GB Pant Sansthan : आज कुंभ अध्ययन केंद्र का वर्चुअल उद्घाटन करेंगी राज्यपाल Prayagraj News

GB Pant Sansthan प्रो. बद्री नारायण ने बताया कि यह केंद्र अकादमिशियन शोधार्थियों व संस्कृतिकर्मियों को प्रयागराज कुंभ फैलोशिप प्रदान करेगा। इससे मेला के सामाजिक-सांस्कृतिक पक्षों का गहन अध्ययन हो सके। इससे ये अध्ययन विभिन्न सामाजिक विमर्शो का हिस्सा बन सकेगा।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Tue, 15 Dec 2020 08:46 AM (IST) Updated:Tue, 15 Dec 2020 08:46 AM (IST)
GB Pant Sansthan : आज कुंभ अध्ययन केंद्र का वर्चुअल उद्घाटन करेंगी राज्यपाल Prayagraj News
कुंभ मेला प्रयागराज के लिए यह अध्ययन केंद्र एक थिंक टैंक व बौद्धिक संसाधन केंद्र के रूप में विकसित होगा।

प्रयागराज,जेएनएन। झूंसी स्थित गोविन्द बल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान में आज राज्यपाल आनंदी बेन पटेल कुंभ अध्ययन केंद्र का वर्चुअल उद्घाटन करेंगीं। यह आयोजन मंगलवार सुबह 11:45 बजे संस्थान और  प्रयागराज मेला प्राधिकरण के संयुक्त तत्वाधान में किया गया है।

संस्थान के निदेशक प्रोफेसर बद्री नारायण ने बताया कि कुंभ मेला प्रयागराज के लिए यह अध्ययन केंद्र एक थिंक टैंक के साथ बौद्धिक संसाधन केंद्र के रूप में विकसित होगा। इस केंद्र में मेले से सम्बंधित एतिहासिक सामग्री, डाटा, रिपोर्ट व  अध्ययनों का संकलन होगा। यह केंद्र कुंभ मेले पर कार्यशालाओं व सेमिनार के आयोजन के साथ विभिन्न परियोजनाओं पर भी कार्य करके इस डाटाबेस को लगातार समृद्ध करेगा।

50 हजार रुपये की मिलेगी फेलोशिप

प्रो. बद्री नारायण ने बताया कि यह केंद्र अकादमिशियन, शोधार्थियों व संस्कृतिकर्मियों को प्रयागराज कुंभ फैलोशिप प्रदान करेगा। इससे मेला के सामाजिक-सांस्कृतिक पक्षों का गहन अध्ययन हो सके। इससे ये अध्ययन विभिन्न सामाजिक विमर्शो का हिस्सा बन सकेगा। 

मेला में प्रशासन की मदद करेगा केंद्र

केंद्र के संसाधन एक वैज्ञानिक डेटाबेस का कार्य करेंगे। जिससे यह नीति निर्माताओं व प्रशासकों को बेहतर प्रबंधन कौशल के साथ मेला आयोजित करने में मदद कर सके। संस्थान की तरफ से कुंभ मेला में शोध भी किया जा चुका है। जिसमें शोधकर्ताओं ने यह पाया कि किसी भी तरह के प्रचार प्रसार के लिए यह मेला सबसे उपुयक्त जगह है।

संगम के छोर पर जल्द आबाद होगी नई नगरी

संगम के छोर पर जल्द ही अस्थायी नगरी आबाद हो जाएगी। इसकी तैयारी भी लगभग पूरी हो चुकी है। इसके आबाद होते ही फिर से संस्थान की तरफ कई महत्वपूर्ण कार्य किए जाएंगे।

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