2023 की पहली छमाही में भारत में दोगुने हुए Ransomware हमले , रिपोर्ट में मिली जानकारी
एक नई रिपोर्ट में जानकारी मिली है कि भारत में 2023 की पहली छमाही में रैंसमवेयर हमले दो गुने हो गए है। इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि आजकल स्कैमर्स और अटैक्स अधिक एडवांस होते जा रहे है। वे लोगों के ठगने और हमला करने के लिए नए-नए और गुप्त तरीके अजमा रहे हैं। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
HighLights
- 2023 की छमाही में भारत में साइबर हमले दोगुना बढ़ गए।
- भारत में ये हमले 133 प्रतिशत बढ़ गए है।
- वैश्विक स्तर पर रैंसमवेयर हमलों में 41 फीसदी की गिरावट आई है।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। Ransomware Cyber Attacks 2023: साइबर अटैक की घटनाएं दिन पर दिन बढ़ती जा रही है और रैंसमवेयर से सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है। सोनिकवॉल की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2023 की पहली छमाही में रैंसमवेयर और आईओटी साइबर हमलों में भारी वृद्धि देखी गई।
ऐसा इसलिए है क्योंकि अपराधियों ने दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों के लिए गुप्त तरीकों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। वहीं अमेरिका और ब्रिटेन जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में रैंसमवेयर हमलों में गिरावट देखी गई।
भारत में बढ़ी रैंसमवेयर अटैक की संख्या
जहां भारत में ये हमले 133 प्रतिशत बढ़ गई है वहीं जर्मनी (52 प्रतिशत) के साथ उन देशों में से हैं, जिन्होंने ऐसे हमलों में भारी वृद्धि देखी। इसकी जानकारी 2023 सोनिकवॉल मिड-ईयर साइबर जनवरी-जून अवधि के खतरा रिपोर्ट में मिली।
रिपोर्ट में मिली ये जानकारी
रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर क्रिप्टोजैकिंग (399 प्रतिशत), आईओटी मैलवेयर (37 प्रतिशत) और एन्क्रिप्टेड खतरे (22 प्रतिशत) सहित कई अन्य हमलों का चलन बढ़ा है। वहीं वैश्विक स्तर पर रैंसमवेयर हमलों में 41 फीसदी की गिरावट आई है।
बढ़ रही है टेक्नोलॉजी
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि साइबर अपराधी महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर हमला करने के लिए अपने कौशल सेट में विविधता और विस्तार कर रहे हैं, जिससे खतरे का परिदृश्य और भी जटिल हो गया है और संगठनों को अपनी सुरक्षा जरूरतो पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। हालांकि भारत में क्रिप्टो हमलों में कम वृद्धि देखी गई, लेकिन कुल मिलाकर रैंसमवेयर और IoT हमलों में भारी वृद्धि हुई है।
सुरक्षित नहीं हैं फार्मास्यूटिकल्स जैसे बड़े सेक्टर्स
सोनिकवॉल में क्षेत्रीय बिक्री, एपीजे के उपाध्यक्ष देबाशीष मुखर्जी ने कहा कि साइबर हमलों में बढ़ोतरी से भारत की आर्थिक महत्वाकांक्षाओं के लिए बड़ा जोखिम पैदा हो गया है, विनिर्माण से लेकर फार्मास्यूटिकल्स तक के उद्योग अधिक असुरक्षित हो गए हैं क्योंकि वे परिचालन का डिजिटलीकरण जारी रख रहे हैं।
वैश्विक स्तर पर रैंसमवेयर हमले में गिरावट का कारण बताते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि डेटा से पता चलता है कि कानून प्रवर्तन गतिविधि में वृद्धि, भारी प्रतिबंधों और पीड़ितों द्वारा फिरौती की मांग का भुगतान करने से इनकार करने से आपराधिक आचरण में बदलाव आया है और धमकी देने वाले लोग राजस्व के अन्य साधनों को निशाना बना रहे हैं।