Smartphone और Laptop में न करें ये काम, इंटरनेट यूजर की लापरवाहियां साइबर अपराध के लिए हो सकती हैं जिम्मेदार
कई मामलों में देखा जाता है कि साइबर अपराध का शिकार होने की वजह एक इंटरनेट यूजर की ही लापरवाहियां होती हैं। हम इंटरनेट का इस्तेमाल लैपटॉप और मोबाइल में करते हैं लेकिन सिस्टम को साइबर क्राइब प्रूफ बनाना ही भूल जाते हैं। इंटरनेट यूजर को सलाह दी जाती है कि स्मार्टफोन में ऐप्स को इन्स्टॉल करने के लिए प्ले स्टोर और ऐप स्टोर का ही इस्तेमाल करें।
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HighLights
- इंटरनेट पर मौजूद किसी लिंक से ऐप डायरेक्ट डाउनलोड करने से बचना चाहिए।
- अनजान मेल सोर्स से किसी भी अटैचमेंट को डाउनलोड नहीं करना चाहिए।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। डिजिटल वर्ल्ड में साइबर अपराध भी अपने पैर जमा चुका है। इंटरनेट यूजर की एक गलती और बैंक अकाउंट सेकेंड़ों में साफ होते देर नहीं लगती है। हालांकि, कई मामलों से देखा जाता है कि साइबर अपराध का शिकार होने के लिए एक इंटरनेट यूजर की ही लापरवाही जिम्मेदार होती है। हम इंटरनेट का इस्तेमाल लैपटॉप और मोबाइल में करते हैं, लेकिन सिस्टम को साइबर क्राइब प्रूफ बनाना ही भूल जाते हैं।
इस साइबर अपराध से बचने की रखें पूरी तैयारी
DDoS एक साइबर अपराध है जिसमें अटैकर यूजर को इंटरनेट की वेबसाइट और सर्विस तक पहुंचने से रोकने की कोशिश करता है।
इस टेक्नोलॉजी के साथ अटैकर यूजर को रोकते हुए सर्वर पर इंटरनेट ट्रैफिक भर देता है। इंटरनेट का इस्तेमाल करते हुए DDoS (Distributed Denial-of-Service) अटैक से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखा जाना जरूरी है।