सैंया में डिलीवरी के बाद चली गई प्रसूता की जान

विरोध देख हास्पिटल का ताला लगाकर संचालक स्टाफ समेत फरार

By JagranEdited By: Publish:Fri, 06 Aug 2021 06:25 AM (IST) Updated:Fri, 06 Aug 2021 06:25 AM (IST)
सैंया में डिलीवरी के बाद चली गई प्रसूता की जान
सैंया में डिलीवरी के बाद चली गई प्रसूता की जान

जागरण टीम, आगरा। डिलीवरी के बाद प्रसूता की उपचार के दौरान मौत हो गई। स्वजन ने सैंया के सूर्याश हास्पिटल के बाहर विरोध जताया। यह देख संचालक हास्पिटल का ताला लगाकर स्टाफ समेत फरार हो गया। पुलिस ने समझा बुझाकर मामला शांत कराया। पुलिस फिलहाल तहरीर का इंतजार कर रही है।

सैंया के अयेला गांव निवासी शिवराज सिंह दूधिया हैं। उन्होंने बताया कि पत्‍‌नी 24 वर्षीय जमुना देवी को प्रसव पीड़ा होने पर बुधवार देरशाम उन्होंने सैंया के सूर्याश हास्पिटल में भर्ती कराया था। यहां आठ बजे जमुना देवी ने बेटे को जन्म दिया। इसके बाद पत्‍‌नी की तबीयत बिगड़ते ही संचालक ने उन्हें रोहता के मयूर हास्पिटल में रेफर कर दिया। शिवराज सिंह का आरोप है कि यहां गुरुवार दोपहर 12:30 बजे पत्‍‌नी की मौत हो गई। गुस्साए स्वजन शव लेकर सूर्याश हास्पिटल पहुंचे और गेट के बाहर शव रखकर विरोध जताया। यह देख संचालक और स्टाफ हास्पिटल का ताला लगाकर भाग निकले। सूचना पर पुलिस पहुंच गई। सीओ खेरागढ़ भरत कुमार पांडेय ने बताया कि तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। उधर, सीएचसी प्रभारी डा. ऋषि गोपाल ने शिकायत मिलने पर हास्पिटल प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है। रीठई में भरभराकर गिरी मकान की दीवार, तीन दबे

जागरण टीम, आगरा। चंबल, यमुना और उटंगन नदियों के उफान और लगातार बारिश होने से घरों में सीलन आ गई है। बुधवार रात को पिढ़ौरा के रीठई गांव में भूपेंद्र सिंह के मकान की दीवार टिनशेड समेत भरभराकर गिर पड़ी। इससे इसके नीचे सो रहे भूपेंद्र के भाई जितेंद्र सिंह, बाबू सिंह और वीरेंद्र सिंह मलबे में दब गए। चीखपुकार मचते ही आसपास के लोग पहुंच गए। मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला गया। भूपेंद्र ने बताया कि तीनों भाइयों को ज्यादा चोटें नहीं आई हैं। हालांकि मलबे में दबकर उनका सामान नष्ट हो गया। पीड़ित ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है।

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