उत्तर रेलवे ने एलनगंज में रेलवे लाइन के किनारे बने घर गिराए Prayagraj News
एलनगंज में रेलवे के जमीन पर बने डेढ़ सौ घरों को नादर्न रेलवे तोड़ दिया। इस कार्रवाई से लोग सड़क पर आ गए हैं। आक्रोशित लोगों ने इस मामले में मंडलायुक्त से शिकायत की है।
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प्रयागराज, जेएनएन। एलनगंज में रेलवे लाइन के किनारे छोटे-छोटे पक्के मकानों और झोपड़ियों में रहने वालों द्वारा सांसद केशरी देवी पटेल और मंडलायुक्त डॉ. आशीष गोयल से लगाई गई गुहार भी काम नहीं आई। नार्दन रेलवे ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आरपीएफ और पीएसी की मौजदूगी में यहां करीब 150 पक्के घर और झोपड़ियों को गिरा दिया। इस कार्रवाई से लगभग पांच हजार स्क्वायर फीट जमीन अवैध कब्जे से मुक्त करा ली गई। इस दौरान स्थानीय महिलाओं और पुरुषों ने विरोध भी किया, लेकिन बड़ी संख्या में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें दूर खदेड़ दिया।
रेल दोहरीकरण का काम प्रभावित हो रहा था
एलनगंज क्रासिंग के पास रेलवे लाइन के किनारे जमीन पर कब्जा कर बने घरों के कारण रेल दोहरीकरण का काम प्रभावित हो रहा था। इन मकानों में रहने वाले लोगों को इसे खाली करने का नोटिस नार्दन रेलवे की ओर से काफी पहले दे दिया गया था। कई लोगों ने पहले ही घर खाली कर दिया था, लेकिन तीन दर्जन से अधिक परिवार अब भी वहां रह रहे थे।
नोटिस मिलने के बाद सांसद से लगाई थी गुहार
नोटिस मिलने के बाद यहां के लोगों ने सांसद और मंडलायुक्त से भी दूसरी जगह विस्थापित करने के लिए गुहार लगाई थी। रेलवे से कुछ समय और देने की मांग की थी। सांसद ने एनसीआर के डीआरएम से इस मामले में बात भी की थी, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। नार्दन रेलवे लखनऊ मंडल के एडीआरएम काजी मेराज अहमद आरपीएफ, पीएसी और जेसीबी मशीनों के साथ मौके पर पहुंचे।
टीम को देख लोगों में मच गया हड़कंप
टीम के पहुंचते ही वहां रहने वालों में हड़कंप मच गया। लोग घरों से जल्दी-जल्दी सामान बाहर निकालने लगे। कुछ महिलाओं ने कार्रवाई का विरोध भी किया। इस बीच पूर्व पार्षद शिव सेवक सिंह के साथ अनुराधा, रिचा, सुशील जैन, ज्योति आदि अफसरों से बात करने पहुंचे, लेकिन आरपीएफ के जवानों ने उन्हें अफसरों से मिलने से रोक दिया। इसके बाद जेसीबी से छोटे-छोटे पक्के घर और झोपडि़या गिराई गई।
सड़क पर सामान रखकर बैठे लोग
रेलवे द्वारा कार्रवाई शुरू होने के बाद यहां रहने वालों को घरों में रखा सामान दूसरी जगह शिफ्ट करने तक का मौका नहीं मिला। ज्यादातर परिवार के लोगों ने गृहस्थी का सामान सड़क पर ही रख दिया। घर गिराए जाने से दुखी कई महिलाएं लगातार रोती रहीं।
बोले एनआर के एडीआरएम
एनआर के एडीआरएम काजी मेराज अहमद ने कहा कि अवैध कब्जे के कारण रेलवे लाइन के दोहरीकरण का काम प्रभावित हो रहा था। नोटिस जारी करने के बाद बावजूद जमीन न खाली करने पर कार्रवाई की गई। कार्रवाई करने वाली टीम को पुरस्कृत किया जाएगा।
रेल दोहरीकरण का काम प्रभावित हो रहा था
एलनगंज क्रासिंग के पास रेलवे लाइन के किनारे जमीन पर कब्जा कर बने घरों के कारण रेल दोहरीकरण का काम प्रभावित हो रहा था। इन मकानों में रहने वाले लोगों को इसे खाली करने का नोटिस नार्दन रेलवे की ओर से काफी पहले दे दिया गया था। कई लोगों ने पहले ही घर खाली कर दिया था, लेकिन तीन दर्जन से अधिक परिवार अब भी वहां रह रहे थे।
नोटिस मिलने के बाद सांसद से लगाई थी गुहार
नोटिस मिलने के बाद यहां के लोगों ने सांसद और मंडलायुक्त से भी दूसरी जगह विस्थापित करने के लिए गुहार लगाई थी। रेलवे से कुछ समय और देने की मांग की थी। सांसद ने एनसीआर के डीआरएम से इस मामले में बात भी की थी, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। नार्दन रेलवे लखनऊ मंडल के एडीआरएम काजी मेराज अहमद आरपीएफ, पीएसी और जेसीबी मशीनों के साथ मौके पर पहुंचे।
टीम को देख लोगों में मच गया हड़कंप
टीम के पहुंचते ही वहां रहने वालों में हड़कंप मच गया। लोग घरों से जल्दी-जल्दी सामान बाहर निकालने लगे। कुछ महिलाओं ने कार्रवाई का विरोध भी किया। इस बीच पूर्व पार्षद शिव सेवक सिंह के साथ अनुराधा, रिचा, सुशील जैन, ज्योति आदि अफसरों से बात करने पहुंचे, लेकिन आरपीएफ के जवानों ने उन्हें अफसरों से मिलने से रोक दिया। इसके बाद जेसीबी से छोटे-छोटे पक्के घर और झोपडि़या गिराई गई।
सड़क पर सामान रखकर बैठे लोग
रेलवे द्वारा कार्रवाई शुरू होने के बाद यहां रहने वालों को घरों में रखा सामान दूसरी जगह शिफ्ट करने तक का मौका नहीं मिला। ज्यादातर परिवार के लोगों ने गृहस्थी का सामान सड़क पर ही रख दिया। घर गिराए जाने से दुखी कई महिलाएं लगातार रोती रहीं।
बोले एनआर के एडीआरएम
एनआर के एडीआरएम काजी मेराज अहमद ने कहा कि अवैध कब्जे के कारण रेलवे लाइन के दोहरीकरण का काम प्रभावित हो रहा था। नोटिस जारी करने के बाद बावजूद जमीन न खाली करने पर कार्रवाई की गई। कार्रवाई करने वाली टीम को पुरस्कृत किया जाएगा।
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