Hathras Satsang Accident: हाथरस भगदड़ के अधिकांश पीड़ितों की हुई पहचान, एक शख्स बोला- 'मेरा तो कुछ नहीं बचा'

अलीगढ़ जोन के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) शलभ माथुर ने पीटीआई-भाषा को बताया कि हाथरस में भगदड़ की घटना में 116 लोगों की मौत हो गई है। उन्होंने बताया कि भगदड़ में मरने वाले अधिकांश लोगों की पहचान कर ली गई है। अधिकारियों ने बताया कि बाकी शवों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। सत्संग में पड़ोसी राज्यों से भी श्रद्धालु आये थे।

By AgencyEdited By: Jeet Kumar Publish:Wed, 03 Jul 2024 06:56 AM (IST) Updated:Wed, 03 Jul 2024 07:02 AM (IST)
Hathras Satsang Accident: हाथरस भगदड़ के अधिकांश पीड़ितों की हुई पहचान, एक शख्स बोला- 'मेरा तो कुछ नहीं बचा'
हाथरस भगदड़ के अधिकांश पीड़ितों की हुई पहचान

पीटीआई, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदरा राव क्षेत्र में आयोजित एक 'सत्संग' के दौरान भगदड़ में मरने वाले 116 लोगों में से अधिकांश की पहचान कर ली गई है। इसकी जानकारी उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि मंगलवार को दी। सत्संग में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के साथ ही पड़ोसी राज्यों से भी श्रद्धालु आये थे।

अलीगढ़ जोन के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) शलभ माथुर ने पीटीआई-भाषा को बताया कि हाथरस में भगदड़ की घटना में 116 लोगों की मौत हो गई है। एटा और हाथरस निकटवर्ती जिले हैं और एटा से भी लोग 'सत्संग' में शामिल होने आए थे। अधिकारियों ने बताया कि बाकी शवों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है।

एक व्यक्ति ने भगदड़ में खोईं अपनी पत्नी, मां और बेटी

हाथरस भगदड़ में अपनी पत्नी, मां और 16 साल की बेटी को खोने वाले विनोद ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि इस हादसे में अपना सब कुछ खो दिया, मेरा तो कुछ नहीं बचा। एएनआई से बात करते हुए विनोद ने कहा कि मुझे पता ही नहीं चला कि वे तीनों सत्संग में गए थे क्योंकि वह कहीं बाहर गए थे। किसी ने विनोद को बताया कि सत्संग में भगदड़ मच गई है जिसके बाद मैं मौके पर पहुंचा तो पता चला कि मेरी 16 साल की बेटी, मां और पत्नी की मौत हो गई है।

बेटी हादसे में घायल हो गई थी डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया

हाथरस हादसे की एक और 16 वर्षीय पीड़िता की मां कमला ने अपनी बेटी रोशनी की मौत पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मैं 20 साल से बाबा के सत्संग में आ रही हूं। आज मैं अपनी 16 साल की बेटी के साथ सत्संग में गई थी और दोपहर करीब दो बजे भगदड़ मच गई। मैं और मेरी बेटी मामूली रूप से घायल हो गईं। ठीक थी लेकिन अस्पताल पहुंचते ही वह बेहोश हो गई, बाद में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

#WATCH | Mother of a 16-year-old who died in the Hathras stampede, Kamala says, " We have been attending the Satsang for the last 20 years and such an incident has never happened...'Parmatama' (Bhole Baba) left around 2-2:30 pm and after that, the incident happened...I lost my… pic.twitter.com/QnAazDZvAa

— ANI (@ANI) July 3, 2024

पत्नी को कई बार बाबा के सत्संग में जाने से किया था मना

इस बीच, पीड़िता गुड़िया देवी के पति महताब ने कहा कि मैंने अपनी पत्नी को कई बार बाबा के सत्संग में जाने से रोका लेकिन वह नहीं मानी। वह हमारी बेटी और दो पड़ोसी महिलाओं के साथ सत्संग में आई थी। दोनों पड़ोसी महिलाएं और मेरी पत्नी की इस घटना में मृत्यु हो गई...मेरी बेटी सुरक्षित है।

ट्रॉमा सेंटर और मुर्दाघर के बाहर भीड़ बढ़ती गई

स्थानीय लोगों ने इस हादसे के लिए प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। जैसे-जैसे घंटे बीतते गए, मौतों का आधिकारिक अनुमान बढ़ता गया और ट्रॉमा सेंटर और मुर्दाघर के बाहर भीड़ बढ़ती गई।

अस्पताल के बाहर एक युवक ने कहा कि लगभग 100-200 लोग हताहत हुए हैं और अस्पताल में केवल एक डॉक्टर था। ऑक्सीजन की कोई सुविधा नहीं थी। कुछ लोग अभी भी सांस ले रहे हैं, लेकिन उचित इलाज की कोई सुविधा नहीं है।

प्रत्यक्षदर्शी शकुंतला देवी ने पीटीआई वीडियो को बताया कि भगदड़ तब हुई जब लोग 'सत्संग' के अंत में कार्यक्रम स्थल से बाहर जा रहे थे। उन्होंने कहा कि बाहर नाले के ऊपर ऊंचाई पर सड़क बनी हुई थी। लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरे हुए थे।

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