रहा है। यूरोपीय संघ ने इस साल मार्च में एआई कानून लाने की घोषणा कर दी है। अमेरिका में एआई से सुरक्षा को लेकर हाल ही में आदेश पारित किया गया है।

संयुक्त राष्ट्र भी इस दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि एआई की चुनौतियों से सभी देश को मिलकर निपटना होगा और पिछले साल हिरोशिमा प्रोसेस के तहत इसकी शुरुआत हो चुकी है।

@GPAI_PMIA has helped build foundations for global thought processes on AI

With OECD, @UN, all working together, we need to combine our efforts and make sure humanity harnesses the potential of AI, while containing its risks

- Minister, @GoI_MeitY #GlobalIndiaAISummit pic.twitter.com/IBEI86bBHx— PIB in Chandigarh (@PIBChandigarh) July 3, 2024

अभी उद्योग से लेकर हर कोई इस बात को लेकर मंथन कर रहा है कि आने वाले समय में एआई कैसे उन्हें प्रभावित करेगा। एआई ने सभी सेक्टर अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है और पूरी दुनिया इसका अनुभव कर रही है। हाल ही में होने वाले चुनाव में भी एआई का असर देखा गया।

आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों के लिए बड़ा उपकरण

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी चुनौतियों का प्रभावी समाधान केवल सामूहिक वैश्विक प्रयासों से ही हो सकता है। वैष्णव ने कहा कि एआई मिशन में भारत का दृष्टिकोण टेक्नोलाजी का लोकतंत्रीकरण करना होगा। एआई आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों के लिए एक बहुत बड़ा उपकरण हो सकता है।

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