‘राम फिर लौटे’ अयोध्या राम मंदिर के उद्घाटन से पहले पढ़ें श्रीराम पर लिखी पुस्तकें, बोलो सियावर रामचंद्र की जय

Shri Ram Books in Hindi - बरसों का इतंजार हुआ खत्म अब बस हर जगह होगी राम नाम की गूंज क्योंकि 22 जनवरी को होने जा रहा राम मंदिर का उद्घाटन जिसके लिए ना जानें कितने सालों तक राम भक्तों ने लड़ाई लड़ी तब जाकर प्रभु श्रीराम की स्थली अयोध्या वापस मिली। ऐसे में हम भी आपके लिए भगवान श्रीराम पर लिखी खास पुस्तकों को लेकर आए हैं।

By Visheshta Aggarwal Publish:Thu, 04 Jan 2024 05:36 PM (IST) Updated:Thu, 04 Jan 2024 05:36 PM (IST)
‘राम फिर लौटे’ अयोध्या राम मंदिर के उद्घाटन से पहले पढ़ें श्रीराम पर लिखी पुस्तकें, बोलो सियावर रामचंद्र की जय
‘राम फिर लौटे’ अयोध्या राम मंदिर के उद्घाटन से पहले पढ़ें श्रीराम पर लिखी पुस्तकें, बोलो सियावर रामचंद्र की जय

Shri Ram Books in Hindi: मेरी चौखट पे चल के आज, चारो धाम आये हैं, बजाओ ढोल स्वागत में, मेरे घर राम आये हैं.. जी हां, अब हर घर, मंदिर, शहर, गांव, कस्बे और यहां तक भगवान राम के भक्त गाएंगे ये ही गाना, क्योंकि बरसों बाद रामलला अपने अयोध्या विराज रहे है। राम मन्दिर अयोध्या में राम जन्मभूमि के स्थान पर बनाया जा रहा एक हिन्दू मन्दिर है जहाँ रामायण के अनुसार, हिन्दू धर्म के भगवान विष्णु के अवतार भगवान श्रीराम का जन्मस्थान है। मन्दिर निर्माण की पर्यवेक्षण श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र कर रहा है। 5 अगस्त 2020 को भारत के प्रधान मन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भूमिपूजन अनुष्ठान किया गया था और मन्दिर का निर्माण आरम्भ हुआ था।

और ऐसे में अयोध्या राम मंदिर में राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होने जा रही है और पूजन प्रक्रिया की शुरुआत 16 जनवरी 2024 से शुरू हो जाएगी। इसके लिए 2 मंडप, 9 हवन कुंड और 121 पुजारी शामिल होंगे। इन्हीं सब के बीच में हम आपके लिए और श्रीराम भक्तों के लिए उनसे जुड़ी कुछ पुस्तकें लेकर आए हैं, जो आप श्रीराम से जोड़ने में मदद करेंगी। प्रभु श्रीराम पर लिखी गई ये पुस्तकें बताएंगी कि किस प्रकार श्रीराम को मर्यादापुरुषोतम कहा जाता है, साथ ही श्रीराम की जीवन गाथा के कई अनसुलझे रहस्यों की भी जानकारी आपको मिलेगी।

Shri Ram Books in Hindi: श्रीराम से जुड़ी पुस्तकों की जानकारी

बरसों का इतंजार हुआ खत्म, अब बस हर जगह होगी राम नाम की गूंज, क्योंकि 22 जनवरी को होने जा रहा राममंदिर का उद्घाटन, जिसके लिए ना जानें कितने सालों तक राम भक्तों ने लड़ाई लड़ी, तब जाकर प्रभु श्रीराम की स्थली अयोध्या वापस मिली। ऐसे में हम भी आपके लिए भगवान श्रीराम पर लिखी खास पुस्तकों को लेकर आए हैं।

1. RAMAYAN KE AMAR PATRA-RAAM (Best Books To Read On Shri Ram)

राम को मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में प्रतिपादित कर एक महान सांस्कृतिक आधार प्रतिष्ठित किया था और उसके बाद अनेक प्रकार से राम कथा का स्वरूप विकसित होता रहा और बाद के आने वाले रचनाकारों ने- "हरि अनंत हरि कथा अनन्ता" के आधार पर राम की कथा को उसके मूल्य की रक्षा करते हुए अपने ढंग से प्रस्तुत किया है।

गोस्वामी तुलसीदास ने रामकथा को भत्तिफ़ का व्यावहारिक केंद्र बिन्दु बना दिया। उनके राम भक्ति के आधार हैं और उनका जीवन ही अनुकरणीय है। गोस्वामी तुलसीदास के बाद भी राम कथा को विभिन्न रूपों में अनुभव किया जाता रहा और जहां-जहां इस विराट भावभूमि में कवियों की दृष्टि में जो स्थल मानवीय दृष्टि से उपेक्षित रह गए उन्हें केंद्र बनाकर राम की कथा में अन्य आयाम जोड़ने का उपक्रम भी जारी रहा। मर्यादा पुरुषोत्तम राम का उपन्यासिक शैली में यह प्रस्तुतीकरण भी अद्भुत है। Book Price: Rs 128.

