Black Box in Trains: विमानों की तर्ज पर ट्रेनों में भी लगाए जा रहे ब्लैक बाक्स, हादसों की वजह जानना हाेेगा आसान

Black Box in Trains उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ ने बताया अभी दो इंजनोंं मेंं प्रयाेग के तौर पर ट्रेन के इंजन में ब्‍लैक बाक्‍स लगाया गया है। बाद में अन्य इंजनोंं में भी लगेगा। ब्‍‍‍‍‍लैक बाक्‍‍‍स से मिलने वाली जानकारी ट्रेेेन हादसों काेे रोकने में मददगार साबित होगी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 21 Dec 2020 02:15 PM (IST) Updated:Mon, 21 Dec 2020 02:15 PM (IST)
Black Box in Trains: विमानों की तर्ज पर ट्रेनों में भी लगाए जा रहे ब्लैक बाक्स, हादसों की वजह जानना हाेेगा आसान
विमान की तरह ट्रेन के इंजनों में भी ब्लैक बाक्स लगाए जा रहेे हैंं।

प्रयागराज, जेएनएन। रेल हादसों के कारणों की तलाश करना अब आसान होगा। इसके लिए ट्रेन के इंजनों में भी विमान की तरह ब्लैक बाक्स लगाए जा रहेे हैंं। इस ब्‍लैक बाक्‍स के अंदर चलती ट्रेन में उसके चालक और कंट्रोल रूम तथा स्‍टेशन मास्‍टर आदि के बीच हुई वार्ता सहित तमाम जानकारियां स्‍वत: फीड हो जाएंगी जो दुर्घटना के बाद जांंच में मददगार साबित होंगी। उत्तर मध्य रेलवे से इसकी शुरुआत हो गई है। अभी प्रयोग के तौर पर दो ट्रेनों मेें ब्‍लैक बाक्‍स लगाए गए हैंं। आने वाले दिनों में कई और ट्रेनों में इसे लगाया जाएगा।

रेल हादसों के कारणों की तलाश मेें होगी आसानी  ट्रेन हादसों से बड़े पैमाने पर जान माल की क्षति होती है। हर हादसे के बाद रेलवे उसके कारणों की तलाश करके आगे ऐसी घटना न होने देनेे के लिए तैयारी करता है। कई बार कारणों की सही पड़ताल न होने से फिर से हादसा होने की आशंका रहती है। इसलिए अब हादसों का कारण जानने और फिर आगे से इसकी पुनरावृत्ति न होने देने के लिए इंजनों में क्रू वाइस एंड वीडियो रिकार्डिंग सिस्टम (सीवीवीआरएस) लगाया जाने लगा है। बोलचाल की भाषा में इसे ही ब्लैक बाक्स कहा जाता है।  

ट्रेन के गंतव्‍‍‍य तक यह उपकरण ऑन रहेगा

अब तक इस उपकरण को विमान में लगाया जाता है, अब इसे ट्रेनों में लगाया जाने लगा है। ट्रेन के संचालन शुरू होने से लेकर बंद होने तक यह उपकरण ऑन रहेगा। इसमेें आडियो और वीडियो की रिकार्डिंग होती रहेगी। उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ अजीत कुमार सिंह ने बताया अभी दो इंजनोंं मेंं प्रयाेग के तौर पर इसे लगाया गया है। आने वाले दिनों में इसे अन्य इंजनोंं में भी लगाया जाएगा। ब्‍‍‍‍‍लैक बाक्‍‍‍स से मिलने वाली जानकारी ट्रेेेन हादसों काेे रोकने में मददगार साबित होगी।

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