Railway Alert : पशु टकराने से रुकती है ट्रेन तो प्रति मिनट रेलवे को हजारों का नुकसान, RTI में मिली अहम जानकारी
रेलवे का कहना है कि डीजल से चलने वाली यात्री ट्रेन के एक मिनट खड़ी होने पर 20401 रुपये की क्षति होती है जबकि विद्युत चालित इंजन की यात्री ट्रेन के एक मिनट रुकने पर 20459 रुपये की क्षति होती है। मालगाड़ी के रुकने पर अपेक्षाकृत नुकसान कम होता है।
आगरा [गौरव भारद्वाज]। रेल ट्रैक के आसपास के क्षेत्र में बेसहारा जानवर अक्सर ही ट्रेन से टकरा जाते हैं। जानवर के अवशेष व मांस पहियों में फंस जाने से ट्रेन रुक जाती है या अन्य किसी कारणों से भी ट्रेन रुक जाती है। ट्रेन के पुन: रवाना होने तक जितना समय लगता है, रेलवे को 20 हजार रुपये प्रति मिनट की क्षति होती है। ये जानकारी रेलवे ने आगरा के लोहामंडी निवासी नासिर को सूचना के अधिकार के तहत उपलब्ध कराई है।
नासिर ने ट्रेन से पशुओं के कटने की घटनाओं, रेलवे को होने वाले नुकसान और इस तरह की घटनाएं रोकने के इंतजाम की जानकारी मांगी थी। रेलवे ने अपने जवाब में बताया है कि डीजल से चलने वाली यात्री ट्रेन के एक मिनट खड़ी होने पर 20,401 रुपये की क्षति होती है, जबकि विद्युत चालित इंजन की यात्री ट्रेन के एक मिनट रुकने पर 20,459 रुपये की क्षति उठानी पड़ती है। मालगाड़ी के रुकने पर अपेक्षाकृत नुकसान कम होता है। डीजल इंजन वाली मालगाड़ी एक मिनट रुकने पर 13,334 रुपये व इलेक्टि्रक इंजन वाली मालगाड़ी रुकने पर 13,392 रुपये का नुकसान होता है।
कई तरह से होता है नुकसान : आगरा रेल मंडल के पीआरओ एसके श्रीवास्तव ने बताया कि ट्रेन के खडे़ होने पर डीजल और बिजली खर्च के साथ कर्मचारियों का ओवरटाइम सहित कई कारक होते हैं। दोबारा ट्रेन को स्पीड में लाने के लिए अधिक ऊर्जा की खपत होती है। तीन मिनट में दोबारा ट्रेन रफ्तार पकड़ पाती है। इसके अलावा और भी कारक होते हैं। इन सबको जोड़कर ही नुकसान का आकलन किया जाता है।
आगरा मंडल में 3360 पशु कटे : आगरा रेल मंडल की बात करें तो पिछले चार साल में 2014-15 से लेकर 2018-19 तक 3360 पशु ट्रेन से कट गए। इसमें सबसे ज्यादा पशु वर्ष 2019-20 में 1212 कटे। वर्ष 2014-15 में 230, वर्ष 2015-16 में 506, 2016-17 में 583 और 2017-18 में 831 पशु ट्रेन से कटे। आगरा मंडल के अंतर्गत धौलपुर व पलवल सेक्शन में सबसे ज्यादा पशु रेल ट्रैक पर आने से दुर्घटनाग्रस्त होते हैं।
ट्रैक किनारे बाउंड्रीवाल भी कराई जा रही : बेसहारा जानवरों को ट्रैक पर आने से रोकने के लिए आबादी वाले क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। रेलवे लाइन के किनारे बाउंड्रीवाल भी कराई गई है। आगरा मंडल में 289 किमी बाउंड्रीवाल का निर्माण हो चुका है।