2. Kodanda Ram Katha (Best Books To Read On Shri Ram)

कोदंड... रामकथा का औपन्यासिक रूप हैं-जो सरल-सहज, प्रवाहमयी भाषा में लिखा गया है। वाल्मीकि रामायण पर आधारित इस कथा में लेखक का कोई अपना आग्रह नहीं। वह राम को अवतारी पुरुष सिद्ध करने का उपक्रम नहीं करते। राम अपनी दिव्यता से स्वत: अपने पुरुषोत्तम रूप को स्थापित करते चले जाते हैं।

यही पुस्तक और लेखक का वैशिष्ट्य है। रामकथा युगों-युगों से कही और सुनी जा रही। महान कवियों, लेखकों और संत विद्वानों ने अपने अपने ढंग से इस कथा को कहा है। पाठक एक बार आरंभ करता है तो पुस्तक को छोड़ नहीं पाता। Book Price: Rs 499.

3. Shri RamCharitmanas Gita Press (Best Books To Read On Shri Ram)

रामचरितमानस" शीर्षक मे मानस का अर्थ राम जी के सदगुणों से भरा चरित्र(कैरेक्टर) को सदैव प्रत्येक व्यक्ति को अपने मन-मष्तिष्क मे रखना चाहिए। आदि काल मे शिव जी ने इस रामकथा चरित्र की रचना कर के अपने मन या हृदय में रख लिया था। सुसमय आने पर पार्वती जी को मधुर शब्दों में सुनाया था।

यह राम कथा सुधिजनों के दिल-दिमाग में कायम है, क्योंकि प्राचीन काल से ही कई देशों में कई रूप हैं, इंडोनेशिया, बर्मा, लंका, जापान और मलेशिया आदि देशों में व्याप्त है। सौ से भी अधिक रामायण का लेखन कार्य हुआ है। जिनमें वाल्मिकी कृत रामायण की रचना सर्वश्रेष्ठ रचना मानी जाती है, जो कि संस्कृत भाषा में रचित है। इसके अलावा तुलसीदास द्वारा रचित रामायण, भावार्थ रामायण, अध्यात्म रामायण, कम्बन ऋषि द्वारा लिखित रामायण आदि रामायण भी क्षेत्र में विशेष रूप से प्रचलित हैं। Book Price: Rs 400.

4. Shri Ramayana (Hindi) (Best Books To Read On Shri Ram)

महाकाव्य रामायण मानव रूप में भगवान, महान श्री राम की कहानी है - उनके जन्म और बचपन से लेकर, राजा जनक की बेटी सीता से उनकी शादी, उस राजनीति तक जिसके कारण उनका वनवास हुआ, वह युद्ध जो उन्होंने रावण के खिलाफ छेड़ा था। जिसने उनकी पत्नी का अपहरण कर लिया था, और अंततः उनकी शानदार जीत हुई और वह अयोध्या के शासक के रूप में पुनः स्थापित हुए।

महर्षि वाल्मिकी जी का महान महाकाव्य, रामायण, सभी को अवश्य पढ़ना चाहिए। प्रभु श्रीराम कैसे मर्यादापुरुषोतम कहलाए और किस प्रकार लक्ष्मण जी को शक्ति लगने पर हनुमान जी संजीवनी बूटी लाकर उनके प्राण बचाए। रावण का वध करने के बाद सीता माता को किस प्रकार अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ा, सब गहन जानकारी मिलेगी रामायण की इस पुस्तक में। Book Price: Rs 289.

5. Sabke Ram Hindi Edition (Best Books To Read On Shri Ram)

‘सबके राम’ पुस्तक प्रभु श्रीराम के काज में लगे लाखों कार्यकर्ताओं के मन के भाव को उजागर करनेवाली है। पुस्तक की एक-एक पंक्ति निश्चित ही देश भर के रामभक्तों के मन में प्रभु राम के प्रति श्रद्धा, प्रेम एवं उनका जीवन कैसा बने, इसकी प्रेरणा देने वाली होगी। पुस्तक देश भर में चले ‘निधि समर्पण अभियान’ में लगे कार्यकर्ताओं के अनुभवों को अपने भीतर समाहित करती है, वहीं प्रभु राम किस प्रकार भारत के कण-कण में व्याप्त हैं, इसे भी बताती है। हम सभी को यह विदित है कि ‘निधि समर्पण अभियान’ विश्व का सबसे बड़ा अभियान रहा है, जिसने भारत के प्रत्येक हिस्से के जनमानस को यह अवसर उपलब्ध कराया कि वह भी वर्षों से प्रतीक्षित प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में भव्य मंदिर के निर्माण का हिस्सा बन सके।

इसलिए समाज के सभी वर्गों के हर आयु के बाल, युवा, महिला, पुरुष, वृद्ध ने हृदय खोलकर अपनी क्षमतानुसार निधि समर्पित की। उत्तर-पूर्व के अंतिम छोर की 95 वर्षीय महिला का समर्पण हो अथवा भारत की समुद्री सीमा एवं तटीय प्रदेश तमिलनाडु, केरल या फिर उत्तर के हिमालयी प्रदेश जम्मू-कश्मीर, लददाख आदि हों, सभी को राम-काज से जोड़ दिया। यह पुस्तक जहाँ भारत के सभी प्रांतों से प्रभु श्रीराम के संदर्भ में प्राप्त अनुभवों का संकलन है तो वहीं भारत की अस्मिता को दुनिया से परिचित कराने वाले प्रभु श्रीराम के जीवन के विभिन्न पहलुओं का भी वर्णन करती है। Book Price: Rs 192.

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Posted By Visheshta Aggarwal