New Telecommunications Act: भारत में लागू हुआ नया दूरसंचार अधिनियम, 26 जून से होंगे बदलाव

बीते शुक्रवार को जारी एक सरकारी नोटिफिकेशन में कहा गया कि दूरसंचार अधिनियम 2023 की कुछ धाराओं के तहत नियम 26 जून से प्रभावी हो जाएंगे। दूरसंचार अधिनियम 2023 भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम 1885 वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम (1933) और टेलीग्राफ वायर (अवैध कब्जा) अधिनियम (1950) पर आधारित दूरसंचार क्षेत्र के लिए मौजूदा और पुराने विनियामक ढांचे का स्थान लेगा। आइये इनके बारे में जानते हैं।

By AgencyEdited By: Ankita Pandey Publish:Sat, 22 Jun 2024 11:09 AM (IST) Updated:Sat, 22 Jun 2024 11:09 AM (IST)
New Telecommunications Act: भारत में लागू हुआ नया दूरसंचार अधिनियम, 26 जून से होंगे बदलाव
26 जून से लागू होंगे नए अधिनियम, जानिए क्या होंगे बदलाव

HighLights

  • भारत के दूरसंचार परिदृश्य में कुछ जरूरी परिवर्तन किए जा रहे हैं।
  • इन बदलावों को 26 जून से आंशिक रुप से लागू किया जाएगा।
  • ये अधिनियम सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा, कूटनीति या युद्ध के समय में दूरसंचार सेवाओं या नेटवर्क पर नियंत्रण रखने का अधिकार देता है।

पीटीआई, नई दिल्ली। दूरसंचार अधिनियम, 2023 की प्रमुख धाराओं के कार्यान्वयन के साथ भारत के दूरसंचार परिदृश्य में कुछ जरूरी परिवर्तन हो रहा है। यह अधिनियम भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885, वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम (1933) और टेलीग्राफ वायर (अवैध कब्जा) अधिनियम (1950) द्वारा शासित पुराने विनियमों की जगह लेता है।

26 जून, 2024 से अधिनियम की कुछ धाराएं प्रभावी होंगी, जिनको हम यहां लिस्ट कर रहे हैं। आइये इनके बार में जानते हैं।

प्रभावित होंगी ये धाराएं

धारा 1 और 2: ये दो धाराएं अधिनियम के लिए आधार तैयार करती हैं। धारा 10-30: ये धाराएं टेलीकॉम इंडस्ट्री के लिए रूपरेखा तैयार करती हैं। इसके अलावा लाइसेंसिंग, मिलने वाली सर्विस और कंज्यूमर प्रोटेक्शन जैसे क्षेत्रों की रूपरेखा बनाती हैं। धारा 42-44: ये धाराएं इंडस्ट्री के भीतर विवाद सॉल्यूशन सिस्टम को संबोधित कर सकती हैं। धारा 46 और 47: इनमें स्पेक्ट्रम एलॉटमेंट और मैनेजमेट से संबंधित प्वॉइंट हैं। धारा 50-58: ये धाराएं बुनियादी ढांचे के विकास और साझाकरण से संबंधित हो सकती हैं। धारा 61 और 62: ये धाराएं दंड और प्रवर्तन तंत्र पर ध्यान केंद्रित कर सकती हैं।

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क्या होंगे बदलाव

ये अधिनियम सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा, कूटनीति या युद्ध के समय में दूरसंचार सेवाओं या नेटवर्क पर नियंत्रण रखने का अधिकार देता है। यह सार्वभौमिक सेवा दायित्व निधि को डिजिटल भारत निधि के रूप में नया रूप दिया जाएगा। यह निधि अब ग्रामीण क्षेत्रों में दूरसंचार सेवाओं को बढ़ावा देने की अपनी मौजूदा भूमिका के अलावा अनुसंधान और विकास और पायलट परियोजनाओं का समर्थन करेगी। नए नियम स्पैम और दुर्भावनापूर्ण संचार के खिलाफ सुरक्षा उपायों को अनिवार्य करके उपयोगकर्ता सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं। ये अधिनियम दूरसंचार बुनियादी ढांचे को तैनात करने की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए, अधिकारों के लिए गैर-भेदभावपूर्ण पहुंच का मार्ग प्रशस्त करता है। इसके साथ ही केंद्र सरकार को केबल और डक्ट के लिए सामान्य बुनियादी ढांचा कॉरियोर स्थापित करने का अधिकार मिलता है, जिससे अधिक कुशल नेटवर्क विकास हो सकता है। इन बग का उद्देश्य भारत के दूरसंचार क्षेत्र का आधुनिकीकरण करना, नवाचार को बढ़ावा देना, उपयोगकर्ता सुरक्षा और डिजिटल युग के लिए अधिक मजबूत बुनियादी ढांचा बनाना है।

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