भोले बाबा के एस्कॉर्ट में शामिल होते हैं ये लोग, खाकी उतारकर पहन लेते हैं गुलाबी वर्दी, फिर करते हैं सेवा

भोले बाबा के सत्संग में पूरी व्यवस्थाएं स्वयंसेवकों के हाथ में ही होती हैं। उनके जाने से पहले ही स्वयंसेवक कार्यक्रम स्थल पर पहुंच जाते हैं। बाबा के बहुत से शिष्य पुलिस में हैं। वे सत्संग के समय पर छुट्टी लेकर आते हैं और बाबा की फ्लीट को वे एस्कॉर्ट करते हैं। ये ही अनुभवी पुलिसकर्मी आयोजन स्थल पर डी बनाते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Shivam Yadav Publish:Tue, 02 Jul 2024 06:27 PM (IST) Updated:Tue, 02 Jul 2024 06:27 PM (IST)
भोले बाबा के एस्कॉर्ट में शामिल होते हैं ये लोग, खाकी उतारकर पहन लेते हैं गुलाबी वर्दी, फिर करते हैं सेवा
फ्लीट को एस्कोर्ट करते हैं पुलिस कर्मी।

HighLights

  • बाबा के बहुत से शिष्य पुलिस कर्मी हैं।
  • अनुभवी पुलिसकर्मी ही आयोजन स्थल पर डी बनाते हैं।

जागरण संवाददाता, हाथरस/आगरा। हाथरस के सिकंदराराऊ में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 130 से अधिक लोगों की मौत हो गई। सत्संग के समापन पर मची इस भगदड़ के पीछे कार्यक्रम के व्यवस्थापकों की लापरवाही कारण मानी जा रही है। यहां कथा कहने आए भोले बाबा से जुड़े कई फैक्ट अब सामने आए हैं। 

बताया गया कि बाबा के सत्संग में सेवा के लिए पुलिसकर्मी भी छुट्टी लेकर पहुंचते हैं। भोले बाबा के सत्संग में पूरी व्यवस्थाएं स्वयंसेवकों के हाथ में ही होती हैं। उनके जाने से पहले ही स्वयंसेवक कार्यक्रम स्थल पर पहुंच जाते हैं। 

बाबा की फ्लीट को एस्कॉर्ट करते हैं पुलिसकर्मी

कार्यक्रम स्थल के आसपास की सड़कों पर स्वयंसेवक गुलाबी वर्दी पहनकर डंडे लेकर यातायात संचालन के लिए खड़े हो जाते हैं। बाबा के बहुत से शिष्य पुलिस में हैं। वे सत्संग के समय पर छुट्टी लेकर आते हैं और बाबा की फ्लीट को वे एस्कॉर्ट करते हैं। 

ये ही अनुभवी पुलिसकर्मी आयोजन स्थल पर डी बनाते हैं। पानी पिलाने से लेकर मंच और पंडाल की व्यवस्थाएं भी स्वयंसेवकों के हाथ में ही होती हैं।

भोले बाबा का असली नाम क्या है?

हाथरस में जिस बाबा के सत्संग में भगदड़ मची, वह यूपी के जिला कासगंज के पटियाली के बहादुर नगर के रहने वाले हैं। इनका मुख्य नाम एसपी सिंह है। इन्होंने अध्यात्म की दुनिया में अपना नाम  साकार विश्व हरि भोले बाबा रखा हुआ है। इनके अनुयायी इन्हें भोले बाबा के नाम से ही पुकारते हैं।

सत्संग के लिए छोड़ी नौकरी

अध्यात्म और उपदेश के शौक ने एसपी सिंह को भोले बाबा बना दिया। एसपी सिंह पहले पुलिस विभाग में एसआई के पद पर तैनात थे। नौकरी के दौरान ही एसपी सिंह ने उपदेश देना शुरू किया और 17 वर्ष पहले नौकरी छोड़कर पूरी तरीके से अध्यात्म की दुनिया में कदम रखा। हालांकि, हाथरस में हादसे के बाद बाबा फरार हो चुके हैं।

यह भी पढ़ें: Hathras Satsang Stampede Live: हाथरस हादसे की हर घटनाक्रम पर सीएम योगी की सीधी नजर, मुआवजे का एलान

यह भी पढ़ें: Hathras Stampede: सत्संग के दौरान भगदड़ में 100 के पार पहुंची मृतकों की संख्या, मरने वालों में अधिकतर महिलाएं

chat bot
आपका साथी