महंगा हो सकता है मोबाइल और लैंडलाइन नंबर का इस्तेमाल, क्या है इसके पीछे की वजह

ट्राई ने नंबर आवंटन के बदले शुल्क लेने का प्रस्ताव रखा ऐसा होने पर कंपनियां ग्राहकों पर बोझ डाल सकती हैं। इस कारण लैंडलाइन और मोबाइल नंबर पर ज्यादा चार्ज लग सकता है। बता दें कि अभी तक मोबाइल और लैंडलाइन सेवाओं के लिए नंबर कंपनियों को निशुल्क आवंटित किए जाते हैं। लंबे समय से ये बात चर्चा में है कि ट्राई ऑपरेटर्स को एक खास कोड वाले नंबर देगी।

By AgencyEdited By: Ankita Pandey Publish:Fri, 14 Jun 2024 11:02 AM (IST) Updated:Fri, 14 Jun 2024 11:02 AM (IST)
महंगा हो सकता है मोबाइल और लैंडलाइन नंबर का इस्तेमाल, क्या है इसके पीछे की वजह
ट्राई के नए प्रस्ताव से महंगा हो सकता है मोबाइल नंबर का इस्तेमाल

HighLights

  • टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई ने मौजूदा और नए अलॉट नंबरों के लिए कंपनियों पर शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा है।
  • इससे नंबरों का विवेकपूर्ण और कुशल उपयोग सुनिश्चित होगा।

पीटीआई, नई दिल्ली। आने वाले समय में मोबाइल और लैंडलाइन नंबर का इस्तेमाल करना महंगा हो सकता है। इसका कारण यह है कि टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई ने मौजूदा और नए अलॉट नंबरों का विवेकपूर्ण और कुशल उपयोग सुनिश्चित करने के लिए कंपनियों पर शुल्क लगाने का प्रस्ताव पेश किया है।

ऐसा होने पर कंपनियां इस शुल्क का बोझ ग्राहकों पर डाल सकती हैं। ट्राई ने इस प्रस्ताव पर सभी हितधारकों से प्रतिक्रिया मांगी है। आपको बता दें कि इससे पहले ट्राई ने हर संस्थान के लिए एक अलग कोड वाले मोबाइल नंबर लाने का प्रस्ताव रखा था। 

नए अलॉट नंबरों पर ट्राई लगाएंगी चार्ज

ट्राई ने अपने हालिया परामर्श पत्र 'राष्ट्रीय नंबरिंग योजना का संशोधन' में कहा है कि नंबर एक बेहद मूल्यवान सार्वजनिक संसाधन है और इनकी संख्या असीमित नहीं है। अभी तक मोबाइल और लैंडलाइन सेवाओं के लिए नंबर कंपनियों को निशुल्क आवंटित किए जाते हैं।

ट्राई ने यह भी संकेत दिया है कि वह उन कंपनियों पर वित्तीय जुर्माना लगाने पर विचार करेगा जो आवंटित नंबरों को एक निर्धारित समयसीमा से अधिक समय तक उपयोग में नहीं लाते हैं। नंबर देने का स्वामित्व सरकार के ही पास है।

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कम उपयोग वाले नंबरों पर दंडात्मक प्रविधान

परामर्श पत्र में यह भी कहा गया है कि किसी भी सीमित सार्वजनिक संसाधन का विवेकपूर्ण और कुशल उपयोग सुनिश्चित करने का एक तरीका इसके आवंटन के समय शुल्क लगाना है। कम उपयोग वाले नंबरों को अपने पास रखने वालों के लिए दंडात्मक प्रविधान शुरू करके कुशल उपयोग को अधिक सुनिश्चित किया जा सकता है। इसे देखते हुए नंबर आवंटन के बदले दूरसंचार कंपनियों से मामूली शुल्क वसूलने पर विचार करना समझदारी हो सकती है।

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