अगले साल से मालगाडिय़ां भी रेलवे लाइन पर दौड़ेंगी सुपरफास्ट Prayagraj News

देश में दो डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर बनाया जा रहा है। एक ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर पंजाब के साहनेवाल से कोलकाता के धनकुटी तक है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 26 Jun 2019 09:14 PM (IST) Updated:Thu, 27 Jun 2019 11:14 AM (IST)
अगले साल से मालगाडिय़ां भी रेलवे लाइन पर दौड़ेंगी सुपरफास्ट Prayagraj News
अगले साल से मालगाडिय़ां भी रेलवे लाइन पर दौड़ेंगी सुपरफास्ट Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन: अगले साल ही प्रयागराज से होकर गुजरने वाली  दिल्ली-कोलकाता रेल रूट पर 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से सुपरफास्ट और एक्सप्रेस ट्रेनें दौड़ सकेंगी। यात्री ट्रेनें न तो लेटलतीफी की शिकार नहीं होंगी और न ही आउटर पर घंटों खड़ी होंगी। यही नहीं देश में पहली बार गुड्स ट्रेनें भी 100 किमी की रफ्तार से दौड़ेंगी। अभी तक मालगाडिय़ों की औसत गति 30 किमी प्रति घंटे ही है। सबसे खास यह कि मालगाडिय़ां भी टाइम टेबल से चलेंगी। यह संभव हो सकेगा डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर से। देश में दो डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर बनाया जा रहा है। एक ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर पंजाब के साहनेवाल से कोलकाता के धनकुटी तक है। दूसरा वेस्टर्न कॉरीडोर नोएडा से मुंबई स्थित जवाहर लाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट तक है। दोनों कॉरीडोर का नोएडा में ज्वाइंट जंक्शन होगा। 

रेल माल भाड़ा परियोजना का खाका वर्ष 2007 में खींचा गया था। इसके बाद वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परियोजना की बढ़ी लागत को मंजूरी दी थी। इस रेलमार्ग का निर्माण डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर कॉरपोरेशन (डीएफसीसी) कंपनी करा रही है। इस रेल रूट का काम कानपुर से पं.दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (मुगलसराय) के बीच छह गुना तेज हो गया है। प्रयागराज में टोंस नदी पर पुल बनकर तैयार हो गया है। यमुना नदी पर पुल के पिलर लगभग तैयार हो चुके हैं। मैकेनाइज्ड ट्रैक बिछाए जाने का काम जल्द ही शुरू होगा। 

दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर अभी मालगाड़ी और यात्री ट्रेनों के लिए एक ही ट्रैक होने से प्रयागराज से नई दिल्ली की ओर जाने वाली अधिकांश यात्री ट्रेनें तीन से सात घंटे की देरी से चल रही हैं। देश के सबसे व्यस्त रेलवे रूट से मालगाड़ी हटी तो पं.दीनदयाल जंक्शन से गया जाने वाली ट्रेन व पं.दीनदयाल जंक्शन से दिल्ली और मुंबई की ट्रेनों की लेटलतीफी खत्म हो जाएगी। इसका फायदा पटना से दिल्ली व कोलकाता से दिल्ली आने-जाने वाली ट्रेनों को भी होगा। प्रयागराज से अभी रोज 320 ट्रेनें गुजरती हैं। अलग रूट होने से 135 पैसेंजर ट्रेनें ही इस रूट पर बचेंगी। प्रयागराज-दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के मुख्य परियोजना प्रबंधक ओमप्रकाश ने बताया कि प्रयागराज से मुगलसराय के बीच लगभग 72 फीसद काम पूरा हो चुका है। अक्टूबर 2020 तक इस रूट पर मालगाडिय़ों को दौड़ा दिया जाएगा। बिजली व ऑटोमैटिक सिंग्नलिंग का कार्य शीघ्र ही शुरू कराया जाएगा। 

 खास बातें:

6.5 हजार करोड़ रुपये है कानपुर से दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन तक बजट

160 की स्पीड में दौड़ेगी एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनें

110 किमी प्रति घंटे की चल सकेंगी मालगाडिय़ां

-08 राज्यों में माल ढुलाई के लिए बन रहा ईस्टर्न कॉरीडोर

-1839 किमी की कुल लंबाई है ईस्टर्न कॉरीडोर की 

-12 स्टेशन बनाए जा रहे कानपुर व दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन के बीच

33 टन माल लोड होगा मालगाडिय़ों में, अभी 22 टन होता था लोड

कॉरीडोर की विशेषताएं:

-इस विशेष रेल मार्ग पर सिर्फ मालगाडिय़ां ही चलेंगी

-इसके बन जाने के बाद पैसेंजर ट्रेनों की लेटलतीफी दूर होगी

-पैसेंजर ट्रेनें आउटर पर घंटों नहीं होंगी, सीधे स्टेशन पहुंचेंगी

-व्यापार की सुगमता बढ़ेगी, तेजी से माल ढुलाई हो सकेगी,

-रेलवे की आय बढ़ेगी, यात्री ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी

-कॉरीडोर में एक भी कॉसिंग नहीं होगी, बिना रुके चलेंगी मालगाडिय़ां 

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