New Telecommunications Act: सिम कार्ड लिमिट से लेकर लाइसेंसिंग में बदलाव तक; नए टेलीकॉम रूल में क्या है खास

26 जून 2024 को दूरसंचार अधिनियम 2023 के कार्यान्वयन के साथ भारत के दूरसंचार परिदृश्य में एक ऐतिहासिक बदलाव हुआ। यह नया अधिनियम भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम (1885) और भारतीय वायरलेस टेलीग्राफ अधिनियम (1933) जैसे पुराने कानूनों की जगह लेता है जिससे भविष्य के लिए सही नियामक टांचे की तैयारी होगी। नए अधिनियम के तहत प्रति व्यक्ति सिम की संख्या को नौ तक लिमिट कर दिया गया है।

By Ankita Pandey Edited By: Ankita Pandey Publish:Thu, 27 Jun 2024 01:30 PM (IST) Updated:Thu, 27 Jun 2024 01:30 PM (IST)
New Telecommunications Act: सिम कार्ड लिमिट से लेकर लाइसेंसिंग में बदलाव तक; नए टेलीकॉम रूल में क्या है खास
नए अधिनियम के साथ लिमिट हो गई प्रति व्यक्ति सिम की संख्या

HighLights

  • 26 जून से भारत में लागू हुआ नया दूरसंचार अधिनियम 2023
  • लाइसेंसिंग व्यवस्था को भी समाप्त करता है नया अधिनियम
  • इस अधिनियम के तहत सिम कार्ड की सीमा को भी लिमिट कर दिया गया है।

टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। बीते शुक्रवार यानी 21 जून को सरकार द्वारा जारी एक सरकारी नोटिफिकेशन में बतााया गया था कि 26 जून से दूरसंचार अधिनियम 2023 की कुछ धाराओं के तहत नए नियम प्रभावी हो जाएंगे। ये नया अधिनियम भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम 1885 वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम (1933) और टेलीग्राफ वायर (अवैध कब्जा) अधिनियम (1950) पर आधारित दूरसंचार क्षेत्र के लिए मौजूदा और पुराने रेगुलेटरी इंफ्रास्ट्रक्चर की जगह लेगा।

नए नियमों की खास बातें

यह नया अधिनियम टेलीकॉम क्षेत्र में तेजी से हो रही विकास को स्वीकार करता है और नवाचार को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखता है। यह 'नियामक सैंडबॉक्स' की शुरुआत में स्पष्ट है जो नई तकनीकों के परीक्षण और तैनाती की सुविधा देता है। इसके अलावा यह अधिनियम लाइसेंसिंग व्यवस्था को भी समाप्त करता है और इसे अधिक सुव्यवस्थित प्राधिकरण सिस्टम के साथ बदलता है। इससे टेलीकॉम मार्केट में प्रवेश करने की इच्छुक कंपनियों के लिए प्रक्रिया सरल हो सकती है। यह अधिनियम सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा, पब्लिक ऑर्डर या अपराधों को रोकने से संबंधित इमरजेंसी की स्थिति के दौरान टेलीकॉम सेवाओं और नेटवर्क पर कंट्रोल रखने का अधिकार देता है। यह अधिनियम स्वतंत्र प्रेस के महत्व को मान्यता देता है। वैध मान्यता वाले पत्रकारों द्वारा भेजे गए मैसेज को आम तौर पर निगरानी से छूट दी जाती है। मगर कंटेंट राष्ट्रीय सुरक्षा से संबधित होने पर इनपर रोक है क्योंकि ये संभावित खतरा पैदा करती है।

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कंज्यूमर प्रोटेक्शन पर खास ध्यान

नए कानून के साथ कंज्यूमर प्रोटेक्शन को भी महत्व दिया गया है।इसके तहत सिम कार्ड की सीमा को भी लिमिट कर दिया गया है। इस नए कानून के तहत देश भर में एक व्यक्ति अधिकतम नौ सिम कार्ड को रजिस्टर कर सकता है। वहीं जम्मू और कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों में यह सीमा घटाकर छह कर दी गई है। इसमें सिम कार्ड से जुड़े स्कैम को रोकने में मदद मिलेगी। इसके अलावा अधिनियम विनियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना लगाता है। अगर आप लिमिट से अधिक सिम कार्ड रखते हैं तो आप पर 50,000 रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाता है। इसी तरह, धोखाधड़ी के माध्यम से सिम कार्ड लेने पर जेल और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। इसके अलावा नए अधिनियम के तहत लोगों को कमर्शियल मैसेज से भी छुटकारा मिलेगा, अगर ऑपरेटर इसे नहीं मानते हैं तो इसके लिए ऑपरेटर को 2 लाख रुपये तक का जुर्माना देना होगा। इसके तहत सरकार को अधिकार मिलता है कि वह निजी संपत्तियों पर मोबाइल टावर लगाने या दूरसंचार केबल बिछाने की अनुमति दे सकती है। इससे बेहतर नेटवर्क कवरेज के लिए बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी आ सकती है।

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